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MP BJP Losers List: गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा सहित शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल के 12 मंत्री अपनी अपनी सीट हार गए हैं. (ANI)
MP Election Big Losers: मध्य प्रदेश चुनाव (Madhya Pradesh Elections) में बीजेपी (BJP) ने शानदार प्रदर्शन किया है. 230 विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनाव में 163 सीटें हासिल कर पार्टी ने दो तिहाई बहुमत हासिल कर लिया है. राज्य में पीएम नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के अलावा शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की पॉपुलर नीतियों ने अच्छा काम किया है और सत्ता बरकरार रखने में मदद दी है. लेकिन इसी चुनाव में जहां बीजेपी ने अपनी चमक बिखेरी, लेकिन गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा सहित शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल के 12 मंत्री अपनी -अपनी सीट हार गए हैं. निर्वाचन आयोग के अनुसार, प्रदेश की 230 विधानसभा सीट में से बीजेपी के उम्मीदवार 163 सीटों पर जीते हैं, वहीं, कांग्रेस ने 66 सीटों पर जीत दर्ज की है.
नरोत्तम मिश्रा सहित ये मंत्री हारे
राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र भारती से 7,742 वोटों से हार का सामना करना पड़ा है. जिन अन्य प्रमुख मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा उनमें अटेर से अरविंद भदोरिया, हरदा से कमल पटेल और बालाघाट से गौरीशंकर बिसेन शामिल हैं. इनके अलावा हारने वाले मंत्रियों में बड़वानी से प्रेम सिंह पटेल, बमोरी से महेंद्र सिंह सिसोदिया, बदनावर से राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, ग्वालियर ग्रामीण से भारत सिंह कुशवाह, अमरपाटन से रामखेलावन पटेल, पोहरी से सुरेश धाकड़ और परसवाड़ा से रामकिशोर कावरे शामिल हैं. एक अन्य मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के भतीजे राहुल सिंह लोधी को खरगापुर से हार का सामना करना पड़ा.
बीजेपी के ये बड़े चेहरे भी हारे
बीजेपी उम्मीदवार इमरती देवी, जो कि सिंधिया की वफादार उम्मीदवार भी हैं, डबरा से कांग्रेस के सुरेश राजे से 2,267 वोटों से हार गईं. सतना से बीजेपी के मौजूदा सांसद गणेश सिंह कांग्रेस के डब्बू सिद्धार्थ सुखलाल कुशवाहा से 4,041 वोटों से हार गये.
इन बड़े चेहरों की हुई जीत
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय उन प्रमुख चेहरों में से हैं जो राज्य चुनाव में विजयी हुए हैं.
शिवराज सिंह चौहान ने टीवी अभिनेता से कांग्रेस नेता बने विक्रम मस्तल शर्मा को हराकर 1,04,974 वोटों के अंतर से अपनी बुधनी सीट बरकरार रखी. चौहान छठी बार बुधनी सीट से जीते. उन्होंने अपना पहला चुनाव 1990 में बुधनी से जीता था और अगले साल विदिशा निर्वाचन क्षेत्र से पहली बार संसद सदस्य के रूप में चुने गए थे. भाजपा शासित राज्य में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले और मामा और पांव-पांव वाले भैया के नाम से मशहूर चौहान को इस बार पार्टी के मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में पेश नहीं किया गया. हालांकि, माना जा रहा है कि उन्होंने मौजूदा सत्ता विरोधी लहर को मात देने के लिए 'लाडली बहना' जैसी ‘गेम-चेंजर योजनाएं’ शुरू करके स्थिति को सत्तारूढ़ दल के पक्ष में मोड़ दिया.
मुख्यमंत्री पद के संभावित दावेदार केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मुरैना जिले की दिमनी विधानसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बलवीर सिंह दंडोतिया को 24,461 वोटों से हराकर जीत हासिल की. शीर्ष पद के लिए एक अन्य प्रमुख विजेता और दावेदार केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल हैं, जिन्होंने कांग्रेस के लाखन सिंह पटेल को हराकर नरसिंहपुर विधानसभा सीट से 31,310 वोटों के अंतर से जीत हासिल की. मुख्यमंत्री पद के एक अन्य संभावित उम्मीदवार, भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को इंदौर-1 सीट से मैदान में उतारा गया, जो उनके लिए कठिन मानी जा रही थी. लेकिन इंदौर जिले की विभिन्न सीटों से चुनाव जीतने के अपने ट्रैक रिकॉर्ड को कायम रखते हुए, विजयवर्गीय ने कांग्रेस के उम्मीदवार और मौजूदा विधायक संजय शुक्ला को हराकर इंदौर -1 सीट 57,939 वोटों से हासिल की.