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संसदीय कमेटी ने ट्विटर इंडिया के अधिकारियों से कड़ी पूछताछ की
सरकार और ट्विटर ( Twitter India) के बीच बढ़ते विवाद के बीच एक संसदीय कमेटी ने ट्विटर इंडिया की खिंचाई की है. संसदीय कमेटी के सामने जब ट्विटर इंडिया के अधिकारियों ने कहा कि ट्विटर अपनी ही नीतियों का पालन करता है तो कमेटी ने कहा कि देश का कानूनी सर्वोपरि है, उसकी पॉलिसी नहीं. सूत्रों के मुताबिक आईटी (Information Technology) पर बनी संसदीय कमेटी के सदस्यों ने ट्विटर से यह पूछा कि चूंकि उसने देश के कानूनों का उल्लंघन किया है इसलिए क्यों न उस पर जुर्माना लगाया जाए.
संसदीय कमेटी के सामने पेश हुए थे ट्विटर इंडिया के अधिकारी
इससे पहले इस महीने की शुरुआत में केंद्र ने नए आईटी नियमों को मानने के लिए एक और मौका दिया था. केंद्र का कहना था कि अगर उसने नए नियमों का पालन नहीं किया तो उसे आईटी एक्ट के सेक्शन 79 के तहत मिली सुरक्षा से हाथ धोना होगा. ट्विटर इंडिया के अधिकारियों से पूछताछ करने वाली आईटी की संसदीय कमेटी के अध्यक्ष कांग्रेस नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) हैं. उन्होंने पिछले सप्ताह इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग और नागरिक अधिकारों की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे पर ट्विटर इंडिया (Twitter India) के अधिकारियों को तलब किया था. पैनल के सामने ट्विटर इंडिया की पब्लिक पॉलिसी मैनेजर शगुफ्ता कामरान और कानूनी सलाहकार आयुषी कपूर पेश हुई थीं.
ट्विटर इंडिया के अधिकारियों से कड़ी पूछताछ
सूत्रों ने बताया कि संसदीय कमेटी के सदस्यों ने ट्विटर इंडिया के अधिकारियों से कुछ कड़े और गहरे सवाल पूछे. लेकिन ट्विटर इंडिया के अधिकारियों के पास इनके कोई साफ जवाब नहीं थे. ट्विटर इंडिया के अधिकारियों ने कहा कि इसकी पॉलिसी देश के कानून के समान ही है तो संसदीय कमेटी के सदस्यों ने साफ कहा कि देश का कानून सर्वोपरि है आपकी पॉलिसी नहीं. पिछले कुछ महीनों से ही ट्विटर और केंद्र सरकार के बीच विवाद चल रहा है. पिछले दिनों विवादों के बढ़ने के साथ ही ट्विटर इंडिया ने पहले उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू और उसके बाद आरएसएस के चीफ मोहन भागवत समेत इसके कई वरिष्ठ पदाधिकारियों के ब्लू टिक हटा दिए थे.
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने ट्विटर को नोटिस भेज कर पूछा था कि उसने कांग्रेस के टूल किट पर सवाल उठाने वाले ट्वीट को मैन्युपुलेटेड मीडिया कैसे कहा. पुलिस ने कथित तौर पर ट्विटर इंडिया के एमडी मनीष माहेश्वरी से 31 मई को पूछताछ की थी. इससे पहले उसने टूलकिट मुद्दे पर ट्विटर इंडिया के दिल्ली और गुड़गांव दफ्तर की जांच की थी.