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धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि क्योंकि सरकार का खर्च कोविड से राहत के कदमों की वजह से बढ़ गया है, इसलिए केंद्र कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च करने के लिए पैसे की बचत कर रहा है.
पेट्रोल और डीजल की कीमतें तेजी से बढ़ने के बीच पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को कहा कि क्योंकि सरकार का खर्च कोविड से राहत के कदमों की वजह से बढ़ गया है, इसलिए केंद्र कल्याणकारी योजनाओं पर खर्च करने के लिए पैसे की बचत कर रहा है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह मानते हैं कि तेल की कीमतों से ग्राहकों को परेशानी हो रही है, इस पर कोई संदेह नहीं है. लेकिन इस साल कोरोना वैक्सीन पर 35 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च हुआ है.
उन्होंने आगे कहा कि गरीबों को आठ महीने का राशन उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना पर 1 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. पीएम किसान के तहत किसानों के बैंक खातों में कुछ हजार करोड़ रुपये को ट्रांसफर किया गया है. ऐसे मुश्किल समय में, वे वेलफेयर स्कीमों पर खर्च करने के लिए पैसे की बचत कर रहे हैं.
#WATCH | I accept that current fuel prices are problematic for people but be it central/state govt, over Rs 35,000 crores have been being spent on vaccines in a year... In such dire times, we're saving money to spend on welfare schemes: Union Petroleum Minister Dharmendra Pradhan pic.twitter.com/ugObtQYiB6
— ANI (@ANI) June 13, 2021
प्रधान ने विपक्ष शासित राज्यों में सेल्स टैक्स में कटौती करने को कहा
केंद्र विपक्ष से तेल की कीमतों पर लगातार विरोध का सामना कर रहा है. प्रधान ने राजस्थान और महाराष्ट्र में कांग्रेस सरकारों से सेल्स टैक्स में कटौती को लेकर कहा कि क्या वह आम आदमी पर बोझ के बारे में इतनी ही चिंतित है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा मोदी सरकार पर लगातार हमले किए जाने के बारे में पूछे जाने पर प्रधान ने कहा कि राहुल गांधी को जवाब देना चाहिए कि कांग्रेस शासित राज्यों जैसे पंजाब, राजस्थान और महाराष्ट्र में तेल की कीमतें क्यों ज्यादा है. अगर वह गरीब आदमी को लेकर इतने ही चिंतित हैं, तो उन्हें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से टैक्स घटाने के लिए कहना चाहिए क्योंकि मुंबई में तेल के दाम बहुत ज्यादा हैं.
हालांकि, प्रधान इस पर टिप्पणी करने से रूक गए कि क्या भाजपा शासित राज्य जैसे मध्य प्रदेश और कर्नाटक, जहां पेट्रोल की कीमतें 100 रुपये के आंकड़े को पार कर गई हैं, यही कदम उठाएंगे.
पेट्रोल-डीजल की कीमतें अलग-अलग राज्यों में स्थानीय टैक्स के मुताबिक अलग होती हैं. इनमें वैट और उन पर लगने वाले मालभाड़ा के चार्ज शामिल हैं. इसकी वजह से वर्तमान में सात राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा है- राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और लद्दाख. कांग्रेस राजस्थान में सत्ता में है और महाराष्ट्र में शिवसेना और एनसीपी के साथ गठबंधन के जरिए सत्ता में मौजूद है. मध्य प्रदेश और कर्नाटक पर भाजपा का शासन है. लद्दाख भी केंद्र के शासन के अधीन है. आंध्र प्रदेश में वाय एस आर कांग्रेस, जबकि तेलंगाना में टीआरएस सत्ता में काबिज है.