scorecardresearch

FY22 में 9.3% रहेगी भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर, Moody’s ने GDP ग्रोथ का अनुमान घटाया

मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विसेज ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 के लिए देश की आर्थिक वृद्धि दर के पूर्वानुमान को करीब चार फीसदी घटाकर मंगलवार को 9.3 फीसदी कर दिया.

मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विसेज ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 के लिए देश की आर्थिक वृद्धि दर के पूर्वानुमान को करीब चार फीसदी घटाकर मंगलवार को 9.3 फीसदी कर दिया.

author-image
PTI
एडिट
New Update
Somewhat slower growth due to the second wave and higher fiscal deficits will result in a higher debt burden.

Somewhat slower growth due to the second wave and higher fiscal deficits will result in a higher debt burden.

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विसेज ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 के लिए देश की आर्थिक वृद्धि दर के पूर्वानुमान को करीब चार फीसदी घटाकर मंगलवार को 9.3 फीसदी कर दिया जबकि पहले उसने 13.7 फीसदी वृद्धि का अनुमान रखा था. मूडीज ने भारत की सॉवरेन रेटिंग को नकारात्मक परिदृश्य के साथ बीएए3 पर रखा है. उसका कहना है कि आर्थिक वृद्धि के रास्ते में अड़चनें, ऊंचा कर्ज और कमजोर वित्तीय प्रणाली का सॉवरेन रेटिंग पर असर पड़ता है.

फरवरी में 13.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया था

अमेरिकी रेटिंग एजेंसी ने फरवरी में 2021-22 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के 13.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया था. आधिकारिक अनुमान के मुताबिक, वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था 8 फीसदी संकुचित हुई है. मूडीज ने कहा कि भारत कोविड-19 की भीषण दूसरी लहर का सामना का कर रहा है. जो निकट-अवधि के आर्थिक सुधार को धीमा और लंबी अवधि के विकास गति को कम कर सकता है. कोरोना संक्रमण के नए मामलों में तेजी ने भारत की स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था पर बहुत ज्यादा दबाव डाला जिससे अस्पतालों में चिकित्सा आपूर्ति कम पड़ गई.

Advertisment

उसने कहा कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आर्थिक सुधार को बाधित करेगी और इससे लंबी अवधि के लिए जोखिम बढ़ता है. कोरोना की वजह से लगाए गए लॉकडाउन से आर्थिक गतिविधियों पर अंकुश लगेगा. मूडीज ने हालांकि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के पहली लहर के मुकाबले कम गंभीर होने की उम्मीद जताई. उसने कहा कि पहली लहर के दौरान कई महीनों के लिए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगाया गया था, जबकि इस बार छोटे स्तर पर और कम समय के लिए प्रतिबंध लगाए है. व्यापारी और उपभोक्ता भी महामारी के साथ-साथ आर्थिक संचालन गतिविधियां चलाने के आदी हो गए हैं.

FY22 Estimates: Nomura ने करीब 2% घटाया विकास दर का अनुमान, आर्थिक गतिविधियों में भारी गिरावट

अप्रैल-जून तिमाही तक आर्थिक उत्पादन पर नकारात्मक असर

एजेंसी ने कहा कि उनका अनुमान है कि अप्रैल-जून तिमाही तक आर्थिक उत्पादन पर नकारात्मक असर रहेगा. लेकिन वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में अर्थव्यवस्था मजबूती से रिकवरी करेगी. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के प्रकोप की वजह से उन्होंने आर्थिक वृद्धि दर के पूर्वानुमान को संशोधित किया है. आर्थिक दर के वित्त वर्ष 2021-22 में 13.7 प्रतिशत से घटकर 9.3 फीसदी रहने का अनुमान है.

मूडीज ने कहा कि आर्थिक विकास की बाधाओं, उच्च ऋण बोझ और कमजोर वित्तीय प्रणाली के कारण भारत की रिण स्थिति पर दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है. महामारी के कारण उत्पन्न हुए इन जोखिमों को कम करने या उनका सामना करने के लिए नीति बनाने वाले संस्थान संघर्ष कर रहे हैं.

Moodys Gdp