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NCAER ने शुक्रवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर 4.9 फीसदी रहने का अनुमान है.
NCAER ने शुक्रवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर 4.9 फीसदी रहने का अनुमान है.नेशनल काउंसिल ऑफ अप्लायड इकोनॉमिक रिसर्च (NCAER) ने शुक्रवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर 4.9 फीसदी रहने का अनुमान है. उसने कहा कि इससे अगले वित्त वर्ष में वृद्धि दर बढ़कर 5.6 फीसदी पर पहुंच सकती है. संस्थान ने शुक्रवार को जारी अर्थव्यवस्था की तिमाही समीक्षा में कहा कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में वृद्धि दर 4.9 फीसदी रह सकती है और इसके बढ़कर चौथी तिमाही में 5.1 फीसदी पर पहुंच जाने का अनुमान है. बता दें कि केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने चालू वित्त वर्ष के दौरान आर्थिक वृद्धि दर 5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. वहीं रिजर्व बैंक ने भी 2019- 20 में वृद्धि दर पांच फीसदी रहने का अनुमान जताया है.
खाद्य पदार्थों की महंगाई कम होगी: NCAER
रिपोर्ट में कहा गया कि मानसून और इसके बाद अच्छी बारिश होने से देश के प्रमुख जल स्रोतों में जल भंडार बढ़ा है, इसकी वजह कृषि क्षेत्र की संभावनाएं अच्छी लग रही हैं. इस साल कृषि उत्पादन के पिछले साल की तुलना में इसके बेहतर रहने के अनुमान हैं. रिपोर्ट में कहा गया कि आने वाले महीनों में खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति नरम हो सकती है.
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बजट में नहीं किए गए पर्याप्त उपाए: NCAER
आर्थिक शोध संस्थान के मुताबिक औद्योगिक क्षेत्र में नरमी बनी रह सकती है. हालांकि उसका मानना है कि सेवा क्षेत्र में सुधार के संकेत मिल रहे हैं. पर्यटकों की आवक, विमान यात्रियों के आवागमन और सेवा क्षेत्र के व्यापार में 2019-20 की तीसरी तिमाही में प्रदर्शन अच्छा रहा है.
माल की ढुलाई में भी सुधार देखने को मिला है. रिपोर्ट के मुताबिक, खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति में नरमी आने के बाद भी खुदरा और थोक दोनों मुद्रास्फीति में तेजी जारी रह सकती है. संस्थान ने रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दर में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचने के बारे में कहा कि यह काफी धीमी गति से हो रहा है. बजट के बारे में रिपोर्ट में कहा गया कि इसमें आर्थिक वृद्धि दर की नरमी को दूर करने के पर्याप्त उपाय नहीं किये गये हैं.
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