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Huge setback for Nitish Kumar as 15 out of 17 district panchayat members of JD(U) of Daman and Diu and the entire state unit joined the BJP.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बात से इनकार किया है कि वे साझा विपक्ष के प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनना चाहते हैं. नीतीश इस वक्त दिल्ली के दौरे पर हैं, जहां वे विपक्ष के तमाम बड़े नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. उनकी इस यात्रा को प्रधानमंत्री पद के लिए अपने दावेदारी मजबूत करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है, लेकिन नीतीश ने अब ज़ोर देकर कहा है कि प्रधानमंत्री बनने की उनकी कोई महत्वाकांक्षा नहीं है. बिहार के सीएम ने यह बात मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और लेफ्ट पार्टियों के बड़े नेताओं से मुलाकात के बाद कही. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि यह समय लेफ्ट, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी समेत सभी विपक्षी पार्टियों के एकजुट होने का है.
नीतीश कुमार ने मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और सांसद संजय सिंह से मुलाकात की. इनके अलावा वे सीपीआई-एम (CPI-M) के महासचिव सीताराम येचुरी और सीपीआई के जनरल सेक्रेटरी डी राजा से भी मिले. इन नेताओं से मुलाकात के बाद ही उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान विपक्षी एकता और अपनी पीएम उम्मीदवारी के बारे में अपना पक्ष रखा.
नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने पिछले महीने ही बीजेपी का साथ छोड़कर बिहार में आरजेडी-कांग्रेस और लेफ्ट की मदद से सरकार बनाई है. इसके बाद से ही नीतीश कुमार लगातार विपक्षी एकता की बात कर रहे हैं. उनकी दिल्ली यात्रा को इसी कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. बिहार में सियासी बदलाव होने के बाद से ही ऐसी अटकलें लग रही हैं कि नीतीश कुमार की आरजेडी के साथ इस बात पर सहमति बनी है कि जल्द ही वे बिहार में मुख्यमंत्री का पद तेजस्वी यादव को सौंपकर खुद केंद्र की राजनीति पर ध्यान केंद्रित करेंगे. मंगलवार को लेफ्ट से हाथ मिलाने के सवाल पर मीडिया को जवाब देते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि CPI-M से उनका पुराना नाता रहा है. नीतीश ने कहा, भले ही आपने न देखा हो, लेकिन मैं जब भी दिल्ली आया हमेशा CPI-M ऑफिस जरूर पहुंचा. हम कुछ समय के लिए अलग जरूर हो गए थे लेकिन अब हम सब फिर एक साथ हैं. हमारा पूरा ध्यान कांग्रेस, सभी लेफ्ट पार्टियों और क्षेत्रीय दलों को एक साथ लाने पर है. अगर हम सब एक साथ आ गए तो यह विपक्ष के लिए बहुत बड़ी कामयाबी होगी.
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सीताराम येचुरी ने भी नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बारे में पूछे जाने पर कहा कि फिलहाल वे विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश रहे हैं. उनका इरादा बीजेपी को कड़ी चुनौती देने का है और यह देश की राजनीति के लिए अच्छा संकेत है. येचुरी ने कहा, अभी एजेंडा सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने का है. पीएम पद के उम्मीदवार का नाम समय आने पर तय होगा. हम सही वक्त पर फैसला करेंगे और आपको बताएंगे भी. अब तक विपक्षी दलों के बीच इस बारे में कोई सहमति नहीं बनी है. मगर इस पर बात चल रही है. उम्मीद है कि देश की एकता, विविधता और संविधान को बचाने वाली तमाम पार्टियां एक साथ आएंगी.