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Opposition Unity : देश के 17 विपक्षी दलों का बड़ा एलान, 2024 में मिलकर देंगे बीजेपी को टक्कर, शिमला में होगी अगली बैठक

Patna meet: पटना की बैठक में विपक्ष ने किया मतभेद भुलाकर साथ आने का संकल्प, जुलाई में शिमला की बैठक में विपक्षी एकता को दिया जाएगा अंतिम रूप.

Patna meet: पटना की बैठक में विपक्ष ने किया मतभेद भुलाकर साथ आने का संकल्प, जुलाई में शिमला की बैठक में विपक्षी एकता को दिया जाएगा अंतिम रूप.

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FE Hindi Desk
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Opposition Unity : पटना में विपक्षी दलों की बैठक के बाद साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव, हेमंत सोरेन और अन्य विपक्षी नेता. (PTI Photo)

Patna meet: 17 opposition parties decide to fight unitedly against BJP in 2024 Lok Sabha polls : बिहार की राजधानी पटना में हुई विपक्ष की बड़ी बैठक में 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी एकता का नया खाका तैयार होता दिखाई दे रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर हुई इस बैठक में शामिल 17 पार्टियों ने अपने आपसी मतभेद भुलाकर बीजेपी के खिलाफ साथ आने का संकल्प जाहिर किया है. शुक्रवार को हुई इस बैठक में अधिकांश दलों के शीर्ष नेतृत्व के साथ-साथ अन्य प्रमुख नेता भी शामिल हुए. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की मेजबानी में हुई इस बैठक में करीब 30 नेताओं ने भाग लिया.

17 दल मिलकर लड़ेंगे 2014 का चुनाव : नीतीश कुमार

विपक्षी नेताओं की बैठक करीब 4 घंटे तक चली, जिसके बाद तमाम नेताओं ने एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस को भी संबोधित किया. नीतीश ने कहा कि बैठक काफी अच्छी रही, जिसमें 17 दलों ने अगला चुनाव मिलकर लड़ने का फैसला कर लिया है. उन्होंने कहा, ‘‘काफी अच्छी मुलाकात हुई, एक साथ चलने पर सहमति बनी. जल्द ही एक और बैठक होगी, जिसमें आगे की चीजें तय की जाएंगी. यह बैठक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जी आयोजित करेंगे.’’ इसके बाद खरगे ने बताया कि अगली बैठक जुलाई महीने में हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में होगी.

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विपक्षी एकता की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी : राहुल गांधी

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, ‘‘आज हिंदुस्तान की नींव पर आक्रमण हो रहा है, राष्ट्रीय संस्थाओं के साथ ही जनता की आवाज पर भाजपा आक्रमण कर रही है. यह विचारधारा की लड़ाई है, जिसमें हम सभी एक साथ खड़े हैं. हम सभी में थोड़े-बहुत मतभेद हो सकते हैं, लेकिन हमने तय किया है कि एक साथ काम करेंगे, लचीलेचन के साथ और अपनी विचारधारा की रक्षा करेंगे. यह विपक्षी एकता की एक प्रक्रिया है, जो आगे बढ़ने जा रही है.’’ उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि पटना एक नए राजनीतिक नवजागरण का गवाह बना है. हम सबको मिलकर देश को बचाने के लिए काम करना है.

बिहार से होती रही है बदलाव की शुरुआत : शरद पवार

देश के सबसे वरिष्ठ राजनेताओं में शामिल एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि देश के इतिहास में कई आंदोलन बिहार से शुरू हुए, जिनका साथ जनता ने दिया और सियासत में बदलाव हुए. आज भी वैसा हो रहा है. नीतीश जी के बुलाने पर सब साथी यहां आ गए. यहां सारी बातें हुई हैं. इसको अंतिम रूप देने का काम शिमला में हो जाएगा. हमने जो मिलकर काम करने का तय किया है, उससे एक नया रास्ता शुरू हुआ है और मुझे पूरा विश्वास है कि देश की जनता इसका समर्थन करेगी.

हम एक हैं, मिलकर लड़ेंगे : ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, "हम एक हैं, हम मिलकर लड़ेंगे. बिहार जन आंदोलनों की भूमि रही है और एक बार फिर इस राज्य से इतिहास बनाने की शुरुआत हुई है. उन्होंने कहा कि अगर 2024 के लोकसभा चुनाव में ‘तानाशाही’ सरकार फिर से चुनकर आ जाएगी, तो देश में अगला चुनाव नहीं होगा, ऐसा कुछ लोग कहते हैं."

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, “हम साथ आ चुके हैं, इस देश को बर्बादी से बचाने के लिए और सही मायने में देश में जम्हूरियत को बचाने के लिए. विपक्षी दलों की बैठक के बाद पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा, हमारी कोशिश है कि हम गांधी के मुल्क को ‘गोडसे का मुल्क’ नहीं बनने देंगे.” तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने कहा, ‘‘इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि एकजुट विपक्ष का एलान बिहार से हो रहा है. यह सामाजिक न्याय की भूमि है, जहां से फासीवादी, निरंकुश शासन को समाप्त करने और धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक भारत के पुनर्जन्म के लिए एकजुट विपक्ष का युद्ध घोष हो रहा है.’’ महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी मतभेद भुलाकर देश हित में साथ आने की जरूरत पर जोर दिया.

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अमित शाह की बात सही निकलेगी या विपक्ष की उम्मीद?

जिन राजनीतिक दलों के नेता पटना की बैठक में शामिल हुए, उनके सांसदों की कुल संख्या फिलहाल 200 से कम है, जबकि 543 वाली संसद में बीजेपी के 300 से ज्यादा सांसद हैं. लेकिन विपक्षी नेताओं को उम्मीद है कि वे साथ मिलकर चुनाव लड़ें, तो अगले लोकसभा चुनाव में यह तस्वीर पूरी तरह बदल जाएगी. हाल के विधानसभा चुनावों के दौरान हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में कांग्रेस को मिली जीत और राहुल गांधी की "भारत जोड़ो यात्रा" को मिली उत्साहजनक प्रतिक्रिया से भी कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों में नया जोश दिखाई देने लगा है. हालांकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को ही जम्मू की एक रैली में दावा किया कि विपक्षी दलों की एकता संभव नहीं है और पटना की बैठक महज एक फोटो सेशन है. उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष अगर किसी तरह साथ आ जाए, तो भी 2024 में एक बार फिर मोदी सरकार का बनना तय है. यह तो आने वाले दिनों में ही पता चलेगा कि अमित शाह का दावा सही है या विपक्ष की उम्मीद.

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