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देश में आम आदमी को महंगे पेट्रोल और डीजल की मार झेलनी पड़ रही है. (file)
Tax on Petrol & Diesel: देश में आम आदमी को महंगे पेट्रोल और डीजल की मार झेलनी पड़ रही है. बीते 15 दिनों में पेट्रोल और डीजल के भाव 9.50 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ गए हैं. इसके चलते बहुत सी जरूरी चीजों की कीमतें आसमान पर पहुंच रही है. अब सबकी निगाहें सरकार की ओर है कि शायद आने वाले दिनों में तेल पर कुछ राहत मिले. बता दें कि मई 2014 से अबतक यानी नरेंद्र मोदी सरकार में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 72 फीसदी तक इजाफा हो चुका है. वहीं इस दौरान पेट्रोल और डीजल पर लगाए जाने वाली एक्साइज ड्यूटी भी 530 फीसदी तक बए़ गई है. जबकि ब्रेंट क्रूड की कीमतें आज तकरीबन वहीं पर हैं, जहां मोदी सरकार के पहले कार्यकाल की शुरूआत में थीं. इस दौरान सरकार ने तेल से अपना खजाना खूब भरा है. बीते 3 साल में केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर टैक्स से करीब 8.02 लाख करोड़ रुपये की कमाई की है.
साल 2014 में क्रूड और पेट्रोल-डीजल
क्रूड की इंटरनेशनल कीमतें: 106 डॉलर/बैरल (मई 2014 में औसत)
पेट्रोल की कीमतें: (मई, 2014): 71.41 रु/लीटर (औसत)
डीजल की कीमतें: (मई, 2014): 55.49 रु/लीटर (औसत)
पेट्रोल पर टैक्स: 9.48 रुपये/लीटर
डीजल पर टैक्स: 3.56 रुपये/लीटर
अप्रैल 2022 में क्रूड और पेट्रोल-डीजल
क्रूड की इंटरनेशनल कीमतें: 109 डॉलर/बैरल
पेट्रोल की कीमत (5 अप्रैल,2022): 104.61 रु/लीटर
डीजल की कीमत (5 अप्रैल,2022): 95.87 रु/लीटर
पेट्रोल पर टैक्स: 27.90 रुपये/लीटर (इजाफा 203%)
डीजल पर टैक्स: 21.80 रुपये/लीटर (इजाफा 530%)
मोदी सरकार में एक्साइज ड्यूटी 530 फीसदी बढ़ी
जब 2014 में केंद्र में पहली बार मोदी सरकार बनी तो उस समय पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 9.20 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 3.46 रुपये प्रति लीटर थी. लेटेस्ट डाटा की बात करें तो पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 27.90 रुपये प्रति लीटर और 21.80 रुपये प्रति लीटर है. सरकार ने बीते साल दिवाली के आस पास ड्यूटी में कटौती की थी. उसके पहले यह 32.98 रुपये और 31.83 रुपये प्रति लीटर थी. फिलहाल मोदी सरकार के पहले टर्म की शुरूआत से अबतक लेटेस्ट ड्यूटी की बात करें तो पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 203 फीसदी से ज्यादा और डीजल पर करीब 530 फीसदी बढ़ी है.
आपको चुकानी पड़ रही है डबल से ज्यादा कीमत
पेट्रोलियम मिनिस्ट्री के तहत काम करने वाली पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल के मुताबिक दिल्ली में पेट्रोल के लिए चुकाए जाने वाली कीमत की बात करें तो प्रति 100 रुपये पर ग्राहकों को 45.3 रुपये टैक्स देना होता है. इसमें केंद्र सरकार को चुकाए जाने वाला टैक्स करीब 29 रुपये और राज्य सरकार को चुकाए जाने वाला टैक्स करीब 16.30 रुपये शामिल है. वहीं महाराष्ट्र में प्रति 100 रुपये पर सरकारों को 52.5 रुपये टैक्स, आंध्र प्रदेश में 52.4 रुपये, तेलंगाना में 51.6 रुपये, राजस्थान में 50.8 रुपये, मध्य प्रदेश में 50.6 रुपये, केरल में 50.2 रुपये और बिहार में 50 रुपये के करीब टैक्स देना पड़ता है. यानी आधे से भी ज्यादा कीमत आप सरकारों को टैक्स के रूप में देते हैं.
1 रुपये एक्साइज ड्यूटी बढ़ने से कितना फायदा
एक रिपोर्ट के मुताबिक पेट्रोल और डीजल की एक्साइज ड्यूटी में हर एक रुपये की बढ़ोतरी से केंद्र सरकार के खजाने में 13,000-14,000 करोड़ रुपये सालाना की बढ़ोतरी होती है. वहीं क्रूड की कीमतें घटने से सरकार को व्यापार घाटा कम करने में मदद मिलती है. असल में भारत अपनी जरूरतों का करीब 82 फीसदी क्रूड खरीदता है. ऐसे में क्रूड की कीमतें घटने से देश का करंट अकाउंट डेफिसिट (CAD) भी घट सकता है.
(नोट: यहां जानकारी मई 2014 से लेकर अबतक पेट्रोल, डीजल की कीमतों, क्रूड की कीमतों और एक्साइज ड्यूटी के डाटा के आधार पर दी गई है.)
(source: petroleum planning and analysis cell, India Oil Corporation)