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7th July Muharram Holiday, 7th July public holiday: चांद के हिसाब से तय होगा कि मोहर्रम किस दिन सेलिब्रेट किया जाएगा. (AI Image)
Muharram Holiday 2025 : When will Banks, School remain closed: इस साल मुहर्रम की तारीख को लेकर लोगों के बीच भ्रम की स्थिति बनी हुई है. कहीं सरकारी कैलेंडरों में 6 जुलाई (रविवार) को मुहर्रम की छुट्टी बताई गई है, तो वहीं खगोलीय परिस्थितियों को देखते हुए संभावना है कि अगर चांद एक दिन बाद दिखाई देता है, तो मुहर्रम की तारीख 7 जुलाई (सोमवार) को खिसक सकती है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि स्कूल, कॉलेज और दफ्तरों की सरकारी छुट्टी किस दिन घोषित होगी?
मुहर्रम इस्लामी कैलेंडर के पहले महीने का आरंभ होता है, और इस्लामिक कैलेंडर चांद की स्थिति पर आधारित होता है, इसलिए इसकी तारीख हर साल बदलती है. 2025 में भी यह अनिश्चितता बनी हुई है कि 'आशूरा' यानी 10 मुहर्रम की शुरुआत कब होगी.
मुहर्रम की सही तारीख, 6 या 7 जुलाई?
सरकारी दस्तावेजों और शैक्षणिक संस्थानों के प्रारंभिक कैलेंडरों में 6 जुलाई (रविवार) को मुहर्रम की छुट्टी दर्शाई गई है. उदाहरण के तौर पर, CBSE द्वारा जारी 2025-26 एकेडमिक कैलेंडर में भी यही तारीख दी गई है, लेकिन उसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि "अंतिम निर्णय चांद दिखने पर निर्भर करेगा." यदि चांद 5 जुलाई को नजर नहीं आता है, तो मुहर्रम 7 जुलाई (सोमवार) को मनाया जाएगा, और छुट्टी उसी दिन घोषित हो सकती है.
स्कूलों और कॉलेजों की स्थिति
उत्तर भारत और अन्य राज्यों में जुलाई के पहले हफ्ते से स्कूल खुल चुके हैं, ऐसे में यह छुट्टी छात्रों और अभिभावकों के लिए अहम हो जाती है. CBSE और अन्य बोर्ड के तहत चलने वाले स्कूलों को सलाह दी गई है कि वे स्थानीय प्रशासन या शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार अंतिम निर्णय लें. अभिभावकों से कहा गया है कि वे अपने बच्चों के स्कूल द्वारा भेजे गए नोटिस पर ध्यान दें और किसी भी भ्रम से बचने के लिए स्कूल प्रशासन या वेबसाइट से अपडेट लेते रहें.
कहां-कहां हो सकती है छुट्टी?
उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में मुहर्रम व्यापक रूप से मनाया जाता है, इसलिए इन इलाकों में सरकारी छुट्टी की संभावना है. कुछ राज्यों में जिला स्तर पर भी छुट्टी घोषित की जा सकती है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां मुस्लिम आबादी अधिक है.
मुहर्रम का धार्मिक महत्व
मुहर्रम इस्लाम धर्म का एक पवित्र महीना होता है, जिसकी 10वीं तारीख को 'आशूरा' कहा जाता है. इसी दिन 680 ईस्वी में कर्बला की जंग में पैगंबर मोहम्मद के नाती इमाम हुसैन ने अन्याय के खिलाफ लड़ते हुए शहादत दी थी. शिया मुस्लिम समुदाय इस दिन ताजिया निकालते हैं, मातम करते हैं और जुलूस के ज़रिए इमाम हुसैन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जबकि सुन्नी मुस्लिम रोज़ा रखकर दुआ और इबादत करते हैं. चूंकि यह एक गजटेड हॉलिडे होता है, इसलिए तारीख तय होने के बाद अधिकतर सरकारी और निजी संस्थान इस दिन बंद रहते हैं.
मुहर्रम की छुट्टी की अंतिम तारीख चांद दिखाई देने पर ही तय होगी, इसलिए अभिभावकों और कर्मचारियों को सलाह दी जाती है कि वे अपने स्कूल, कॉलेज या संस्थान की वेबसाइट, नोटिस बोर्ड या आधिकारिक मैसेज ग्रुप पर नजर बनाए रखें, स्थानीय प्रशासन या राज्य सरकार की ओर से जारी किसी भी आधिकारिक सूचना का इंतजार करें और भ्रम से बचने के लिए सोशल मीडिया या अफवाहों पर भरोसा न करें.