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चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ और केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू (Express file photos)
Opposition slams Modi government over Rijiju letter to CJI : भारत के प्रधान न्यायाधीश (Chief Justice of India) डी वाई चंद्रचूड़ के नाम लिखी केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू की चिट्ठी पर बड़ा विवाद हो गया है. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने कानून मंत्री की चिट्ठी को न्यायपालिका की स्वतंत्रता में दखल देने की मोदी सरकार की एक और कोशिश बताते हुए इस पर कड़ा एतराज जाहिर किया है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम में सरकार के प्रतिनिधि को शामिल करने के कानून मंत्री के सुझाव को न्यायपालिका की आजादी पर गंभीर हमला (Poison pill) बताते हुए इसका कड़ा विरोध किया है.
न्यायपालिका पर कब्जा करने की सरकार की कोशिश : विपक्ष
चीफ जस्टिस के नाम केंद्रीय कानून मंत्री की चिट्ठी पर कई विपक्षी दलों ने सोमवार को तीखी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा. किरेन रिजीजू ने अपनी चिट्ठी में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ को सलाह दी है कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए सिफारिश करने वाले कॉलेजियम में सरकार के प्रतिनिधि को भी शामिल किया जाए. विपक्ष का कहना है कि केंद्रीय कानून मंत्री की यह चिट्ठी न सिर्फ देश की न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर हमला है, बल्कि यह न्यायपालिका पर 'कब्जा' करने की मोदी सरकार की कोशिश का हिस्सा है.
सरकार की सलाह न्यायपालिका की आजादी के लिए 'जहर की गोली' : जयराम
कांग्रेस के कम्यूनिकेशन विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने रिजिजू की चिट्ठी को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के हाल में दिए गए बयानों से जोड़ते हुए इसे न्यायपालिका की स्वतंत्रता को खत्म करने की सोची-समझी साजिश का हिस्सा बताया है. जयराम रमेश ने ट्विटर पर लिखा है, "उप राष्ट्रपति हमला करते हैं. कानून मंत्री अटैक करते हैं. न्यायपालिका पर ये तमाम हमले पहले उसे डराने और फिर पूरी तरह कब्जा करने की सोची समझी रणनीति का हिस्सा हैं. कॉलेजियम में रिफॉर्म की जरूरत है. लेकिन सरकार तो उसे पूरी तरह अपने अधीन करना चाहती है. उसका सुझाव न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए जहरीली दवा (poison pill) की तरह है."
केजरीवाल और आरजेडी ने भी जताया एतराज
कांग्रेस के अलावा राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी चीफ जस्टिस के नाम कानून मंत्री की चिट्ठी में दी गई सलाह की कड़ी आलोचना की है. आरजेडी नेता और राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने रिजिजू के सुझाव को चौंकाने वाला बताते हुए कहा है, "यह बेहद हैरान करने वाली बात है. इससे तो न्यायपालिका की स्वतंत्रता की अवधारणा खत्म हो जाएगी और संविधान के जरिए स्थापित अधिकारों का बारीक संतुलन पूरी तरह बिगड़ जाएगा." दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने भी रिजिजू के सुझाव को एक खतरनाक कदम बताया है. केजरीवाल ने रिजिजू की चिट्ठी से जुड़ी खबर को शेयर करते हुए ट्विटर पर लिखा है, "यह बेहद खतरनाक है. न्यायपालिका से जुड़ी नियुक्तियों में सरकार का कोई दखल नहीं होना चाहिए."