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अपोलो हॉस्पिटल्स और डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज ने कहा कि वे स्पूतनिक वी के साथ कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम शुरू करने के लिए समझौता कर रहे हैं.
अपोलो हॉस्पिटल्स और डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज ने सोमवार को कहा कि वे स्पूतनिक वी के साथ कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम शुरू करने के लिए समझौता कर रहे हैं. कार्यक्रम के पहले चरण की शुरुआत सोमवार को हैदराबाद में टीकाकरण के साथ और विशाखापट्टनम में मंगलवार (19 मई) को होगी. टीकाकरण में सरकार द्वारा सिफारिश किए गए SOPs का पालन किया जाएगा, जिसमें CoWIN पर रजिस्ट्रेशन शामिल है.
लोगों तक वैक्सीन की उपलब्धता बढ़ेगी
अपोलो अस्पतालों के होस्पिटल डिवीजन प्रेजिडेंट के हरि प्रसाद ने एक बयान में कहा कि पायलट चरण में डॉ रेड्डीज और अपोलो प्रबंधों और कोल्ड चैन लॉजिस्टिक्स का परीक्षण और लॉन्च के लिए तैयारी करेंगे. उन्हें विश्वास है कि स्पूतनिक वी वैक्सीन के साथ, वे बड़े स्तर पर समाज के लिए कोविड वैक्सीन की उपलब्धता और एक्सेस आसान कर सकेंगे. उन्होंने आगे कहा कि निजी सेक्टर के लिए टीकाकरण कार्यक्रम खुलने के साथ, हेल्थकेयर की बड़ी कंपनी ने अपने अस्पतालों के नेटवर्क में टीकाकरण केंद्रों को खोलने के जरिए टीकाकरण की दर को तेज करने के लिए कोशिशों को तेज किया है.
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प्रसाद ने कहा कि वे कॉरपोरेट के साथ भी चर्चा कर रहे हैं कि वे भी अपने परिसरों में टीकाकरण करें. वे मौजूदा समय में देश भर में कुल 60 जगहों में कोरोना वैक्सीन लगा रहे हैं, जिनमें अपोलो हॉस्पिटल, अपोलो स्पेक्ट्रा होस्पिटल्स और अपोलो क्लीनिक शामिल हैं.
डॉ रेड्डीज लेबोरेटरीज की सीईओ ब्रांडेड मार्केट्स ( भारत और उभरते बाजारों) एमवी रामना ने जिक्र किया कि दो इकाइयां पायलट को बढ़ाने और वैक्सीन को दूसरे देशों में ले जाने के लइए काम कर रही थीं, जिसका मकसद जितना संभव हो, उतने भारतीयों का टीकाकरण करना है. पायलट प्रोग्राम के लिए स्पूतनिक वी वैक्सीन को डॉ रेड्डीज अब तक आयात किए गए डेढ़ लाख डोज के पहले बेड़े में सप्लाई करेगी.