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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म 13 और 14 पर शनिवार शाम यात्रियों की अचानक भीड़ बढ़ने के कारण कुछ लोग बेहोश हो गए, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति की अफवाह फैल गई और यात्रियों में दहशत फैल गई. (Image: Express Photo)
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार शाम मची भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई है. दिल्ली फायर डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने बताया कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म 14 और 15 पर भगदड़ की सूचना रात करीब 9:55 बजे मिली और मौके पर दमकल की चार गाड़ियां तुरंत भेजी गईं. घायलों को इलाज के लिए दिल्ली के लोक नायक अस्पताल ले जाया गया. भगदड़ में जान गवाने वालों के प्रति राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षामंत्री, उपराष्ट्रपति समेत तमाम दिग्गजों ने शोक जताया है.
एक्स पर किए पोस्ट के जरिए पीएम मोदी ने कहा - नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ से दुखी हूं. मेरी संवेदनाएं उन सभी लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है. मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल जल्द स्वस्थ हों. अधिकारी इस भगदड़ से प्रभावित सभी लोगों की सहायता कर रहे हैं.
Distressed by the stampede at New Delhi Railway Station. My thoughts are with all those who have lost their loved ones. I pray that the injured have a speedy recovery. The authorities are assisting all those who have been affected by this stampede.
— Narendra Modi (@narendramodi) February 15, 2025
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा - नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से दुखद खबर. प्लेटफॉर्म पर भगदड़ के कारण लोगों की जान जाने से मुझे बहुत दुख हुआ है.
Devastating news from New Delhi Railway Station. I am extremely pained by the loss of lives due to stampede on Railway platform. In this hour of grief, my thoughts are with the bereaved families. Praying for the speedy of the injured.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) February 15, 2025
भगदड़ में अपनी बेटी, ससुर और सास को खो देने वाले मनोज शाह ने कहा - मेरे साले मुकेश ने मुझे फोन किया और कहा 'भगदड़ हो गई, लोग एक दूसरे पर चढ़ गए. उन्होंने कहा कि मृतक कुंभ जा रहे थे, उन्होंने कहा कि उनकी बेटी कक्षा 5 में पढ़ती है.
वहीं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि स्थिति नियंत्रण में है. उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस और आरपीएफ पहुंच गए हैं और घायलों को अस्पताल ले जाया गया है. अचानक हुई भीड़ को निकालने के लिए चार विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं. अब भीड़ कम हो गई है. मैं वार रूम में हूं.
Situation under control at New Delhi railway station (NDLS)
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) February 15, 2025
Delhi Police and RPF reached. Injured taken to hospital. Special trains being run to evacuate sudden rush.
एक आधिकारिक बयान में रेलवे ने कहा - शनिवार शाम करीब 9:30 बजे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर प्लेटफॉर्म 13 और 14 के पास अभूतपूर्व भीड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई. यात्रियों की अचानक भीड़ बढ़ने के कारण कुछ लोग बेहोश हो गए, जिससे भगदड़ जैसी स्थिति की अफवाह फैल गई और यात्रियों में दहशत फैल गई. बाद में भीड़ को कम करके स्थिति को नियंत्रण में लाया गया. रेलवे सुरक्षा बल और दिल्ली पुलिस ने कहा, "बेहोश और घायल यात्रियों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों में ले जाया गया." साथ ही कहा कि उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं.
रेलवे डीसीपी केपीएस मल्होत्रा ने विस्तार से बताया कि ने जब प्रयागराज एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर थी, तो बहुत सारे लोग जमा हो गए थे... स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और भुवनेश्वर राजधानी लेट थीं और इन ट्रेनों के यात्री प्लेटफॉर्म 12, 13 और 14 पर भी मौजूद थे. हमारी जानकारी के अनुसार, 1,500 जनरल टिकट बेचे गए, जिसके कारण भीड़ अनियंत्रित हो गई. प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर और प्लेटफॉर्म नंबर 1 के पास एक एस्केलेटर के पास भगदड़ जैसी स्थिति थी."
कांग्रेस ने पूछा - इस हादसे की जिम्मेदारी किसकी है?
एक्स पर किए पोस्ट के जरिए कांग्रेस ने कहा कि "महा कुंभ में जा रहे कई भक्तों की मौत की खबर बेहद दर्दनाक है." पार्टी ने पोस्ट में लिखा - मोदी सरकार को मृतकों के शव उनके परिवारों को सौंप देने चाहिए और उन्हें उनके घरों तक भेजने की व्यवस्था करनी चाहिए." इसी पोस्ट में कांग्रेस पार्टी की ओर पूछा गया कि सरकार को पता था कि महाकुंभ जारी है तो उस दौरान ज़्यादा ट्रेनें क्यों नहीं चलाई गईं? रेलवे स्टेशन पर भीड़ को नियंत्रित करने की व्यवस्था क्यों नहीं की गई? इस हादसे की जिम्मेदारी किसकी है?
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर महाकुंभ जा रहे कई श्रद्धालुओं की मृत्यु की खबर बेहद पीड़ादायक है।
— Congress (@INCIndia) February 15, 2025
कांग्रेस परिवार की संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं।
इस दुख की घड़ी में ईश्वर शोकाकुल परिवारों को संबल प्रदान करें व घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ दें।
• मोदी सरकार मृतकों का…
दिल्ली की निवर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी ने एक्स पर पोस्ट किया, "महा कुंभ के लिए जा रहे भक्तों के साथ ऐसी घटना बहुत दुखद है. न तो केंद्र सरकार और न ही यूपी सरकार को लोगों की सुरक्षा की चिंता है."
लोक नायक अस्पताल में, जहां घायलों को ले जाया गया, आधी रात के आसपास पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई और मुर्दाघर तक पहुंच सीमित कर दी गई. आधी रात के आसपास, रेलवे स्टेशन घंटों पहले हुई अराजकता का गवाह बना, क्योंकि घायलों का सामान एक कोने में ढेर में रखा हुआ था. इनमें जूते, बोतलें, बेल्ट, बैग और शर्ट शामिल थे.
गुड़गांव निवासी कमलेश कुमारी (24) ने हादसे को याद करते हुए बताया कि मैं सीढ़ियों पर थी, और हर कोई बस एक-दूसरे पर गिरने लगा. मुझे नहीं पता कि क्या हुआ." उसने कहा कि उसे पीठ में चोट लगी है और हंगामे में नकदी वाला बैग खो गया है. कमलेश कुमारी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से झांसी के लिए रवाना होना था,
वहीं 22 वर्षीय अमन गिरी, जिन्होंने भगदड़ में अपनी मां सीलम को खो दिया, ने कहा कि परिवार कुंभ मेले के लिए ट्रेन पकड़ने जा रहा था. द इंडियन एक्सप्रेस को उन्होंने बताया कि मैंने मना किया था मत जाओ." उनके पिता को पैर में चोट आई है. उन्होंने कहा, "मेरी मां शरीर से थोड़ी भारी थीं, इसलिए वह ऊपर नहीं चढ़ सकीं क्योंकि हर कोई भगदड़ से बचने के लिए सीढ़ियों की ओर भागा.