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सरकार की बिटकॉइन (Bitcoin) को करेंसी के रूप में मान्यता देने की कोई योजना नहीं है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने संसद में कहा कि सरकार की बिटकॉइन (Bitcoin) को करेंसी के रूप में मान्यता देने की कोई योजना नहीं है. सीतारमण ने आज सोमवार को लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए यह बात कही. उन्होंने कहा कि सरकार के पास देश में बिटकॉइन को मुद्रा के रूप में मान्यता देने का कोई प्रस्ताव नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकार बिटकॉइन ट्रांजेक्शन से संबधित डेटा एकत्र नहीं करती है.
सीबीडीसी पर सरकार की योजना
इसके अलावा, संसद में यह भी पूछा गया कि क्या सरकार के पास देश में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) पेश करने का कोई प्रस्ताव है. इस सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से एक प्रस्ताव अक्टूबर 2021 में प्राप्त हुआ था. चौधरी ने आगे कहा कि इस प्रस्ताव के तहत भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 में संशोधन करते हुए 'बैंक नोट' की परिभाषा के दायरे को बढ़ाया जाना था, ताकि डिजिटल फॉर्म में करेंसी को शामिल किया जा सके. चौधरी ने आगे कहा कि RBI इस मामले की जांच कर रहा है और इसे लागू करने के लिए चरणबद्ध तरीके पर विचार कर रहा है.
चौधरी ने कहा, "सीबीडीसी के कई तरह के लाभ हैं, जैसे कि नकदी पर कम निर्भरता, कम ट्रांजेक्शन लागत और कम सेटलमेंट रिस्क आदि. सीबीडीसी के ज़रिए लीगल टेंडर-बेस्ड एक बड़ा पेमेंट सिस्टम खड़ा करने में मदद मिलेगी. यह सिस्टम पूरी तरह से सक्षम, भरोसेमंद और रेगुलेटेड होगा.” चौधरी ने आगे कहा कि इसके साथ कुछ जोखिम भी जुड़े हैं जिनका सावधानीपूर्वक मूल्यांकन किया जाना है.
संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने के लिए 'द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021' पेश किया जाना है. देश में अभी क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल के संबंध में कोई नियम-कानून नहीं है. पिछले सप्ताह कहा गया था कि सरकार केवल कुछ क्रिप्टोकरेंसी को अंतर्निहित तकनीक और इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए क्रिप्टो बाजार में कुछ रेगुलेशन लागू करने पर विचार कर रही है.