/financial-express-hindi/media/post_banners/UxljsjZLMl4s2Fjlzwev.jpg)
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल के दाम 100 डॉलर (7573.85 रुपये) प्रति बैरल के पार पहुंच गए हैं लेकिन भारत में पिछले 118 दिनों से लगातार इसके भाव स्थिर बने हुए हैं. (Image- Reuters)
Petrol-Diesel Price Hike: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल के दाम 100 डॉलर (7573.85 रुपये) प्रति बैरल के पार पहुंच गए हैं लेकिन भारत में पिछले 118 दिनों से लगातार इसके भाव स्थिर बने हुए हैं. हालांकि अब अगले हफ्ते राज्यों के विधानसभा चुनाव खत्म हो जाएंगे और ब्रोकरेज फर्म जेपी मॉर्गन (JP Morgan) के मुताबिक उसके बाद तेल प्रति लीटर 9 रुपये महंगा हो सकता है. उत्तर प्रदेश की अगली विधानसभा के लिए आखिरी यानी सातवें चरण का मतदान 7 मार्च को होना है और फिर तीन दिन बाद 10 मार्च उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में हुए चुनाव की मतगणना होगी.
यूक्रेन पर रूस के हमले के चलते पश्चिमी देश रूस पर प्रतिबंध लगा रहे हैं और इनके सम्मिलित असर से वर्ष 2014 के मध्य से पहली बार वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के भाव 110 डॉलर (8331.24 रुपये) प्रति बैरल के पार पहुंच गए हैं. रूस से तेल व गैस की आपूर्ति प्रभावित होने की आशंका से तेल के भाव में तेजी दिख रही है.
सस्ते क्रूड प्राइस के हिसाब से बिक रहा भारत में तेल
तेल मंत्रालय के पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल (PPAC) के मुताबिक भारतीय क्रूड ऑयल बास्केट के भाव 1 मार्च को 102 डॉलर (7725.33 रुपये) प्रति बैरल के पार पहुंच गए. यह अगस्त 2014 के बाद सबसे अधिक हैं. यह पिछले साल नवंबर की शुरुआत में क्रूड ऑयल के औसत भाव 81.5 डॉलर (6172.69 रुपये) प्रति बैरल से काफी अधिक है जिस भाव पर अभी पेट्रोल व डीजल के भाव तय हैं. जेपी मॉर्गन की रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी तेल कंपनियों इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम व हिंदुस्तान पेट्रोलियम को प्रति लीटर तेल पर 5.7 रुपये का नुकसान हो रहा है और इस गणना में 2.5 रुपये प्रति लीटर के नॉर्मल मार्जिन को नहीं शामिल किया गया है. ऐसे में ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि तेल कंपनियां पेट्रोल-डीजल के भाव 9 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ा सकती हैं.
150 डॉलर तक पहुंच सकते हैं कच्चे तेल के भाव
रूस दुनिया का 10 फीसदी तेल उत्पादित करता है लेकिन भारत अपनी जरूरत का महज एक फीसदी (वर्ष 2021 में 43.4 हजार बैरल प्रतिदिन) ही रूस से आयात करता है. रूस से आयात पर कम निर्भरता के बावजूद चूंकि पेट्रोल-डीजल के भाव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रूड के भाव के हिसाब से हर दिन तय की जाती हैं तो अगले हफ्ते चुनाव प्रक्रिया खत्म होने पर लोगों पर महंगाई की मार पड़नी तय दिख रही है. भारत अपनी जरूरत का 85 फीसदी तेल आयात करता है. ब्रोकरेज फर्म का अनुमान है कि रूस पर प्रतिबंध सख्त होते हैं या आपूर्ति प्रभावित होती है तो क्रूड ऑयल 150 डॉलर (11360.77 रुपये) प्रति बैरल की ऊंचाई तक पहुंच सकता है लेकिन इस साल की आखिरी तिमाही अक्टूबर-दिसंबर 2021 में यह 86 डॉलर प्रति बैरल (6513.51 रुपए) तक फिसल सकता है.
(इनपुट: पीटीआई)
/financial-express-hindi/media/agency_attachments/PJD59wtzyQ2B4fdzFqpn.png)
Follow Us