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Teacher Hate Case: तृप्ता त्यागी ने माना कि बच्चे को क्लास के बाकी एक-दो छात्रों से मारने के लिए नहीं कहना चाहिए था. मुझसे गलती हुई है. (IE Photo)
In UP village where boy was beaten in class, pressure mounts on family to ‘compromise’: उत्तर प्रदेश के मुज़्फ्फरनगर के एक प्राइवेट स्कूल में महिला टीचर के कहने पर बच्चों के अपने ही क्लास के एक मुसलमान बच्चे को एक के बाद एक थप्पड़ मारने वाला वीडियो सामने आने के बाद बच्चे के पिता ने कहा कि वह डरे हुए हैं. बच्चे के भविष्य को लेकर वह चिंतित नजर आए. पहाड़ा नहीं सुना पाने वाले मुसलमान बच्चे को साथी छात्रों द्वारा पिटाई करने वाली महिला टीचर तृप्ता त्यागी ने वीडियो में बच्चे के मुसलमान होने और और "मोहम्मडन बच्चों" के बारे में अपमानजनक बातें कही.
इन धाराओं में है टीचर के खिलाफ FIR दर्ज
मुसलमान बच्चे के परिवार पर महिला टीचर के खिलाफ मामला आगे न बढ़ाने का दबाव पड़ रहा है, आसपास के गांवों के मुखिया के साथ-साथ किसान नेता नरेश टिकैत भी बच्चे के पिता पर "समझौता" करने के लिए दबाव बना रहे हैं. इस बीच शनिवार को बच्चे के बयान और पिता की तहरीर पर मंसूरपुर थाने में नेहा पब्लिक स्कूल की संचालिका तृप्ता त्यागी के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 323 और 506 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि मामले में अब तक तृप्ता त्यागी को गिरफ्तार नहीं किया गया है क्योंकि एफआईआर में धाराएं जमानती हैं, उन्होंने कहा कि फोरेंसिक टीमें वीडियो का विश्लेषण करेंगी और उसके अनुसार आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी. 60 साल की महिला टीचर को वीडियो में यह कहते हुए सुना जा सकता है कि मैंने तो डिक्लेयर कर दिया, जितने भी मुसलमान बच्चे हैं, इनके वहां चले जाओ.”
बच्चे के पिता के समर्थन में आई भीम आर्मी और RLD
शनिवार को बच्चे के पिता ने अपने घर पर खुद को राजनेताओं, ग्राम नेताओं, मीडिया और दर्जनों स्थानीय लोगों से घिरा पाया. आसपास के गांवों के मुखिया का एक समूह चाहता था कि बच्चे के पिता अपनी शिकायत वापस ले लें. वहीं दूसरी तरफ आरएलडी और भीम आर्मी बच्चे के परिवार का समर्थन करने में आगे आए.
लोग चाहते हैं समझौता
मुजफ्फरनजर जिले के गांव पुरा के मुखिया नरेंद्र त्यागी (प्रधान) ने बच्चे के पिता पर दबाव बनाते हुए कि अब यह ड्रामा बंद करो. ग्राम प्रधान नहीं चाहते कि गांव में मीडिया के लोग जुटे. पुरा के मुखिया नरेंद्र त्यागी चाहते हैं कि बच्चे का पिता पुलिस स्टेशन जाएं और बताएं कि FIR की जरूरत नहीं है. उन्होंने बच्चे के पिता से कहा कि मामला अब यही खत्म करवाओ...नहीं तो तुम्हें परिणाम भुगतना पड़ेगा.'' किसान नेता टिकैत ने "शांति बैठक" आयोजित की और बच्चे पिता से "समझौता करने" और एफआईआर को खत्म करने के लिए कहा.
