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नोएडा के सेक्टर 93ए में स्थित ट्विन टावर को आज दोपहर ढाई बजे गिरा दिया जाएगा.
Noida Twin Towers Demolition: नोएडा के सेक्टर 93ए में स्थित ट्विन टावर को आज दोपहर ढाई बजे गिरा दिया जाएगा. इस गिराने के लिए 3700 किलोग्राम बारूद का इस्तेमाल किया जा रहा है और इसे जमींदोज होने में महज 15 सेकंड का वक्त लगेगा. ट्विन टावर्स गिराए जाने से पहले एमराल्ड कोर्ट और ATS विलेज सोसाइटी के रहने वाले लगभग 5,000 लोगों को निकाला जा चुका है. गैर सरकारी संगठनों (NGO) ने कुत्तों को बचाने के लिए उन्हें इलाके से बाहर कर दिया है. निवासियों को सेक्टर 93 में पार्श्वनाथ प्रेस्टीज रेसिडेंशियल कॉम्प्लेक्स में अस्थायी तौर पर आश्रय दिया गया है.
ट्विन टावर डिमॉलिशन के चलते नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे दोपहर 2.15 से 2.45 बजे के बीच बंद रहेंगे. शहर में ड्रोन के लिए नो फ्लाई जोन बनाया गया है.
क्यों गिराया जा रहा ट्विन टावर
Twin Tower का निर्माण साल 2009 में शुरू हुआ था. इसमें 950 से ज्यादा फ्लैट्स बनाये जाने का प्रस्ताव था. लेकिन फ्लैट्स खरीदने वाले कई खरीदारों ने आरोप लगाया कि कंपनी ने बिना किसी पूर्व सूचना के बिल्डिंग के नक्शे में कई बदलाव किये हैं. इसे लेकर इलाहाबाद कोर्ट में 2012 में याचिका दायर की गई. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2014 में Twin Tower के निर्माण को अवैध घोषित करते हुए इसे गिराने के निर्देश दिये. सुपरटेक ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन बाद में SC ने भी Twin Tower को अवैध मानते हुए इसे गिराने का आदेश दे दिया है.
जानिए इससे जुड़ी 10 जरूरी बातें
- नोएडा में 103 मीटर लंबे, 32-मंजिला सुपरटेक ट्विन टावरों को 31 अगस्त, 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने अवैध घोषित कर दिया था. टावर्स, एपेक्स और सेयेन, 28 अगस्त, 2022 को दोपहर 2.30 बजे गिराए जाएंगे.
- ये टावर दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची इमारत होगी जिसे तोड़ा जाएगा. एक इमारत की ऊंचाई 103 मीटर है जबकि दूसरी 97 मीटर है.
- दिल्ली के कुतुब मीनार से भी ऊंचे दो टावरों को गिराने का काम 6 सदस्यीय विध्वंस टीम के लिए सबसे मुश्किल कामों में से एक है. इसमें एडिफिस इंजीनियरिंग और दक्षिण अफ्रीका स्थित जेट डिमॉलिशन के एक्सपर्ट्स शामिल हैं.
- कंट्रोल्ड इंप्लोजन तकनीक का इस्तेमाल करके इन दोनों टावरों को गिराया जाना है. इसके लिए 3,700 किलोग्राम से अधिक विस्फोटकों का उपयोग किया जाएगा. इन्हें कॉलम और शीयर में ड्रिल किए गए 9,400 छेदों में भर दिया गया है.
- ट्विन टावर डिमॉलिशन से 80,000 मीट्रिक टन से अधिक मलबा पैदा होगा. इसमें से लगभग 50,000 मीट्रिक टन का साइट पर निस्तारण किया जाएगा. इसके अलावा, शेष 28,000 मीट्रिक टन मलबे को नोएडा अथॉरिटी के सेक्टर 80 कंस्ट्रक्शन एंड डिमॉलिशन वेस्ट प्लांट में वैज्ञानिक रूप से संसाधित किया जाएगा. डिमॉलिशन करने वाली कंपनी एडिफिस इंजीनियरिंग मलबे को प्लांट तक पहुंचाएगी. मलबे को हटाने में कम से कम तीन महीने लग सकते हैं.
- विस्फोट के प्रभाव को कम करने के लिए ट्विन टावर्स के बीम और पिलर्स को जियो-टेक्सटाइल मटेरियल में लपेटा गया है. डिमॉलिशन की प्रक्रिया 12 से 13 सेकंड में पूरी हो जाएगी. धमाके की आवाज करीब 150-200 डेसीबल होगी.
- 8 ट्विन टावरों से 250 मीटर की दूरी पर तैनात 6 सदस्यीय टीम फाइनल बटन दबाएगी. विस्फोटकों को जलने में ठीक 9 सेकंड और स्ट्रक्चर को गिरने में चार से छह सेकंड का समय लगेगा.
- एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज के लगभग 5,000 निवासियों के 28 अगस्त को दोपहर 2.30 बजे स्ट्रक्चर के गिरने से सबसे अधिक प्रभावित होने की संभावना है. सुबह 7 बजे तक परिसर खाली करवा दिया जाएगा. शाम करीब चार बजे दोनों सोसायटियों से करीब 2700 वाहन भी हटाए जाएंगे.
- डिमॉलिशन के बाद के धूल को देखते हुए ट्विन टॉवर के आसपास 1 नॉटिकल मील यानी करीब 1,850 मीटर तक कोई भी विमान उड़ान नहीं भरेगा. नोएडा अथॉरिटी की सिफारिश पर उड्डयन मंत्रालय ने इसके लिए अपनी सहमति दे दी है.
- नोएडा पुलिस ने डिमॉलिशन के मद्देनजर सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए 26 अगस्त से 31 अगस्त तक शहर के आसमान में ड्रोन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. 28 अगस्त को किसी भी व्यक्ति, जानवर या वाहन को प्रभावित इलाके में जाने की अनुमति नहीं होगी.