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Niti Aayog Health Index : स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में यूपी देश में सबसे फिसड्डी, नीति आयोग की रिपोर्ट में खुलासा

नीति आयोग के हेल्थ इंडेक्स में केरल एक बार फिर अव्वल, तमिलनाडु दूसरे और तेलंगाना तीसरे नंबर पर; बिहार और एमपी नीचे से दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे.

नीति आयोग के हेल्थ इंडेक्स में केरल एक बार फिर अव्वल, तमिलनाडु दूसरे और तेलंगाना तीसरे नंबर पर; बिहार और एमपी नीचे से दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे.

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Niti Aayog Health Index : स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में यूपी देश में सबसे फिसड्डी, नीति आयोग की रिपोर्ट में खुलासा

Niti Aayog Health Index kerala best and uttar pradesh worst on health parameters in India.

Niti Aayog Health Index : Uttar Pradesh Worst, Kerala Best on Health Parameters : आबादी के लिहाज से भारत का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में देश में सबसे फिसड्डी साबित हुआ है. यह खुलासा खुद केंद्र सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग की एक रिपोर्ट से हुआ है. नीति आयोग के हेल्थ इंडेक्स ने उत्तर प्रदेश को देश के सभी राज्यों में सबसे नीचे जगह देकर दिखा दिया है कि राज्य के चौतरफा विकास के दावों में कितनी सच्चाई है.

नीति आयोग के इसी हेल्थ इंडेक्स में केरल एक बार फिर अव्वल आया है. केरल के बाद तमिलनाडु दूसरे नंबर पर और तेलंगाना तीसरे नंबर पर हैं. जबकि सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले राज्यों में बिहार नीचे से दूसरे नंबर पर और मध्य प्रदेश नीचे से तीसरे नंबर पर है. यह बात गौर करने लायक है कि खुद केंद्र सरकार की संस्था द्वारा जारी इस इंडेक्स में बेहतर प्रदर्शन के लिए टॉप करने वाले तीनों राज्य गैर-बीजेपी शासित हैं, जबकि सबसे निचले पायदान पर मौजूद तीनों राज्यों में बीजेपी-एनडीए की सरकारें हैं. लिहाजा, उत्तर प्रदेश में चुनावी माहौल के बीच आई यह रिपोर्ट जल्द ही सियासी आरोप-प्रत्यारोप की वजह बन जाए तो हैरानी की बात नहीं होगी.

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यह चौथा साल है, जब नीति आयोग ने देश भर के राज्यों का हेल्थ इंडेक्स जारी किया है. अब तक हर बार केरल का प्रदर्शन ही सबसे अच्छा रहा है. ताजा इंडेक्स में रेफरेंस इयर 2019-20 रखा गया है. छोटे राज्यों की बात करें तो मिजोरम ने इस इंडेक्स में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है, जबकि केंद्र शासित प्रदेशों में दिल्ली और जम्मू-कश्मीर का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है.

नीति आयोग के इस हेल्थ इंडेक्स में हर राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं का मूल्यांकन उसके प्रमुख पहलुओं की हालत बताने वाले 24 इंडिकेटर्स के आधार पर किया जाता है. इनमें हेल्थ आउटकम, गवर्नेंस, स्वास्थ्य सूचनाओं और प्रक्रियाओं जैसे अहम पहलू शामिल हैं. इस इंडेक्स को जारी करते हुए नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि देश के तमाम राज्य अपने हेल्थ इंडेक्स का इस्तेमाल नीति निर्धारण और संसाधनों के आवंटन बेहतर बनाने के लिए कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि यह इंडेक्स एक ऐसी संघीय व्यवस्था की मिसाल हैं, जो एक साथ प्रतिस्पर्धात्मक और सहयोगात्मक (competitive and cooperative) दोनों हैं.

राजीव कुमार ने बताया कि नीति आयोग ने यह रिपोर्ट केंद्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) के साथ मिलकर तैयार की है, जबकि विश्व बैंक (world bank) ने इसके लिए तकनीकी सहयोग मुहैया कराया है. इस बारे में जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक केंद्र सरकार ने नेशनल हेल्थ मिशन के तहत दिए जाने वाले इंसेंटिव को इस इंडेक्स से जोड़ने का फैसला किया है, जिससे इसकी अहमियत का पता चलता है.

(Input : PTI)

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