परिवार के भविष्य को लेकर चिंतित हैं बच्चे के पिता
इसके बाद बच्चे के पिता ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि वह महिला टीचर के खिलाफ कार्रवाई नहीं चाहते हैं, सभी के निगाहों मे आने से वह डरे हुए हैं. इस दौरान बच्चे के पिता ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि “मैं और मेरा परिवार मुजफ्फरनगर के उस गांव में अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं. पेशे से खेतिहर मजदूर पिता ने कहा कि मैं नहीं चाहता कि तृप्ता त्यागी मैडम को गिरफ्तार किया जाए या उन्हें दंडित किया जाए. उन्होंने बताया कि मेरा बेटा और उसका चचेरा भाई सालों से प्राइवेट स्कूल में पढ़ रहे हैं.
महिला टीचर से स्पष्टीकरण चाहते हैं बच्चे के पिता
बच्चे के पिता चाहते थे कि महिला टीचर माफी मागे और वह स्पष्टीकरण दें. वीडियो शूट करने वाले शख्स उनका भतीजा बताया गया. इसी गुरुवार को भतीजे ने वीडियो बच्चे के पिता को दिखाया था. पिता ने कहा कि वीडियो में यह सब देखकर मैं हैरान हुआ कि स्कूल में मेरे बच्चे की मजहबी पहचान की वजह से पीटा गया. होमवर्क पूरा नहीं करने पर बच्चे को इस तरीके से अपमानित भी किया गया. उन्होंने कहा कि अपने गांव में लोगों से कभी भी इस तरह के बर्ताव को लेकर बात नहीं सुना था. लेकिन अब हर कोई इसके बारे में बात कर रहा है”
बच्चे को प्राइवेट स्कूल में नहीं भेज सकता: पिता
पिता ने कहा कि “मैं अब अपने बच्चे को उस प्राइवेट स्कूल में नहीं भेज सकता. वीडियो ने मुझे और मेरी पत्नी को डरा दिया. इरशाद ने हम दूसरा स्कूल ढूंढने की बात की और द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि आने वाले दिनों में देखेंगे कि बच्चे के लिए क्या कर सकते हैं. वीडियो रिकॉर्ड करने वाले बच्चे के चाचा ने आरोप लगाया कि महिला टीचर तृप्ता त्यागी ने उनके भतीजे और एक अन्य मुसलमान लड़के को कम से कम एक घंटे तक पीटा. बच्चे के चाचा ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि मैं महीनों से स्कूल के निर्माणकार्य में तृप्ता मैडम की मदद कर रहा हूं. मेरे पास एक जेसीबी है और मैं मजदूर भी लाया हूं.'
इसी गुरुवार को मैं एक काम के बारे में महिला टीचर से बात करने गया और देखा कि वह एक बच्चे को 'मोहम्मडन' कहकर पीट रही थी. उसके बाद तृप्ता त्यागी ने मेरे भतीजे को बुलाया. उस दौरान के हालात की मैंने वीडियो बनाने का फैसला किया. बच्चे के चाचा ने कहा कि यह सब देखकर मैं हैरान रह गया कि वह मेरे भतीजे को पीटने के लिए उसी के क्लास के बच्चों को एक-एक करके बुला रही हैं. बच्चों की जोरों की थप्पड़ और कमर पर मार की वजह से वह रो रहा था. उक्त मामले का वीडियो रिकॉर्ड कर एक स्थानीय रिपोर्टर को भेजने की बात बताई.
भरी क्लास में छात्रों से पिटाई कराने की टीचर ने बताई वजह
आरोपों के जवाब में तृप्ता त्यागी ने कहा कि उन्हें बिना वजह निशाना बनाया जा रहा है. “वीडियो संपादित किया गया है. मैंने अन्य बातें कहीं लेकिन वे पंक्तियां हटा दी गईं. तृप्ता ने माना कि बच्चे को क्लास के बाकी एक-दो छात्रों से मारने के लिए नहीं कहना चाहिए था. मुझसे गलती हुई है. पहाड़ा नहीं याद करने पर बच्चे के साथ खुद कड़ाई से नहीं पेश आने की वजह बताते हुए तृप्ता ने कहा कि मैं हृदय रोगी हूं और विकलांग हूं, इसलिए मैं उसे दंडित करने के लिए खड़ी नहीं हो सकी. उन्होंने बताया कि मैंने केवल इतना कहा था कि परीक्षा के दौरान मुसलमान माताओं को अपने बच्चों को मायके नहीं ले जाना चाहिए. मैं केवल कक्षा में अनुशासन बनाए रखने की कोशिश कर रही था. तृप्ता त्यागी ने कहा कि मुझे नहीं पता था कि लड़के का चाचा वीडियो रिकॉर्ड कर रहा था.
