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National Rail Plan 2030: Indian Railway की कमाई बढ़ाने को लेकर बन गई है योजना, पैसेंजर ट्रेन में सब्सिडी का बोझ इस तरह हल्का करेगी रेलवे

National Rail Plan 2030: नेशनल रेल प्लान का अंतिम मसौदा तैयार है और इसे सभी स्टेकहोल्डर्स को दिया जाएगा. वे सभी एक महीने के भीतर इस पर अपना सुझाव भेजेंगे.

National Rail Plan 2030: नेशनल रेल प्लान का अंतिम मसौदा तैयार है और इसे सभी स्टेकहोल्डर्स को दिया जाएगा. वे सभी एक महीने के भीतर इस पर अपना सुझाव भेजेंगे.

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national railway plan 2030 of railways proposed to cut in freight fares and make more bullet train corridors in passenger heavy routes

पैसेंजर फेयर सब्सिडी का बोझ मंत्रालयों को उठाने के लिए अनुरोध किया जा सकता है. (File Photo)

National Rail Plan 2030: भारतीय रेलवे ने एक रेलवे प्लान 2030 तैयार किया है. इस प्लान के तहत प्रस्तावित किया गया है कि माल ढुलाई में रेलवे की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए माल भाड़े में 30 फीसदी तक की कटौती की जा सकती है. रेलवे ने 2030 तक माल ढुलाई में अपनी हिस्सेदारी को 45 फीसदी करने का लक्ष्य रखा है. इसके अलावा इस प्रस्ताव में बुलेट ट्रेन कोरिडोर्स के लिए प्रस्ताव रखा गया है कि इसे उन मार्गों पर और अधिक बनाया जाना चाहिए, जिस पर अधिक संख्या में यात्री मिल रहे हैं. इसके अलावा प्लान में कहा गया है कि यात्री गाड़ियों पर किराए पर दी जाने वाली सब्सिडी का भार मंत्रालयों को वहन करने का अनुरोध किया जा सकता है.

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव के मुताबिक नेशनल रेल प्लान का अंतिम मसौदा तैयार है और इसे सभी स्टेकहोल्डर्स को दिया जाएगा. वे सभी एक महीने के भीतर इस पर अपना प्रस्ताव भेजेंगे और तब फाइनल रेल प्लान सामने आएगा.

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मालगाड़ी की स्पीड बढ़ाने का भी प्रस्ताव

रेलवे का लक्ष्य है कि अगले 10 साल में यानी 2030 तक माल ढुलाई में हिस्सेदारी 45 फीसदी तक हो जाए. वर्तमान में माल ढुलाई में रेलवे की हिस्सेदारी 28 फीसदी है. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि यह लक्ष्य पूरा करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर और बिजनस डेवलपमेंट पर ध्यान दिया जाएगा.

रेलवे की योजना के मुताबिक रोड इंफ्रास्ट्रक्चर में भारतमाला प्रोजेक्ट जैसे महत्वपूर्ण अपग्रेडेशन के कारण उसकी माल ढुलाई में हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए किराए में कमी किया जाएगा. योजना के मुताबिक रेलवे वह माल भाड़े में 30 फीसदी तक की कटौती करने की जरूरत है और मालगाड़ी की स्पीड बढ़ाकर 50 किमी प्रति घंटा किए जाने की जरूरत है.

पैसेंजर फेयर सब्सिडी का बोझ उठा सकती है मंत्रालय

रेलयात्रियों को किराए पर दी जाने वाली सब्सिडी पर डॉक्यूमेंट में प्रस्ताव है कि ऊंची ऑपरेटिंग रेशियो का बोझ कम करने के लिए चरणबद्ध तरीके से नई तरीके अपनाए जाने चाहिए ताकि रेलयात्रियों को किराए पर दी जाने वाली सब्सिडी को फाइनेंस किया जा सके. एक प्रस्ताव के मुताबिक अन्य मंत्रालयों को सब्सिडी का बोझ उठाने के लिए अनुरोध किया जा सकता है. जैसे कि शिक्षा मंत्रालय से अनुरोध किया जा सकता है कि वह छात्रों को दी जाने वाली छूट का भार वहन करे. इसके अलावा राज्य सरकारों और स्थानीय संस्थाओं से भी आर्थिक तौर पर रेलवे के कम फायदेमंद रूट के लिए मदद ली जा सकती है.

हैवी डिमांड रूट्स पर बुलेट ट्रेन कोरिडोर्स की सिफारिश

भविष्य की बुलेट ट्रेन कोरिडोर्स के बारे में ड्राफ्ट प्लान में प्रस्ताव है कि इसका निर्माण सिर्फ उन्ही रूट्स पर होना चाहिए. जिस पर अधिक संख्या में यात्री सफर करते हैं. ड्राफ्ट प्लान में यह प्रस्ताव इसलिए दिया गया है क्योंकि इस कोरिडोर के निर्माण में भारी निवेश की जरूरत पड़ती है.

