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दिल्ली में अब तक मंकीपॉक्स के पांच मामले सामने आ चुके हैं.
Monkeypox Cases in Delhi : देश में मंकीपॉक्स के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. राजधानी दिल्ली में इस बीमारी का पांचवां केस सामने आया है. दिल्ली के लोक नायक जय प्रकाश नारायण हॉस्पिटल (LNJP) के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि दिल्ली में अब तक मंकीपॉक्स (Monkeypox) के पांच मामले सामने आ चुके हैं. राष्ट्रीय राजधानी में सामने आए मंकीपॉक्स के पांचवें केस को मिलाकर अब तक देश में इस बीमारी के कुल 10 मामले सामने आ चुके हैं.
सबसे ताजा केस 22 साल की एक महिला का है, जिसे मंकीपॉक्स का इंफेक्शन होने की पुष्टि की है. इस मरीज का LNJP अस्पताल में ही इलाज चल रहा है. डॉक्टर कुमार के मुताबिक यह महिला करीब एक महीने पहले विदेश यात्रा से लौटी थी. लेकिन उसके बाद से देश में ही रह रही थी. ऐसे में उसे यह इंफेक्शन कब और कैसे लगा, यह जानना महत्वपूर्ण है.
दुनिया के कई देशों में पिछले कुछ अरसे में मंकीपॉक्स के मामले तेजी से बढ़े हैं, जिसे देखते हुए वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन (WHO) 23 जुलाई को इस बीमारी को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर चुका है. उसके ठीक एक दिन बाद यानी 24 जुलाई को देश की राजधानी दिल्ली में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया था.
WHO की तरफ से हुए ऐलान और देश में मंकीपॉक्स का मामला सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने दूसरे देशों से लौट रहे लोगों के देश में प्रवेश करते समय मंकीपॉक्स वायरस की जांच कड़ाई से किए जाने के निर्देश दिए हैं. देश के भीतर भी इस बीमारी के लक्षण पाए जाने पर पूरी जांच करने और संबंधित गाइडलाइन का कड़ाई से पालन करने का आदेश दिया गया है.
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विदेशों से आने वालों और एनआरआई यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे बीमार लोगों, मृत या जीवित जानवरों और अन्य अनजान चीजों से दूरी बनाए रखें. देश में मंकीपॉक्स का पहला केस केरल में सामने आया था. 14 जुलाई को राज्य के कोल्लम जिले में एक शख्स में इसके इंफेक्शन की पुष्टि हुई थी.
WHO के मुताबिक मंकीपॉक्स का वायरस संक्रमित जानवरों से इंसानों में फैल रहा है, जिसे ज़ूनोसिस (zoonosis) कहते हैं. इस वायरस की चपेट में आने वाले संक्रमित व्यक्ति के शरीर में काफी हद तक वैसे ही लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे स्मालपॉक्स का इंफेक्शन होने पर नजर आते हैं.
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कितना खतरनाक है मंकीपॉक्स?
WHO की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक ज्यादातर मामलों में मंकीपॉक्स के लक्षण कुछ हफ्तों में अपने आप ठीक हो जाते हैं. लेकिन कुछ लोगों में यह इंफेक्शन गंभीर मेडिकल समस्याएं पैदा कर सकता है, जिनकी वजह से मौत भी हो सकती है. नवजात या छोटे बच्चों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के मंकीपॉक्स की वजह से गंभीर रूप से बीमार पड़ने या उनकी मौत होने का खतरा अधिक रहता है. अब तक मंकीपॉक्स के मामलों में मौत की दर (Death Rate) 1 से 10% तक रही है. डेथ रेट में यह अंतर कई कारणों से हो सकता है, जिनमें मेडिकल सुविधाओं तक मरीजों की पहुंच अहम है.