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अब ड्रोन के लिए रजिस्ट्रेशन या लाइसेंस के लिए पहले सिक्योरिटी क्लियरेंस लेने की जरूरत खत्म हो गई है.
New Drone Rules 2021: अब ड्रोन के लिए रजिस्ट्रेशन या लाइसेंस के लिए पहले सिक्योरिटी क्लियरेंस लेने की जरूरत खत्म हो गई है. इसके अलावा इसे ऑपरेट करने के लिए मंजूरी की फीस भी नॉमिनल हो गई है और इसका ड्रोन के वजन से कोई मतलब नहीं रहेगा यानी कि कितना भी भारी ड्रोन हो, इसे ऑपरेट करने के लिए नॉमिनल फीस चुकाना होगा. केंद्र सरकार ने आज ड्रोन के नए रूल्स-2021 को मंजूरी दी है. इससे जुड़ी अधिसूचना आज 25 अगस्त को जारी हुई है. ड्रोन से जुड़े नए नियमों ने अनमैन्ड एयरक्राफ्ट सिस्टम्स रूल्स 2021 की जगह ले ली है.
इससे पहले केंद्र सरकार ने 16 जुलाई को ड्रोन के नए नियमों का ऐलान किया था और 5 अगस्त तक इंडस्ट्री समेत सभी स्टेकहोल्डर्स से टिप्पणियां मंगाई थी. आज सरकार ने नए नियमों को महिंद्रा एंड महिंद्रा, सेल (स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया और बेयर क्रॉप साइंस समेत 10 ऑर्गेनाइजेशंस को मंजूरी दिए जाने के ठीक 10 दिन बाद पास किया है.
Coverage of drones under Drone Rules 2021 increased from 300 kg to 500 kg to include heavy payload-carrying drones & drone taxis. No security clearance required before any registration or licence issuance. Fees for permissions reduced to nominal levels
— ANI (@ANI) August 26, 2021
New Drone Rules 2021 की खास बातें
- ड्रोन के लिए रजिस्ट्रेशन या लाइसेंस के लिए पहले सिक्योरिटी क्लियरेंस लेने की जरूरत खत्म हो गई है.
- ड्रोन रूल्स के तहत ड्रोन के कवरेज को 300 किग्रा से बढ़ाकर 500 किग्रा कर दिया गया है.
- फॉर्म्स/परमिशन की संख्या 25 से घटाकर 5 कर दी गई है.
- ड्रोन ऑपरेट करने के मंजूरी की फीस नॉमिनल है और इस फीस को ड्रोन के वजन से डी-लिंक कर दिया गया है.
- जुर्माने की अधिकतम राशि को 1 लाख रुपये तक सीमित कर दी गई. हालांकि अन्य नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने का यह नियम नहीं लागू होगा.
- डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर हरे, पीले और रेड जोन के साथ एक इंट्रैक्टिव एयरस्पेस मैप को डिस्प्ले किया जाएगा.
- पीले जोन को एयरपोर्ट के पेरीमीटर से 45 किमी से घटाकर 12 किमी कर दिया गया है.
- ग्रीन जोन में ड्रोन ऑपरेट करने के लिए कोई मंजूरी नहीं लेनी होगी और एयरपोर्ट के आस-पास के इलाकों में 8-12 किमी के क्षेत्र में 200 फीट की ऊंचाई तक भी मंजूरी नहीं लेनी होगी.
- सभी ड्रोन का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म के जरिए होगा.
- ड्रोन के ट्रांसफर और इसके रजिस्ट्रेशन को खारिज करने की प्रक्रिया आसान कर दी गई है.
- गैर-कॉमर्शियल प्रयोग के लिे नैनो ड्रोन और माइक्रो ड्रोन उड़ाने के लिए पायलट लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी.
नो परमिशन-नो टेक ऑफ (एनपीएनटी), रीयल टाइम ट्रैकिंग बीकॉन, जियो-फेंसिंग इत्यादि सेफ्टी फीचर्स को भविष्य में नोटिफाई किया जाएगा. इसके पालन के लिए कम से कम 6 महीने का समय दिया जाएगा.
- ड्रोन के प्रशिक्षण और परीक्षा को ऑथराइज्ड ड्रोन स्कूल के जरिए किया जाएगा और डीजीसीए प्रशिक्षण की जरूरतों, ड्रोन स्कूल की निगरानी करेगी और ऑनलाइन पायलट लाइसेंस उपलब्ध कराएगा.
- ड्रोन के आयात को डीजीएफटी (डायरेक्टरोट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रे़ड) रेगुलेट करेगी.
- कार्गो डिलीवरीज के लिए ड्रोन कोरिडोर विकसित किया जाएगा.
- अनमैन्ड एयरक्राफ्ट सिस्टम्स प्रमोशन काउंसिल का गठन किया जाएगा ताकि कारोबारिय को सुगम बनाया जा सके.