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मूडीज के आकलन के अनुसार इस वित्त वर्ष भारतीय अर्थव्यवस्था में 11.5 फीसदी की गिरावट रहेगी.
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भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को एक के बाद एक ग्लोबल रेटिंग एजेंसियां 'रेड कार्ड' दिखा रही हैं. भारत की विकास को लेकर हालिया आकलन रेटिंग एजेंसी मूडीज ने जारी किया है. मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस (Moody's Investors Service) ने चालू वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि का अनुमान घटा दिया. मूडीज के आकलन के अनुसार इस वित्त वर्ष भारतीय अर्थव्यवस्था में 11.5 फीसदी की गिरावट रहेगी. इससे पहले मूडीज ने 4 फीसदी गिरावट का अनुमान जताया था.
फिच, क्रिसिल, इंडिया रेटिंग्स ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था की निगेटिव ग्रोथ का अनुमान जताया है. मूडीज का कहना है कि कम ग्रोथ, ज्यादा कर्ज बोझ और कमजोर वित्तीय व्यवस्था का कारण भारत के क्रेडिट प्रोफाइल पर दबाव बढ़ रहा है. कोरोनावायरस महामारी के कारण ये जोखिम और बढ़ गए हैं.
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रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कहा कि अर्थव्यवस्था और फाइनेंशियल सिस्टम में भारी दबाव के कारण परस्पर जोखिम से राजकोषीय स्थिति और बदतर हो सकती है. इसके चलते क्रेडिट प्रोफाइल पर दबाव और बढ़ सकता है. मूडीज ने वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 10.6 फीसदी की रफ्तार से बढ़ने का अनुमान जताया है. बता दें, इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ में 23.9 फीसदी की रिकॉर्ड गिरावट आई थी.
फिच, क्रिसिल, इंडिया रेटिंग्स का आकलन
मूडीज से पहले पहले एक और ग्लोबल एजेंसी फिच ने पिछले सप्ताह भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में अपना अनुमान व्यक्त किया था. एजेंसी ने इस वित्त वर्ष इसमें 10.5 फीसदी की गिरावट का अनुमान जताया है. घरेलू एजेंसियों क्रिसिल और इंडिया रेटिंग्स ने इस वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में क्रमशः 9 फीसदी और 11.8 फीसदी की गिरावट का अनुमान जताया है.