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कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के बीच नकदी संकट से जूझ रही केंद्र सरकार को पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) पर उत्पाद शुल्क (Excise Duty) में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी से चालू वित्त वर्ष में 1.6 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिल सकता है. इससे सरकार को कोरोना वायरस संकट के चलते लॉकडाउन (Lockdown) से हो रहे राजस्व नुकसान की भरपाई करने में मदद मिलेगी. मंगलवार देर रात सरकार ने पेट्रोल पर 10 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क बढ़ा दिया. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें दो दशक के निचले स्तर पर चली गई हैं. इस स्थिति का लाभ उठाने के लिए सरकार ने यह निर्णय किया है. दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 71.26 रुपये प्रति लीटर और डीजल के भाव 69.39 रुपये प्रति लीटर हैं.
दो महीने में दूसरी बार बढ़ा उत्पाद शुल्क
औद्योगिक सूत्रों के मुताबिक, दो महीने से कम की अवधि में यह दूसरी बार उत्पाद शुल्क बढ़ाया गया है. वित्त वर्ष 2019-20 के बराबर उपभोग होने पर इससे सरकार को 1.7 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होने की उम्मीद है. हालांकि कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से किए गए बंद के चलते ईंधन के उपभोग में कमी आई है, क्योंकि लोगों की आवाजाही पर रोक है. ऐसे में चालू वित्त वर्ष 2020-21 के बचे 11 महीनों में इस शुल्क बढ़ोत्तरी से होने वाली अतिरिक्त आय 1.6 लाख करोड़ रुपये रह सकती है. इससे पहले सरकार ने 14 मार्च को पेट्रोल और डीजल पर 3-3 रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क बढ़ाया था.
तेल कंपनियों का गिर सकता है मुनाफा
सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने 16 मार्च से पेट्रोल और डीजल की कीमतों को स्थिर रखा है. सरकार के इस कदम से उत्पाद शुल्क के मुकाबले अंतरराष्ट्रीय कीमतों में कमी के चलते उनके द्वारा कमाया गया लाभ गिर सकता है. अधिकारियों ने बताया कि सामान्य तौर पर पेट्रोल-डीजल पर कर की दर बदलने का सीधा असर ग्राहक पर पड़ता है और इसकी कीमतों में फेरबदल होता है, लेकिन 14 मार्च को उत्पाद शुल्क में की गई बढ़ोतरी के बावजूद ईंधन की कीमतें स्थिर रहीं. इस बढ़े हुए शुल्क को कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें गिरने से हुए लाभ से बदल लिया गया.
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18 डॉलर तक आया ब्रेंट
ब्रेंट क्रूड की कीमत 18 डॉलर प्रति बैरल तक गिर गई थी जो 1999 के बाद का सबसे निचला स्तर था. इस बारे में रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (कॉरपोरट वित्त पोषण) ने कहा कि भारत सरकार के पेट्रोल पर 21 डॉलर प्रति बैरल और डीजल पर 27 डॉलर प्रति बैरल कर बढ़ाने से सरकार को 21 अरब डॉलर का राजस्व मिलेगा, यदि साल भर इस शुल्क बढ़ोत्तरी को बरकरार रखा जाता है तो.
2014 से कितनी बड़ी एक्साइज ड्यूटी
सरकार की ओर से जारी हालिया नोटिफिकेशन के अनुसार पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 2 रुपये प्रति लीटर और रोड सेस 8 रुपये प्रति लीटर बढ़ाया गया. वहीं, डीजल में स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी 5 रुपये प्रति लीटर और रोड सेस 8 रुपये प्रति लीटर बढ़ाया. इस तरह, पेट्रोल पर कुल 10 रुपये और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर ड्यूटी बढ़ गई है.
मौजूदा समय में पेट्रोल पर कुल एक्साइज ड्यूटी 32.98 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 31.83 रुपये प्रति लीटर है. नरेंद्र मोदी सरकार ने 2014 में जब सत्ता संभाली थी, उस वक्त पेट्रोल पर एक्साइज 9.48 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 3.56 रुपये प्रति लीटर था. इस तरह, इन तकरीबन छह सालों में पेट्रोल पर एक्साइज में 23.5 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 28.27 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है.
(Input: PTI)