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New Vaccination Policy: 21 जून से लागू नई टीकाकरण नीति में क्या है खास? जानिए सभी जरूरी सवालों के जवाब

Covid-19 Vaccination Policy: केंद्र सरकार देश भर में कोरोना टीकाकरण के लिए 21 जून से एक नई वैक्सीनेशन पॉलिसी लागू करने जा रही है. इसके साथ ही 1 मई 2021 से चली आ रही टीकाकरण नीति खत्म हो जाएगी.

Covid-19 Vaccination Policy: केंद्र सरकार देश भर में कोरोना टीकाकरण के लिए 21 जून से एक नई वैक्सीनेशन पॉलिसी लागू करने जा रही है. इसके साथ ही 1 मई 2021 से चली आ रही टीकाकरण नीति खत्म हो जाएगी.

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New Vaccination Policy: 21 जून से लागू नई टीकाकरण नीति में क्या है खास? जानिए सभी जरूरी सवालों के जवाब

1 मई को लागू टीकाकरण नीति में केंद्र ने 18 से 44 साल के लोगों के लिए टीका खरीदने की जिम्मेदारी राज्यों पर डाली थी, लेकिन अब यह जिम्मा केंद्र सरकार खुद उठाएगी. (IE Image)

Covid-19 New Vaccination Policy:  केंद्र सरकार कोरोना महामारी पर काबू पाने के लिए एक और नई टीकाकरण नीति लागू करने जा रही है. यह नई नीति 21 जून 2021 से लागू होगी. नई नीति में 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी नागरिकों के लिए टीकों की खरीद केंद्र सरकार ही करेगी. इस नीति के तहत वैक्सीन निर्माता कंपनियों से 75 फीसदी टीके केंद्र सरकार खरीदेगी, जबकि बाकी 25 फीसदी वैक्सीन ये कंपनियां निजी अस्पतालों को बेच सकेंगी.

इससे पहले सरकार ने 1 मई 2021 को भी एक नई टीकाकरण नीति लागू की थी, जिसमें 18 से 44 साल के लोगों के लिए वैक्सीन खरीदने का जिम्मा राज्यों पर डाल दिया गया था. लेकिन वह नीति जल्द ही चौतरफा विवादों में घिर गई. राज्यों को टीके खरीदने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था. विपक्षी दलों की सरकारों के साथ ही साथ सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकार की नई वैक्सीनेशन पॉलिसी पर कई गंभीर सवाल उठा दिए.  इन हालात में केंद्र सरकार को टीकाकरण नीति में फिर से बदलाव का एलान करना पड़ा. 21 जून से नई टीकाकरण नीति के लागू होने पर वैक्सीनेशन की व्यवस्था में क्या बदलाव होगा, आइए जानते हैं:  

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21 जून से लागू नई टीकाकरण नीति की खास बातें 

  • 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी नागरिकों को केंद्र और राज्य सरकारों के जरिए मुफ्त वैक्सीन लगाई जाएगी. इससे पहले सिर्फ 45 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों और हेल्थ केयर वर्कर्स जैसे प्रायोरिटी ग्रुप्स के लिए ही केंद्र सरकार की तरफ से मुफ्त वैक्सीन मुहैया कराई जा रही थी. 
  • प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीन मुफ्त में नहीं लगेगी. लेकिन अब निजी अस्पताल पहले की तरह वैक्सीन के लिए मनमानी कीमत नहीं वसूल सकेंगे, क्योंकि सरकार ने निजी अस्पतालों में लगाई जाने वाली वैक्सीन की अधिकतम कीमत तय कर दी है.
  • कोविशील्ड वैक्सीन की एक डोज़ के लिए अस्पताल अधिकतम 780 रुपये वसूल कर सकते हैं. यह वैक्सीन ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित और भारत में सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा निर्मित है. 
  • स्पुतनिक V वैक्सीन की एक डोज़ के लिए निजी अस्पताल अधिकतम 1145 रुपये ले सकते हैं. यह वैक्सीन अभी रूस से आयात की गई है, लेकिन जल्द ही भारत में बनी स्पुतनिक V भी उपलब्ध होने की उम्मीद है. 
  • भारत में विकसित टीके कोवैक्सीन की एक डोज़ के लिए निजी अस्पतालों को अधिकतम 1410 रुपये तक वसूल करने की छूट सरकार ने दी है. यह स्वदेशी वैक्सीन भारत सरकार और सरकारी संस्थान ICMR की मदद से निजी कंपनी भारत बायोटेक बना रही है.
  • निजी अस्पतालों के लिए तय की गई अधिकतम कीमतों में टीके की लागत के अलावा 150 रुपये का सर्विस चार्ज भी शामिल है.
  • जो लोग वैक्सीन लगवाने के लिए कोविन (CoWIN) पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं कर पा रहे हैं, वे सरकारी या निजी अस्पतालों के टीकाकरण केंद्रों पर जाकर भी रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. 
  • केंद्र सरकार की तरफ से राज्यों को वैक्सीन की सप्लाई उनकी आबादी, कोरोना इंफेक्शन के फैलाव की स्थिति, टीकाकरण कार्यक्रम की प्रोग्रेस और टीके की बर्बादी जैसी बातों को ध्यान में रखते हुए की जाएगी.
  • सरकार स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स, 45 साल से ज्यादा उम्र के उन लोगों के टीकाकरण को प्राथमिकता देगी, जिन्हें वैक्सीन की दूसरी डोज़ लगवानी है.  
  • राज्य सरकारें अपनी तरफ से भी प्राथमिकताएं तय कर सकती हैं. 
  • फाइज़र, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन जैसी विदेशी वैक्सीन्स की उपलब्धता के बारे में अब तक किसी इंतजाम को अंतिम रूप नहीं दिया गया है.
  • आर्थिक रूप से कमज़ोर तबके के लोगों को निजी अस्पतालों के जरिए टीका लगवाने के लिए रिजर्व बैंक द्वारा स्वीकृत इलेक्ट्रॉनिक वाउचर्स की व्यवस्था करने की बात भी कही जा रही है. ये वाउचर मोबाइल पर डाउनलोड किए जा सकेंगे, जिन्हें निजी वैक्सीनेशन सेंटर पर स्कैन किया जा सकेगा. 
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