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कोरोना वैक्सीन की एक डोज भी मौत को रोकने में 82% सक्षम, फुल वैक्सीनेशन से 95% सुरक्षा: ICMR-NIE Study

Covid Vaccine Study: कोरोना वायरस के खिलाफ सबसे प्रभावकारी हथियार वैक्सीन है और अब एक नए शोध में भी इस बात की पुष्टि हुई है. कोरोना वैक्सीन की एक डोज भी इससे होने वाली मौत को रोकने में काफी हद तक सक्षम है.

Covid Vaccine Study: कोरोना वायरस के खिलाफ सबसे प्रभावकारी हथियार वैक्सीन है और अब एक नए शोध में भी इस बात की पुष्टि हुई है. कोरोना वैक्सीन की एक डोज भी इससे होने वाली मौत को रोकने में काफी हद तक सक्षम है.

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FE Online
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One dose 82 percent effective in preventing death and two doses 95 percent effective reveals ICMR-NIE study

कोरोना वैक्सीन की एक डोज कोरोना वायरस के चलते होने वाली मौत को रोकने में 82 फीसदी प्रभावी है जबकि वैक्सीन की दोनों डोज लेने पर यह 95 फीसदी प्रभावी है.

Covid Vaccine Study: कोरोना वायरस के खिलाफ सबसे प्रभावकारी हथियार वैक्सीन है और अब एक नए शोध में भी इस बात की पुष्टि हुई है. कोरोना वैक्सीन की एक डोज भी इससे होने वाली मौत को रोकने में काफी हद तक सक्षम है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी (ICMR-NIE) के शोध के मुताबिक कोरोना वैक्सीन की एक डोज कोरोना वायरस के चलते होने वाली मौत को रोकने में 82 फीसदी प्रभावी है जबकि वैक्सीन की दोनों डोज लेने पर यह 95 फीसदी प्रभावी है. कोरोना वायरस से होने वाली मौतों को थामने को लेकर कोरोना वैक्सीन की प्रभाविता का यह अध्ययन तमिलनाडु के हाई रिस्क ग्रुप में किया गया है. इसकी रिपोर्ट इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च में 21 जून को प्रकाशित हुई थी.

तमिल पुलिसकर्मियों पर हुआ अध्ययन

तमिलनाडु पुलिस विभाग दूसरी लहर के दौरान अपने पुलिसकर्मियों की हुई मौत और वैक्सीनेशन डोज (कोई डोज नहीं, एक डोज और दो डोज) की जानकारी को रिकॉर्ड में रख रही थी. इसके अलावा उन्होंने अस्पताल में भर्ती होने और वैक्सीनेशन की तारीख का भी रिकॉर्ड रखा. इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में आईसीएमआर-एनआईई के डायरेक्टर डॉ मनोज मुर्हेकर ने बताया कि इस डेटा का इस्तेमाल वैक्सीनेटेड पुलिसकर्मी और कोई वैक्सीन न लगवाए हुए पुलिसकर्मियों के कोरोना से होने वाली मौत को लेकर अध्ययन किया गया.

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तमिलनाडु पुलिस विभाग में 1,17,524 पुलिस कर्मी हैं. 1 फरवरी से 14 मई के बीच 32792 पुलिसकर्मियों को वैक्सीन की एक डोज, 67673 पुलिसकर्मियों को दोनों डोज दी गई. 17,509 पुलिसकर्मियों को इस दौरान वैक्सीन की एक भी डोज नहीं लग पाई. 13 अप्रैल से 14 मई के बीच 31 पुलिसकर्मियों की मौत हुई. इन 31 लोगों में चार को वैक्सीन की दोनों डोज लगी हुई थी, सात को एक डोज जबकि शेष 20 को कोरोना वैक्सीन की एक भी डोज नहीं लगी थी.

स्टडी वैक्सीन की प्रभावी क्षमता को दिखाता है- आईसीएमआर

वैक्सीन लगवाए हुए और वैक्सीन न लगवाए हुए लोगों के मरने का तुलनात्मक अध्ययन कर कोरोना वैक्सीनेशन से जुड़े हुए मोर्टलिटी रिस्क को कैलकुलेट किया गया. कैलकुलेशन के मुताबिक वैक्सीन की कोई डोज न लेने वाले प्रति 1 हजार पुलिसकर्मियों में 1.17 लोगों की मौत हुई जबकि वैक्सीन की एक डोज लगवाए हुए लोगों के लिए यह आंकड़ा 0.21 और दोनों डोज लगवाए हुए लोगों के लिए यह आंकड़ा 0.06 है. डॉ मुर्हेकर के मुताबिक स्टडी के परिणाम तर्कसंगत हैं और यह वैक्सीन की प्रभावी क्षमता को दिखाता है.