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PM किसान: इस राज्य के सिर्फ 11 किसानों को मिला स्कीम का लाभ, यहां मिला सबसे ज्यादा बेनेफिट

PM-Kisan सम्मान निधि योजना के तहत 6 फरवरी तक सिक्कम राज्य में केवल 11 किसानों को लाभ हुआ है.

PM-Kisan सम्मान निधि योजना के तहत 6 फरवरी तक सिक्कम राज्य में केवल 11 किसानों को लाभ हुआ है.

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only eleven farmers benefited from pm kisan samman nidhi yojana in sikkim

पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत 6 फरवरी तक सिक्कम राज्य में केवल 11 किसानों को लाभ हुआ है.

only eleven farmers benefited from pm kisan samman nidhi yojana in sikkim पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत 6 फरवरी तक सिक्कम राज्य में केवल 11 किसानों को लाभ हुआ है.

PM-Kisan: पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत 6 फरवरी तक सिक्किम राज्य में केवल 11 किसानों को लाभ हुआ है. हालांकि स्कीम के तहत राज्य में 11,000 से ज्यादा किसानों ने सफलतापूर्वक रजिस्टर किया है. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने यह जानकारी संसद में एक सवाल के लिखित जवाब में दी. सरकारी डेटा के मुताबिक, सबसे ज्यादा लाभार्थी उत्तर प्रदेश के हैं. 6 फरवरी तक उत्तर प्रदेश के कुल 18,735,405 किसानों को लाभ मिला है जबकि राज्य में इस स्कीम के तहत रजिस्टर्ड किसानों की संख्या 23,003,675 है.

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नरेंद्र सिंह तोमर ने संसद में दिया लिखित जवाब

अपने लिखित जवाब में कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि 6 फरवरी 2020 तक पीएम किसान योजना के अंदर कुल 96,073,451 किसान परिवार सफलतापूर्वक रजिस्टर हुए हैं जिसमें से कुल 84,472,629 को स्कीम के तहत लाभ मिले हैं.

तोमर ने आगे कहा कि पीएम किसान स्कीम को लागू करने के लिए बजटीय आवंटन वित्त वर्ष 2018-19 के लिए 20,000 करोड़ और 2019-20 में 75,000 करोड़ रुपये रहा, जिसमें से स्कीम के शुरू होने से लेकर 6 फरवरी 2020 तक 50522.2 करोड़ रुपये की राशि लाभार्थियों के खातों में ट्रांसफर की गई है.

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लाभार्थियों की डिटेल्स को वेरिफाई किया जाता है

पीएम किसान के बेनेफिट्स देने के लिए मंत्रालय को संबंधित राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों से लाभार्थियों की लैंड होल्डिंग, बैंक संबंधित डिटेल्स, आधार कार्ड नंबर आदि की जानकारी मिली. इन जानकारियों को पीएम किसान पोर्टल के द्वारा वेरिफाई किया गया. मंत्री ने बताया कि शुरुआत में अकाउंट को मान्यता पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम (PFMS) के जरिए दी गई.

उन्होंने कहा कि दिसंबर 2019 से लाभार्थियों के डेटा के आधार ऑथेंटिफिकेशन को भी अनिवार्य कर दिया गया है. अगर कोई संबंधित एजेंसी को प्राप्त डिटेल्स में आधार से समानता नहीं मिलती है, तो संबंधित राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों को उन लाभार्थियों की जानकारी में सुधार या बदलाव करना होगा. तोमर ने बताया कि इस तरह मंत्रालय इस बात को सुनिश्चित करता है कि स्कीम के तहत फायदा लाभार्थियों को राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों से प्रमाणित होने के बाद ही मिले.

Narendra Singh Tomar