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Labour Codes: हफ्ते में 4 दिन काम और फ्री मेडिकल जांच भी ड्रॉफ्ट में शामिल, 1 अप्रैल से लागू होंगे 4 लेबर कोड

Labour Codes: मसौदे के तहत कामगारों को हफ्ते में महज चार दिन ही काम करना पड़ सकता है.

Labour Codes: मसौदे के तहत कामगारों को हफ्ते में महज चार दिन ही काम करना पड़ सकता है.

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MODI GOVERNMENT NEW Labour codes MAY ALLOW Free medical check-up AND 4-day work week among draft rules

श्रम मंत्रालय इंफॉर्मल सेक्टर के कामगारों के लिए एक पोर्टल तैयार कर रहा है जिसे मई या जून 2021 तक शुरू कर दिया जाएगा. (File Photo)

केंद्र सरकार एक ऐसे प्रस्ताव पर विचार कर रही है जिसके लागू होने पर कर्मचारियों को हफ्ते में चार दिन काम करना होगा यानी उन्हें हफ्ते में तीन दिन की छुट्टी मिलेगी. हालांकि, कर्मियों को हर हफ्ते पहले की तरह ही 48 घंटे काम करना होगा, यानी कामकाजी घंटों की लिमिट में बदलाव नहीं होगा. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक श्रम व रोजगार मंत्रालय के सचिव अपूर्व चंद्र ने इससे जुड़ी जानकारी दी. चंद्र के मुताबिक, मंत्रालय इनसे जुड़े चार लेबर कोड्स के नियमों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने पर काम कर रहा है.

चंद्र के मुताबिक राज्यों से भी राय ली जा रही है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब और जम्मू एंड कश्मीर राज्य स्तरीय लेबर कोड्स के मसौदे को एक हफ्ते के भीतर तैयार कर सकते हैं. सरकार एंप्लाईज स्टेट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन के जरिए कामगारों को मुफ्त में मेडिकल चेकअप का भी प्रस्ताव रखा है.

इंफॉर्मल सेक्टर के लिए वेब पोर्टल होगा शुरू

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श्रम सचिव के मुताबिक, अगर वर्किंग डेज की संख्या 5 से कम की जाती है यानी 4 दिन की जाती है तो कंपनियों को तीन पेड हॉलिडेज देना होगा. हालांकि उन्होंने कहा कि 48 घंटे के साप्ताहिक कामकाजी घंटे की सीमा को घटाया-बढ़ाया नहीं जाएगा. मंत्रालय इस साल जून 2021 तक एक वेब पोर्टल शुरू करेगा जिसमें जिग व प्लेटफॉर्म वर्कर्स और माइग्रेंट वर्कर्स समेत अनऑर्गेजनाइज्ड सेक्टर के कामगारों का रजिस्ट्रेशन होगा और इसके तहत उन्हें अन्य प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.

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1 अप्रैल से लागू होना है चारों लेबर कोड्स

केंद्र सरकार जो नियम तैयार कर रही है, उसके अगले सप्ताह तक पूरा हो जाने की उम्मीद है. चंद्र के मुताबिक इसे तैयार करने में सभी स्टेकहोल्डर्स से भी सलाह ली जा रही है. जल्द ही चार कोड लागू हो सकते हैं- कोड ऑन वेजेज, इंडस्ट्रियल रिलेशंस, अकुपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशंस, सोशल सिक्योरिटी कोड्स.

इससे पहले श्रम मंत्रालय ने इन चार कानूनों (लेबर कोड्स) को इस साल 1 अप्रैल 2021 से लागू करने का लक्ष्य निर्धारित किया था. केंद्र सरकार 44 केंद्रीय श्रम कानूनों को मिलाकर चार कानूनों में रखने की प्रक्रिया के अंतिम चरण में है. ये कानून पारिश्रमिक, इंडस्ट्रियल रिलेशंस, सोशल सिक्योरिटी और अकुपेशल सेफ्टी एंड वर्किंग कंडीशंस को लेकर बनाए गए हैं.

पोर्टल पर रजिस्टर्ड असंगठित मजदूरों को मिलेंगी सुविधाएं

इंफॉर्मल सेक्टर के वर्कर्स के लिए एक पोर्टल भी तैयार किया जाना है जिसे पर निर्धारित योजना के मुताबिक प्रोग्रेस है. चंद्र के मुताबिक यह पोर्टल मई या जून 2021 तक शुरू कर दिया जाएगा. इस पोर्टल पर रजिस्टर्ड वर्कर्स को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत एक साल तक दुर्घटना और विकलांगता को लेकर मुफ्त में सुरक्षा मिलेगा यानी कि पोर्टल पर रजिस्टर्ड कामगारों को बिना किसी खर्च के एक साल तक किसी भी दुर्घटना या विकलांगता के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान की जाएगी. लेबर ब्यूरो ने माइग्रेंट वर्कर्स, डोमेस्टिक वर्कर्स, प्रोफेशनल्स व ट्रांसपोर्ट सेक्टर द्वारा जेनेरेट किए गए एंप्लॉयमेंट को लेकर चार नए सर्वे भी शुरू किए है. ब्यूरो ऑल इंडिया एस्टैब्लिशमेंट बेस्ड एंप्लॉयमेंट सर्वे को कमीशन करेगा.

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