मुजफ्फरनगर जिले में संचालित नेहा पब्लिक स्कूल की संचालिका भी तृप्ता त्यागी ही हैं. गांव का यह इकलौता प्राइवेट स्कूल है. यूपी बेसिक शिक्षा बोर्ड से 2019 तक स्कूल पंजीकृत रहा. फिलहाल प्राइवेट स्कूल के पास इसे चलाने की मान्यता है या नहीं इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है. बताया गया कि प्राइवेट स्कूल में निर्माण कार्य चल रहा है. तृप्ता त्यागी फिलहाल अपने घर पर बच्चों को बुलाकर पढ़ा रही थी. मुसलमान बच्चे के साथ घटना गुरुवार हुई. स्कूल में 50 से 60 बच्चे पढ़ते हैं, जिनमें से लगभग आधे मुसलमान हैं. कई परिवारों ने कहा कि वे अपने बच्चों को दिए जाने वाले शारीरिक दंड के बारे में जानते हैं.
अपने बच्चों के भविष्य को लेकर गांव वाले चिंतित
जिस बच्चे की पिटाई हुई उसके घर से स्कूल लगभग 200 मीटर की दूरी पर है. इस घटना से अन्य लोग भी स्तब्ध हैं. पास के एक दुकानदार ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ''वीडियो देखकर मैं हैरान रह गया. मेरी बच्चियों समते घर के चार के बच्चे भी उसी स्कूल में पढ़ते हैं. महिला टीचर ने बच्चे को मारने के लिए कहा. मेरी बच्चियां मासूम हैं; उनके साथ भी आने वाले दिनों में तरह की घटना हो सकती है. उन्होंने कहा कि हम उन्हें दूसरे स्कूल में भेजना चाहते हैं लेकिन चाहकर भी हमारे पास विकल्प नही है. सरकारी स्कूल में जगह नहीं है.
पुरा गांव में एक और स्कूल है लेकिन वहां एक महीने की फीस 1,500 रुपये है. जिसे हम देने सक्षम नहीं हैं. वहीं नेहा पब्लिक स्कूल में एक बच्चे की पढ़ाई पर हर महीने 300 से 500 रुपये खर्च आता है. आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, जिस गांव में यह घटना हुई, वहां 350 से अधिक परिवार हैं और केवल दो स्कूल- एक सरकारी और दूसरा नेहा पब्लिक स्कूल है. मुजफ्फनगर जिले में गांव के आसपास और भी स्कूल हैं, लेकिन पुरा गांव से 10 से 15 किमी दूरी पर संचालित हैं. उन स्कूलों में पढ़ाई का खर्च भी नेहा पब्लिक स्कूल की तुलना में बहुत आधिक है.
NCPCR आयोग ने मुजफ्फरनगर डीएम और एसएसपी को दिए निर्देश
इस बीच, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने मुजफ्फरनगर के एसएसपी को जांच शुरू करने और महिला टीचर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया. आयोग ने एसएसपी को एक हफ्ते के भीतर रिपोर्ट भेजने का भी निर्देश दिया है. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मुजफ्फरनगर के डीएम को आरटीई अधिनियम, 2009 की धारा 17 (बच्चे को शारीरिक दंड या मानसिक उत्पीड़न के अधीन) के तहत मामले में कार्रवाई शुरू करने का भी निर्देश दिया.