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मूडीज इन्वेस्टर सर्विसेज (Moody's) ने अनुमान जताया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2020 में 3.1 फीसदी संकुंचित यानी श्रिंक होगी. यह भी कहा है कि सीमा पर चीन और भारत के बीच तनाव की वजह से एशियाई क्षेत्र में भूराजनीतिक जोखिम बढ़ने की संभावना है. अप्रैल में मूडीज ने भारत की सालाना ग्रोथ 0.2 फीसदी रहने का अनुमान दिया था. लेकिन अब कोरोनावायरस के चलते पैदा हुए अवरोधों को देखते हुए मूडीज ने अनुमान को संशोधित कर दिया है.
हालांकि मूडीज ने उम्मीद जताई है कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2021 में 6.9 फीसदी की ग्रोथ हासिल करेगी. ग्लोबल मैक्रो आउटलुक (2020-21) के लिए जून अपडेट में मूडीज ने कहा है कि वह भारत के लिए 2020 ग्रोथ अनुमान को और कम कर रहा है. इसका कारण है कि आंकड़े जनवरी-मार्च और अप्रैल-जून में कोविड19 से पैदा हुए अवरोधों में विस्तार दर्शा रहे हैं.
2020 में चीन की ग्रोथ रेट होगी 1 फीसदी
Moody's का कहना है कि केवल चीन ही ऐसा G-20 देश होगा, जो इस साल ग्रोथ दर्ज करेगा. चीन की ग्रोथ रेट 2020 में 1 फीसदी रहने का अनुमान है. 2021 में चीन 7.1 फीसदी की ग्रोथ दर्ज करेगा.
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दूसरी छमाही से रिकवरी की उम्मीद
मूडीज ने कहा कि 2020 का अप्रैल-जून वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए कम से कम दूसरे विश्व युद्ध के बाद इतिहास में सबसे बुरी तिमाही माना जाएगा. साल की दूसरी छमाही से हम धीरे-धीरे रिकवरी की उम्मीद कर रहे हैं. लेकिन परिणाम इस बात पर निर्भर करेगा कि सरकारें पब्लिक हेल्थ की सुरक्षा करते हुए अपनी अर्थव्यवस्थाओं को खोल सकती हैं या नहीं.