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As the economy started to unlock, the wholesale prices also started to rise.
Onion price hike: देश में प्याज की खुदरा कीमतें कुछ जगहों पर 100 रुपये प्रति किलो के करीब पहुंच गई है. त्योहारी सीजन के दौरान प्याज की बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार ने अब बफर स्टॉक से सप्लाई की पेशकश की है. केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सेंट्रल बफर स्टॉक से प्याज की खेप उठाने को कहा है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 22 अक्टूबर को मुंबई में खुदरा प्याज की कीमतें 86 रुपये किलो, चेन्नई में 83 रुपये किलो, कोलकाता में 70 रुपये किलो और दिल्ली में 55 रुपये किलो थीं. वहीं, एएनआई के अनुसार, केरल में कुछ जगहों पर 100 रुपये प्रति किलो के करीब भी कीमतें दर्ज की गईं. इस बीच, केंद्र सरकार ने शुक्रवार को खुदरा और थोक कारोबारियों पर 31 दिसंबर तक स्टॉक होल्डिंग लिमिट लगा दिया है. सरकार प्याज के आयात पर भी विचार कर रही है.
उपभोक्ता मामलों की सचिव लीना नंदन ने पीटीआई को बताया, ‘‘हमने बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के प्रयासों को तेज कर दिया है. हमने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों से खुदरा हस्तक्षेप के लिए बफर स्टॉक से प्याज लेने का अनुरोध किया है.’’ उन्होंने कहा कि असम, आंध्र प्रदेश, बिहार, चंडीगढ़, हरियाणा, तेलंगाना और तमिलनाडु ने इसमें रुचि दिखाई है. ये राज्य बफर स्टॉक से कुल 8,000 टन प्याज ले रहे हैं. उन्होंने कहा कि मंत्रालय, अन्य राज्यों से प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहा है.
31 दिसंबर तक स्टॉक लिमिट
उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर बताया, ''मोदी सरकार ने प्याज की महंगाई को रोकने का तीसरा कदम उठाया है. इसके तहत खुदरा कारोबारियों पर 2 टन और थोक कारोबारियों पर 25 टन की स्टॉक लिमिट लगाई गई है.''उपभोक्ता मामलों की सचिव लीना नंदन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सरकार ने आवश्यक वस्तु संसोधन कानून के तहत प्याज की बेतहासा बढ़ती महंगाई को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है. पिछले महीने संसद में यह कानून पारित हुआ था.
दिल्ली में नाफेड, केंद्रीय भंडार, मदर डेयरी से सप्लाई
केंद्र नासिक, महाराष्ट्र के भंडारित बफर स्टॉक से 26-28 रुपये प्रति किलोग्राम की खरीद दर पर उन राज्यों को प्याज की पेशकश कर रहा है, जो अपने आप स्टॉक को उठाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि जिन राज्यों को प्याज पहुंचाए जाने (डिलीवरी भेजने) की जरूरत है, उनके लिए कीमत 30 रुपये प्रति किलोग्राम होगी. इसके अलावा, सचिव ने कहा कि सहकारी संस्था नाफेड, जो सरकार की ओर से प्याज की बफर स्टॉक के लिए खरीद और उनका रखरखाव कर रहा है, देशभर के थोक मंडियों में प्याज के स्टॉक को ला रहा है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में कीमतों को नियंत्रित करने के लिए, नाफेड राष्ट्रीय राजधानी में केंद्रीय भंडार और मदर डेयरी के सफल बिक्री केन्द्र के माध्यम से खुदरा बिक्री के लिए बफर स्टॉक से प्याज भी दे रहा है.
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खरीफ की आवक से गिरेंगे भाव
सरकार ने अब तक वर्ष 2019-20 की रबी फसल से की गई खरीद से बनाए गए 1,00,000 टन के बफर स्टॉक से 30,000 टन प्याज बाजार में ला चुकी है. खरीफ प्याज के मंडियों में जल्द ही पहुंचने की संभावना है और सरकार को उम्मीद है कि 37 लाख टन की अनुमानित खरीफ फसल उत्पादन के बाजार में आने के बाद बाजार में आपूर्ति बढ़ेगी, जिससे कीमतें कम होंगी. इस बीच, सरकार प्याज के आयात पर भी विचार कर रही है और 15 दिसंबर तक फुमिगेशन व फाइटोसैनेटिक (स्वच्छता संबंधी) मानदंडों में ढील दी गई है.
प्याज के आयात की खेपों को सुविधाजनक बनाने के लिए भारतीय वाणिज्य दूतावासों को सक्रिय किया है. सरकार ने 14 सितंबर को खरीफ प्याज के बाजार में आने से पहले प्याज के कम उत्पादन वाले समय में घरेलू उपभोक्ताओं को वाजिब कीमत पर प्याज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्याज निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी.