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अपना अलग दल बनाकर सक्रिय राजनीति में उतरने के संकेत दे चुके प्रशांत किशोर 2 अक्टूबर से बिहार की पदयात्रा कर रहे हैं. (PTI file photo)
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब भी बीजेपी के संपर्क में हैं और अगर जरूरत पड़ी तो एक वे एक बार फिर उससे हाथ मिला सकते हैं. ये चौंकाने वाला दावा राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने किया है. उनका कहना है कि राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के जरिये नीतीश कुमार और बीजेपी के बीच संपर्क की लाइन खुली हुई है. लेकिन नीतीश की पार्टी जेडीयू ने प्रशांत के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि वे जानबूझकर भ्रम फैलाने के लिए ऐसी मनगढ़ंत बातें कर रहे हैं.
हरिवंश के जरिए बीजेपी के संपर्क में हैं नीतीश : प्रशांत
प्रशांत किशोर का कहना है कि नीतीश कुमार ने भले ही बीजेपी का साथ छोड़ दिया है और अब बिहार में आरजेडी के साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं, लेकिन राज्यसभा के उप-सभापति हरिवंश के जरिए वे अब भी लगातार बीजेपी के संपर्क में हैं. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक हरिवंश ने इस मसले पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. लेकिन जेडीयू ने कहा कि प्रशांत किशोर का दावा पूरी तरह से बेबुनियाद है और नीतीश अब फिर कभी बीजेपी से हाथ नहीं मिलाएंगे.
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हरिवंश को उपसभापति पद छोड़ने को नहीं कहा : प्रशांत
प्रशांत किशोर ने कहा, "जो लोग ऐसा समझ रहे हैं कि नीतीश कुमार बीजेपी के खिलाफ विपक्ष का राष्ट्रीय गठजोड़ बनाने में जुटे हुए हैं, उन्हें यह जानकर हैरानी होगी कि बीजेपी के साथ नीतीश की एक लाइन अब भी खुली हुई है. वे अपनी पार्टी के सांसद और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश जी के माध्यम से बीजेपी के संपर्क में हैं." प्रशांत किशोर के मुताबिक जेडीयू ने बीजेपी का साथ छोड़ने के बावजूद हरिवंश को राज्यसभा के उपसभापति का पद छोड़ने के लिए नहीं कहा, तो उसकी यही वजह है. वे कहते हैं, "लोगों को ध्यान रखना चाहिए कि जब भी ऐसी नौबत आई नीतीश कुमार फिर से बीजेपी के पास चले जाएंगे और उससे हाथ मिलाकर काम करेंगे."
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भ्रम फैलाना चाहते हैं प्रशांत किशोर : केसी त्यागी
प्रशांत किशोर के इन दावों को खारिज करते हुए जनता दल (यू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार सार्वजनिक रूप से एलान कर चुके हैं कि वे इस जीवन में बीजेपी से फिर कभी हाथ नहीं मिलाएंगे. त्यागी ने कहा, "जेडीयू इन आरोपों का पुरजोर तरीके से खंडन करती है. नीतीश कुमार पिछले 50 साल से ज्यादा वक्त से राजनीति में हैं, जबकि 6 महीने पहले राजनीति में कदम रखने वाले प्रशांत किशोर भ्रम फैलाने के इरादे से ऐसे निराधार बयान दे रहे हैं."
जेडीयू में रह चुके हैं प्रशांत किशोर
अपना अलग दल बनाकर सक्रिय राजनीति में उतरने के संकेत दे चुके प्रशांत किशोर 2 अक्टूबर से बिहार की पदयात्रा कर रहे हैं. इससे पहले वे करीब डेढ़ साल तक जेडीयू में रह चुके हैं और तब वे नीतीश कुमार के काफी करीबी माने जाते थे. लेकिन नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के मुद्दे पर बीजेपी का समर्थन करने के मामले में नीतीश कुमार की कड़ी आलोचना करने पर प्रशांत को पार्टी से निकाल दिया गया था. उस वक्त नीतीश कुमार बीजेपी के साथ मिलकर बिहार में सरकार चला रहे थे.