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सरकार अब पेट्रोल और CNG जैसे ईंधनों की होम डिलिवरी शुरू करने पर विचार कर रही है.
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सरकार ग्राहकों की सुविधा के लिए डीजल के बाद अब पेट्रोल और CNG जैसे ईंधनों की होम डिलिवरी शुरू करने पर विचार कर रही है. केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सरकार सभी प्रकार के ईंधनों पेट्रोल, CNG, LNG और LPG के लिए खुदरा बिक्री का नया स्वरूप सामने लाने पर विचार कर रही है. इन नए स्वरूप में ये सारे ईंधन एक ही जगह बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे.
2018 में डीजल की होम डिलिवरी शुरू हुई थी
देश की सबसे बड़ी खुदरा ईंधन कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) ने सितंबर 2018 में एक मोबाइल डिस्पेंसर के माध्यम से डीजल की होम डिलिवरी शुरू की. हालांकि यह सेवा अभी केवल कुछ चुनिंदा शहरों में ही उपलब्ध है. ऐसा कहा जाता है कि ये ईंधन अत्यधिक ज्वलनशील प्रकृति के हैं, इसलिए इनकी होम डिलिवरी काफी जोखिम भरा काम है. इसके लिए संबंधित प्राधिकरणों को सुरक्षित तरीके विकसित करने और उन्हें अनुमोदित करने की जरूरत पड़ेगी.
प्रधान ने 11 राज्यों में 56 नए सीएनजी स्टेशनों का उद्घाटन करते हुए एक समारोह में कहा कि सरकार ने पहले ही डीजल के लिए मोबाइल डिस्पेंसर की शुरुआत कर दी है. एक आधिकारिक बयान में प्रधान के हवाले से कहा गया है कि यह पेट्रोल और एलएनजी के लिए भी शुरू किया जा सकता है. मंत्री ने कहा कि भविष्य में लोग ईंधनों की होम डिलिवरी पाने में सक्षम होंगे.
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एक स्थान पर सभी ईंधन उपलब्ध कराने की भी योजना
सरकार ऊर्जा की दक्षता, किफायत दर, सुरक्षा और उपलब्धता पर काम कर रही है. उन्होंने कहा कि जल्द ही ग्राहकों को केवल एक ही स्थान पर जाना होगा, जहां सभी प्रकार के ईंधन- पेट्रोल, डीजल, सीएनजी, एलएनजी और एलपीजी उपलब्ध कराए जाएंगे. मंत्री ने कहा कि वाहनों और पाइपलाइन से रसोई में सीएनजी की आपूर्ति करने वाला शहरी गैस नेटवर्क जल्द ही देश की 72 फीसदी आबादी तक पहुंचने लगेगा.
इस मौके पर प्रधान ने गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, नई दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश में 56 नए सीएनजी स्टेशनों का उद्घाटन किया. अभी शहरी गैस नेटवर्क में 2,200 से अधिक सीएनजी आउटलेट शामिल हैं और पाइपलाइन के जरिए लगभग 61 लाख लोगों तक रसोई में पीएनजी की आपूर्ति की जा रही है.
प्रधान ने कहा कि देश गैस आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि पीएनजी के उपभोक्ताओं की संख्या 2014 में 25.4 लाख थी, जो अब बढ़कर 60.68 लाख हो गई है. औद्योगिक गैस कनेक्शन 28 हजार से बढ़कर 41 हजार हो गए हैं. इसी तरह सीएनजी वाहनों की संख्या 22 लाख से बढ़कर 34 लाख हो गई है.