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CBI ने को-लोकेशन घोटाला मामले में NSE की पूर्व MD और CEO चित्रा रामकृष्ण को गिरफ्तार कर लिया है. (reuters)
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर (MD) और CEO चित्रा रामकृष्ण को दिल्ली की अदालत ने आज सात दिन के लिए CBI की कस्टडी में भेज दिया. को-लोकेशन घोटाले की आरोपी चित्रा को सीबीआई ने रविवार को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद आज उन्हें दिल्ली की अदालत में पेश किया गया. सीबीआई ने अदालत से कहा कि चित्रा को हिरासत में लेकर पूछताछ करना जरूरी है. जांच एजेंसी ने 14 दिन की हिरासत में सौंपे जाने की मांग की थी, लेकिन स्पेशल जज संजीव अग्रवाल ने सुनवाई के बाद 7 दिन के लिए सीबीआई की कस्टडी में सौंपने का आदेश दिया.
सीबीआई गिरफ्तारी के 3 दिन पहले से चित्रा रामकृष्ण से एनएसई को-लोकेशन (NSE co-location) घोटाले के सिलसिले में पूछताछ कर रही थी. जांच एजेंसी का कहना है कि चित्रा पूछताछ में सहयोग नहीं कर रही थीं, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया.
दूसरी बड़ी गिरफ्तारी
चित्रा से पहले इस हाई प्रोफाइल केस में NSE के पूर्व ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर और चित्रा रामकृष्ण के डिप्टी आनंद सुब्रमण्यम की गिरफ्तारी पिछले महीने हुई थी. उन्हें सीबीआई ने एनएसई मामले में चेन्नई से गिरफ्तार किया था. माना जा रहा है कि इन 2 गिरफ्तारियों के बाद इस मामले में कुछ अहम खुलासे हो सकते हैं.
SEBI की जांच के घेरे में भी हैं चित्रा रामकृष्ण
चित्रा रामकृष्ण मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) की जांच के घेरे में भी हैं. चित्रा पर हिमालयन योगी के इशारे पर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का संचालन करने और संवेदनशील जानकारी साझा करने का आरोप है. सीबीआई ने एनएसई के एक ब्रोकर द्वारा को-लोकेशन सुविधा के कथित दुरुपयोग की पहले से चल रही जांच के सिलसिले में एनएसई के पूर्व सीईओ रवि नारायण से भी पूछताछ की है.
अधिकारियों ने कहा कि वह पूछताछ में उचित जवाब नहीं दे रही थीं. उन्होंने कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के एक वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक की सेवाएं भी लीं, जिन्होंने भी उनसे पूछताछ की. अधिकारियों ने कहा कि मनोवैज्ञानिक भी इस निष्कर्ष पर पहुंचे थे कि एजेंसी के पास उन्हें गिरफ्तार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.
क्या है को-लोकेशन घोटाला
शेयर खरीद-बिक्री के केंद्र देश के प्रमुख नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के कुछ ब्रोकरों को ऐसी सुविधा दे दी गई थी, जिससे उन्हें बाकी के मुकाबले शेयरों की कीमतों की जानकारी कुछ पहले मिल जाती थी. इसका लाभ उठाकर वे भारी मुनाफा कमा रहे थे. अंदरूनी सूत्रों की मदद से उन्हें सर्वर को को-लोकेट करके सीधा एक्सेस दिया गया था. घोटाले की रकम 5 साल में 50,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है.
साल 2013 में NSE चीफ बनी थीं चित्रा
चित्रा रामकृष्ण चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) हैं. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 1985 में आईडीबीआई बैंक से की थी. उन्होंने कुछ समय के लिए सेबी में भी काम किया था. साल 1991 में एनएसई की स्थापना से ही वह मुख्य भूमिका में थीं. एनएसई के पहले सीईओ आरएच पाटिल की अगुआई में चित्रा उन 5 लोगों में शामिल थीं जिन्हें ‘हर्षद मेहता घोटाला’ के बाद एक पारदर्शी स्टॉक एक्सचेंज बनाने के लिए चुना गया था. साल 2013 में रवि नारायण का कार्यकाल समाप्त होने के बाद चित्रा को 5 साल के लिए एनएसई का चीफ बनाया गया था.