अब तक 12 हाई-स्पीड कोरिडोर्स प्रस्तावित हैं. इसमें से कुछ लिंकिंग एक्सटेंशंस हैं जिन्हें अन्य प्लान डॉक्यूमेंट्स में प्रस्तावित हाई-स्पीड कोरिडोर्स से जोड़ा गया है. जैसे कि जम्मू को जाने वाली लाइन जिसे दिल्ली-चंडीगढ़-अमृतसर कोरिडोर को पठानकोट और आगे तक बढ़ाया गया है. नागपुर और वाराणसी के बीच बुलेट ट्रेन की योजना जिसे मुंबई-नासिक-नागपुर कोरिडोर को बढ़ाकर तैयार किया गया है. इससे मुंबई सीधे वाराणसी से कोरिडोर के जरिए कनेक्ट हो जाएगा.

कोयला ढुलाई बढ़ाने का लक्ष्य

रेलवे को सबसे अधिक माल भाड़ा कोयले की ढुलाई से प्राप्त होता है. रेलवे के ड्राफ्ट प्लान के मुताबिक आने वाले वर्षों में कोयले पर इसकी निर्भरता कम होने वाली है क्योंकि एक अनुमान के मुताबिक अगले दशक में हर साल इसकी ढुलाई में निगेटिव ग्रोथ हो सकती है. इसके बावजूद ड्राफ्ट प्लान के मुताबिक अगले दशक में भी सबसे अधिक ढुलाई कोयले की ही होनी है. यादव के मुताबिक रेलवे ने 2019 के अंत तक 4700 मीट्रिक टन फ्रेट बॉस्केट में 1210 मीट्रिक टन कोयले की ढुलाई की थी. ड्राफ्ट प्लान के मुताबिक रेलवे का लक्ष्य है कि 2024 तक 6400 मीट्रिक टन फ्रेट बॉस्केट में 2024 मीट्रिक कोयले का हो.

ये प्रोजेक्ट्स जल्द किए जाएंगे पूरे

यादव के मुताबिक नेशनल रेल प्लान में विजन 2024 तक 2024 मीट्रिक टन ढुलाई के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने होंगे. 16373 किमी नेटवर्क की मल्टी ट्रैकिंग की जाएगी, 58 सुपर क्रिटिकल, 68 क्रिटिकल, 46 हाई डेंसिटी नेटवर्क, 3262 किमी के 46 हाईली यूटिलाइज्ड नेटवर्क और 32 अन्य जरूरी प्रोजेक्ट्स पूरे किए जाएंगे

रेलवे दिसंबर 2023 तक 20 एडीशनल कोल कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट्स को पूरा करेगा और 146 रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन प्रोजेक्ट्स को भी पूरा किया जाएगा. दिसंबर 2022 तक 111 किमी लंबे ऊधमपुर श्रीनगर बारामूला प्रोजेक्ट के बचे हुए काम को पूरा कर लिया जाएगा और मार्च 2023 तक पूर्वोत्तर के 288 किमी लंबे कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट्स को पूरा कर लिया जाएगा.

कुछ रूट्स पर स्पीड बढ़ाने का लक्ष्य

विजन 2024 में कुछ रूट्स पर स्पीड बढ़ाने का भी लक्ष्य रखा गया है. इसके मुताबिक नई दिल्ली-हावड़ा और नई दिल्ली-मुंबई मार्ग पर ट्रेनों की स्पीड बढ़ाकर 160 किमी प्रति घंटा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके अलावा गोल्डन क्वाड्रिलेटरल (जीक्यू) और गोल्डेन डायगोनल्स (जीडी) रूट्स पर स्पीड को बढ़ाकर 130 किमी प्रति घंटा करने का लक्ष्य रखा गया है.

विजन 2024 का बजट 2.9 लाख करोड़

यादव के मुताबिक विजन 2024 नेशनल रेल प्लान का एक हिस्सा है और इस पर करीब 2.9 लाख करोड़ का खर्च आएगा. रेलवे के पूरे नेटवर्क की जीआईएस मैपिंग की जा रही है और भविष्य के उद्योगों के मुताबिक पूरी तैयारी की जा रही है और यह योजना तैयार की जा रही है कि किस प्रकार की कमोडिटीज को ट्रांसपोर्टेशन की जरूरत पड़ेगी. रेलवे का लक्ष्य ट्रांजिट टाइम कम करने के लिए कॉस्ट भी कम करना है.

3958 किमी के तीन डेडिकेटेड फ्रेट कोरिडोर्स

नेशनल रेल प्लान में 3958 किमी के तीन डेडिकेटेड फ्रेट कोरिडोर्स को भी शामिल किया गया है. इसमें खड़गपुर से विजयवाड़ा तक 1115 किमी लंबा ईस्ट कोस्ट डीएफसी, भुसावल-नागपुर-खड़गपुर-राजखरसवन-अंदल-दंकौनी का 1868 किमी लंबा ईस्ट-वेस्ट डीएफसी और इटारसी-नागपुर-विजयवाड़ा का 975 किमी लंबा नॉर्थ-साउथ डीएफसी है.

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