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टेलीकॉम कंपनियां अगर किसी निजी संपत्ति पर मोबाइल टॉवर लगाना चाहती है, या केबल बिछाना चाहती है तो उसे अथॉरिटी से मंजूरी लेनी की जरूरत नहीं होगी. हालांकि इसकी सूचना जरूर देनी होगी. (Image- Pixabay)
निजी संपत्ति पर मोबाइल टॉवर लगाने, खंभे लगाने या केबल बिछाने के लिए टेलीकॉम कंपनियों को अब किसी अथॉरिटी से मंजूरी की जरूरत नहीं पड़ेगी. इसे लेकर सरकार ने हाल ही में नए राइट ऑफ वे रूल्स को अधिसूचित किया है. इसके अलावा सरकार ने इलेक्ट्रिक पोल्स, फुट ओवर ब्रिजेज इत्यादि पर छोटे मोबाइल रेडियो एंटीना या ऊपर टेलीकॉम केबल लगाने से जुड़े नियमों को भी अधिसूचित किया है. सरकार की यह पूरी कवायद टेलीकॉम नेटवर्क खासतौर से 5जी सर्विसेज को मजबूत करने के लिए है.
मंजूरी की जरूरत नहीं लेकिन देनी होगी सूचना
17 अगस्त की तारीख में जारी अधिसूचना के मुताबिक लाइसेंसी (टेलीकॉम कंपनी) अगर किसी निजी संपत्ति पर मोबाइल टॉवर लगाना चाहती है, या केबल बिछाना चाहती है तो उसे अथॉरिटी से मंजूरी लेनी की जरूरत नहीं होगी. हालांकि इंडियन टेलीग्राफ राइट ऑफ वे (एमेंडमेंट) रूल्स 2022 के मुताबिक टेलीकॉम कंपनियों को लिखित में इसकी सूचना जरूर देनी होगी और यह सूचना मोबाइल टॉवर या पोल लगाने के पहले देनी होगी. इसमें टेलीकॉम कंपनियों को उस बिल्डिंग या स्ट्रक्चर के बारे में डिटेल्स देनी होगी जहां मोबाइल टॉवर या पोल लगाना है और इसके साथ ही अथॉरिटी द्वारा अधिकृत स्ट्रक्चरल इंजीनियर द्वारा हासिल सर्टिफिकेट की एक कॉपी लगानी होगी. सर्टिफिकेट कॉपी में बिल्डिंग या स्ट्रक्चर की स्ट्रक्चरल सेफ्टी प्रमाणित होगी.
स्ट्रीट फर्नीचर के लिए चुकानी होगी फीस
टेलीकॉम कंपनियों को स्माल सेल लगाने के लिए शहरी इलाकों में प्रति स्ट्रीट फर्नीचर लगाने पर 300 रुपये सालाना और गांवों में 150 रुपये सालाना शुल्क देना होगा. सरकारी अधिसूचना के मुताबिक स्ट्रीट फर्नीचर के जरिए केबल लगाने के लिए टेलीकॉम कंपनियों को प्रति स्ट्रीट फर्नीचर 100 रुपये सालाना शुल्क चुकाना होगा.
(Input: PTI)