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समाजवादी पार्टी प्रमुख और लोकसभा सांसद मुलायम सिंह यादव का आज निधन हो गया. (Express photo by Anil Sharma | File)
Mulayam Singh Yadav: समाजवादी पार्टी प्रमुख और लोकसभा सांसद मुलायम सिंह यादव का आज निधन हो गया. 82 साल के मुलायम सिंह यादव ने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में आज अंतिम सांस ली. अगर आप यह समझना चाहते हैं कि भारतीय राजनीति के दलदल के बीच रहकर इससे कैसे बचा जाए तो मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक सफर पर एक नज़र डाल सकते हैं. मुलायम सिंह यादव सिर्फ एक नेता नहीं थे बल्कि राजनीति में कदम रखने से पहले पहलवान और शिक्षक भी थे. यहां हम उनके राजनीतिक जीवन की प्रमुख बड़ी और चर्चित घटनाओं के बारे में बताने जा रहे हैं.
पहलवान से नेता बनने की कहानी
मुलायम का जन्म 22 नवंबर 1939 को वर्तमान उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई गांव में एक गरीब परिवार में हुआ था. मुलायम के माता-पिता मूर्ति देवी और सुघर सिंह यादव एक सामान्य किसान थे. मुलायम अपने शुरुआती जीवम में एक पहलवान बनना चाहते थे. मुलायम ने 1967 में जसवंतनगर से संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के विधायक के रूप में अपना राजनीतिक करियर शुरू किया. हालांकि, ऐसा माना जाता है कि मुलायम ने कुश्ती भले छोड़ दी हो लेकिन वे अपने उस कौशल और दांव-पेंज का इस्तेमाल राजनीति में भी करते हैं. कहा जाता है कि मुलायम सिंह का कुश्ती में पसंदीदा दांव 'चरखा दांव' था और इसका इस्तेमाल वे राजनीति में भी अपने प्रतिद्वंदी को मात देने के लिए करते थे.
कैसा रहा मुलायम का राजनीतिक जीवन
मुलायम ने केके कॉलेज, इटावा, एके कॉलेज, शिकोहाबाद, और बीआर कॉलेज, आगरा विश्वविद्यालय जैसे अलग-अलग कॉलेजों से BA, BT और MA की डिग्री हासिल की. मुलायम के राजनीति विज्ञान के ज्ञान ने शायद उन्हें अलग-अलग कठिनाईयों का सामना करने में मदद की. मुलायम सिंह यादव राम मनोहर लोहिया की विचारधारा से प्रेरित थे, जो 1970 के दशक में दलितों का चेहरा बने. आपातकाल के दौरान मुलायम ने 19 महीने जेल में बिताए. 1977 में, जब जनता दल पहली गैर-कांग्रेसी सरकार के रूप में सरकार में आई, तब मुलायम राज्य मंत्री बने. यह मुलायम के राजनीतिक जीवन का एक बड़ा क्षण था और इसने उनके राजनीतिक जीवन को बदल दिया. राज्य मंत्री के रूप में, उन्होंने सहकारी संस्थाओं में अनुसूचित जातियों के लिए सीटें आरक्षित कीं. इसने उन्हें पिछड़ी जाति समुदायों का मसीहा बना दिया और उन्होंने अपनी राजनीतिक आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए इसका इस्तेमाल भी किया.
मुलायम सिंह यादव अपने राजनीतिक जीवन में 10 बार विधायक चुने गए और 7 बार सांसद भी रहे. वे तीन बार उत्तरप्रदेश के सीएम बने. वह 1996 से 1998 के दौरान देश के रक्षा मंत्री रहे थे. 1989 में मुलायम पहली बार यूपी के मुख्यमंत्री बने थे. इस दौरान, जब अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन तेज़ हुआ, तो कार सेवकों पर उन्होंने साल 1990 में गोली चलाने का आदेश दे दिया. इसमें एक दर्जन से ज्यादा लोग मारे गए. इस पर काफी विवाद हुआ. हालांकि, मुलायम का कहना था कि यह फैसला लेना उनके लिए बेहत कठिन था.
Mulayam Singh Yadav Passes Away: नहीं रहे ‘नेताजी’, 82 की उम्र में मुलायम सिंह यादव का निधन
प्रमुख उपलब्धियां और घटनाएं
मुलायम सिंह यादव के जीवन से जुड़ी प्रमुख उपलब्धियों और घटनाओं का वर्ष वार विवरण इस प्रकार है :
- 1939: उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई गांव में जन्म
- 1967: राम मनोहर लोहिया की संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से पहली बार उत्तर प्रदेश विधानसभा में प्रवेश किया.
- 1968: चौधरी चरण सिंह के भारतीय क्रांति दल में शामिल हुए। इस पार्टी का संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी में विलय हो गया और भारतीय लोक दल का गठन हुआ. आपातकाल (1975-1977) के बाद भारतीय लोक दल का जनता दल में विलय हो गया.
- 1977: पहली बार मंत्री बने.
- 1982-1985: विधान परिषद के सदस्य रहे और परिषद में विपक्ष के नेता बने.
- 1985-87: जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष बने.
- 1989-1991: पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने.
- 1992: समाजवादी पार्टी का गठन किया.
- 1993-95: दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने.
- 1996: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा, रक्षा मंत्री बने.
- 1998: संभल से फिर से लोकसभा सदस्य बने.
- 1999: संभल से फिर से सांसद चुने गए.
- 2003: तीसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. पत्नी मालती देवी का निधन, साधना गुप्ता से विवाह किया.
- 2004: मैनपुरी से सांसद चुने गए.
- 2007: उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता बने.
- 2009, 2014 और 2019 में सांसद बने.
- 10 अक्टूबर 2022 को निधन.