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फ्लिपकार्ट के खिलाफ भी फरवरी 2020 में ऐसा मामला सामने आ चुका है जिसे बाद में एनसीएलएटी ने खारिज कर दिया. (Image- Reuters)
दिग्गज हॉस्पिटैलिटी चेन कंपनी OYO Hotels की एक सहायक कंपनी के खिलाफ 16 लाख रुपये के एक मामले में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने इंसॉल्वेंसी प्रक्रिया शुरू करने की इजाजत दी तो ओयो के दिवालिया होने की अफवाह उड़ गई. इसके चलते OYO Rooms के फाउंडर और सीईओ रितेश अग्रवाल ने ट्वीट कर सफाई दी कि यह अफवाह आधारहीन है और जिन 16 लाख रुपयों को लेकर विवाद खड़ा किया जा रहा है, उसे कंपनी ने चुका दिए हैं. ओयो की सब्सिडयरी Homes Private Limited (OHHPL) के खिलाफ मामले में एनसीएलटी के आदेश को ओयो ने अब नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) में चुनौती दी है. ऐसा नहीं है कि पहली बार ऐसा हुआ है बल्कि फ्लिपकार्ट के साथ पहले भी ऐसा मामला सामने आ चुका है.
There is a PDF and text message circulating that claims OYO has filed for bankruptcy. This is absolutely untrue and inaccurate. A claimant is seeking INR 16Lakhs (USD 22k) from OYO's subsidiary leading to a petition at NCLT. 1/3
— Ritesh Agarwal (@riteshagar) April 7, 2021
यह है पूरा मामला
ओयो होटल्स की पैरेंट कंपनी Oravel Stays ने उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें एनसीएलटी ने ओएचएचपीएल के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरु करने का आदेश दिया था. एनसीएलटी ने क्रेडिटर राकेश यादव की एक याचिका पर 30 मार्च 2021 को यह आदेश दिया था. राकेश यादव की याचिका के आधार पर एनसीएलटी ने 16 लाख रुपये के डिफॉल्ट मामले में यह दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया था. इस पर ओयो रूम्स के सीईओ और फाउंडर रितेश अग्रवाल ने ट्वीट कर कहा कि ओयो ने बैंकरप्सी के लिए कोई आवेदन नहीं किया जैसा कि लोगों के बीच फैलाया जा रहा है. ओयो होटल्स एंड होम प्राइवेट लिमिटेड के क्रेडिटर्स को एनसीएलटी ने 15 अप्रैल तक प्रमाण के साथ दावा पेश करने को कहा है.
पहले भी आ चुका है ऐसा मामला
रितेश अग्रवाल द्वारा जारी ट्वीट के मुताबिक यह पहला मामला नहीं है जब एनसीएलटी ने ऐसा फैसला आदेश दिया हो. इससे पहले फरवरी 2020 में फ्लिपकार्ट के साथ भी ऐसा हो चुका है. ओयो के मुताबिक फरवरी 2020 में एक कोर्ट ने एक छोटे ऑपरेशनल क्रेडिटर को लेकर इस प्रकार की याचिका को मंजूरी दी थी लेकिन इसके बाद नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) में यह मामला खारिज हो गया.