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MP Assembly Election Polls 2023: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे मंगलवार को मध्य प्रदेश के सागर में रैली करेंगे. (File Photo : ANI)
MP Assembly Election 2023 : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे मंगलवार को मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के सागर में एक चुनावी रैली को संबोधित करेंगे. प्रदेश में विधानसभा चुनाव इसी साल के अंत में होने की उम्मीद है. मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया सेल के अध्यक्ष के के मिश्रा ने बताया कि खरगे मंगलवार की दोपहर में एक सभा को संबोधित करेंगे. उन्होंने कहा कि खरगे मंगलवार की सुबह भोपाल पहुंचेंगे, जिसके बाद वे मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ के साथ सड़क के रास्ते सागर जाएंगे.
पहले 13 अगस्त को होने वाली थी खरगे की रैली
कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि खरगे 13 अगस्त को सागर में एक रैली को संबोधित करने वाले थे, लेकिन बाद में इसे रद्द कर दिया गया था. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 अगस्त को ही सागर में संत रविदास के 100 करोड़ रुपये के स्मारक और मंदिर की आधारशिला रखी थी और एक सार्वजनिक सभा को संबोधित किया था. सागर उत्तर पूर्वी मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड इलाके का जिला है, जहां 6 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. इनमें से 5 सीटों पर 2018 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की जीत हुई थी. ये 5 सीटें हैं बीना, नारयोली, जतारा, चंदला और हट्टा. वहीं गुन्नौर की सीट पर कांग्रेस को जीत मिली थी. सागर जिले की कुल 8 सीटों में से 6 सीटें भाजपा ने जीती थीं, जबकि कांग्रेस को केवल 2 सीटों पर जीत मिली थी.
खरगे के दौरे से कांग्रेस को उम्मीद
अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखने वाले कांग्रेस अध्यक्ष खरगे के सागर दौरे से साफ है कि कांग्रेस इस बार इस इलाके में अपने प्रदर्शन में सुधार करने की कोशिश कर रही है. वहीं बीजेपी भी दलित वोटों को अपनी तरफ खींचने की कोशिश में लगी है. मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने सतना के मैहर में संत रविदास का एक मंदिर बनवाया, जो उत्तर प्रदेश से सटे विंध्य क्षेत्र का हिस्सा है. बुंदेलखंड इलाके में मध्य प्रदेश के सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निमाड़ी, दमोह और पन्ना जिले शामिल हैं, जिनमें कुल 26 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें से 15 पर पिछले विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत हुई थी, जबकि कांग्रेस को 9 और समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को एक-एक सीट मिली थी. पूरे मध्य प्रदेश की बात करें तो 2018 के विधानसभा चुनाव में, भाजपा ने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कुल 35 सीटों में से 18 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस को 17 सीटें मिली थीं, जो 2013 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले 13 ज्यादा थीं.
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बीजेपी ने 2018 में हारने के बावजूद कर ली सत्ता में वापसी
सन 2011 की जनगणना के मुताबिक उस समय मध्य प्रदेश में दलितों की आबादी 1.13 करोड़ थी. सन 2004 से 2014 तक कांग्रेस की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने बुंदेलखंड के लिए 8,000 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की थी. 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 230 सदस्यों वाले सदन में 114 सीटें जीतने के बाद कमलनाथ के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनाई. बीजेपी को महज 109 सीटें ही मिल पाईं. लेकिन बाद में तत्कालीन कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके करीबी विधायकों ने पाला बदलकर बीजेपी का दामन थाम लिया, जिसके कारण मार्च 2020 में कमलनाथ सरकार गिर गई और शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा वापस सत्ता में आ गई.