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दुनिया में सबसे पहले कोरोना वैक्सीन बनाने वाली दवा कंपनियों में शामिल फाइज़र ने कहा है कि भारत में उसकी वैक्सीन को जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है.
Pfizer-BioNTech Covid-19 Vaccine: दुनिया में सबसे पहले कोरोना वैक्सीन बनाने वाली दवा कंपनियों में शामिल फाइज़र ने कहा है कि भारत में उसकी वैक्सीन को जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है. अमेरिकी कंपनी ने जानकारी दी है कि वह अपनी वैक्सीन को जल्द से जल्द मंजूरी दिलाने के लिए भारत सरकार से बात कर रही है. कंपनी ने आज ही यह एलान भी किया है कि वह भारत में कोरोना विस्फोट पर काबू पाने में मदद के लिए अपनी तरफ से करीब 7 करोड़ डॉलर यानी 510 करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य की दवाएं मुफ्त भेज रही है.
भारत सरकार को लागत मूल्य पर वैक्सीन देने का फाइज़र का प्रस्ताव
कंपनी के सीईओ अल्बर्ट बोरला (Albert Bourla) ने कहा कि उनकी कंपनी भारत में कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई में अपनी तरफ से पूरा सहयोग करना चाहती है. कंपनी ने अप्रैल में भी कहा था कि उसने भारत को अपनी वैक्सीन को बिना मुनाफे के लागत मूल्य पर मुहैया कराने का प्रस्ताव दिया है और वह महामारी पर काबू पाने में भारत सरकार के साथ पूरा सहयोग करना चाहती है.
कई महीने पहले एप्लीकेशन दिया, दुर्भाग्य से अब तक मंजूरी नहीं : फाइजर
फाइज़र ने इस सिलसिले में जारी बयान में कहा है कि कोरोना महामारी पर काबू पाने में वैक्सीन की भूमिका बेहद अहम है. लेकिन दुर्भाग्य से कई महीने पहले एप्लीकेशन देने के बावजूद भारत में हमारी वैक्सीन को अब तक मंजूरी नहीं दी गई है. फाइज़र के सीईओ अल्बर्ट बोरला ने भारत में अपनी कंपनी के कर्मचारियों के नाम लिखे एक ईमेल में कहा है कि कंपनी भारत सरकार के साथ इस बारे में बातचीत कर रही है, ताकि फाइजर-बायोएनटेक (Pfizer-BioNTech) वैक्सीन को भारत में इस्तेमाल की मंजूरी देने की प्रक्रिया को तेज किया जा सके. बोरला ने अपना यह ईमेल सोशल मीडिया पर शेयर भी किया है.
भारत सरकार के जरिये वैक्सीन सप्लाई करना चाहती है फाइजर
इससे पहले फाइजर ने कहा था कि महामारी के तेजी से फैलने के इस दौर में वह अपनी वैक्सीन सिर्फ सरकार के जरिये ही सप्लाई करना चाहती है. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक कंपनी ने अप्रैल में ईमेल पर दिए एक जवाब में कहा था कि फाइजर अपनी वैक्सीन को भारत सरकार के टीकाकरण कार्यक्रम के लिए उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
भारत सरकार ने पिछले महीने ही विदेशों में बनी उन वैक्सीन्स को भारत में इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी है, जिन्हें विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोप या जापान की तरफ से इमरजेंसी अप्रूवल दिया जा चुका है. रूस में बनी वैक्सीन स्पुतनिक वी को भी भारत में इमरजेंसी अप्रूवल मिल चुका है और उसकी पहली खेप इंपोर्ट के जरिए भारत पहुंच भी चुकी है. गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सबसे पहले फाइजर की वैक्सीन को ही इमरजेंसी अप्रूवल दिया था. ऐसे में इस वैक्सीन को अब तक भारत में इस्तेमाल की मंजूरी नहीं मिलना हैरानी की बात है.
भारत को 510 करोड़ से ज्यादा मूल्य की दवाएं मुफ्ते देगी फाइज़र
फाइज़र के सीईओ बोरला ने आज ही यह एलान भी किया है कि वह कोरोना के इलाज के लिए स्वीकृत अपनी दवाओं की एक बड़ी खेप मदद के तौर पर भारत भेज रहे हैं. करीब 7 करोड़ अमेरिकी डॉलर यानी 510 करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य की यह दवाएं भारत को फाइज़र के अमेरिका, यूरोप और एशिया में स्थित डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर्स के जरिए भेजी जा रही हैं. कंपनी यह दवाएं मदद के तौर पर मुफ्त में भेज रही है. बोरला ने कहा कि उनकी कंपनी भारत में महामारी की मौजूदा स्थिति से बेहद चिंतित है और वह इस लड़ाई में पूरी ताकत से भारत के लोगो के साथ खड़ी है. उन्होंने कहा कि फाइज़र ने इसके लिए अपने इतिहास का सबसे बड़ी रिलीफ वर्क शुरू किया है.
बोरला ने कहा कि हमारे दुनिया भर के डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर भारत में कोरोना के इलाज के लिए मंजूर दवाओं की बड़ी खेप भारत तक पहुंचाने में जुट गए हैं. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि फाइज़र की दवाएं भारत के सभी सरकारी अस्पतालों में भर्ती हर मरीज को उनकी जरूरत के हिसाब से मुफ्त में मिल सकें. इसके लिए कंपनी भारत सरकार और एनजीओ पार्टनर्स के साथ मिलकर लगातार काम करेगी.