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PMAY Gramin Deadline missed: सरकार ने समय पर सेंक्शन करने से चूक गए 22 राज्य और एक केंद्र शासित प्रदेश के कोटे का घर यूपी के कोटे में शामिल कर दिया.(IE File Photo)
PM Gramin Awas Yojana Deadline missed: प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana Gramin - PMAYG) को लेकर केंद्र सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया है. सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले 2.95 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य रखा था. लेकिन इस बीच खबर आ रही है कि केंद्र सरकार ने करीब दो दर्जन राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों से 1.44 लाख पीएम आवास का आवंटन वापस ले लिया है. सरकार का कहना है कि 30 जून तक 22 राज्य और एक केंद्र-शासित प्रदेश आवासो को आंवटित करने से चूक गए. मतलब समय रहते गरीबों और जरूरतमंदों को बांट नहीं सके. जिसके बाद केंद्र सरकार ने एक्स्ट्रा एलोकेशन के तहत इन 1.44 लाख आवासो को उत्तर प्रदेश के कोटे में दे दिए. इंडियन एक्सप्रेस ने इस बात की जानकारी दी.
इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रो के हवाले से बताया कि भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय (Ministry of Rural Development) ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इस बात की जानकारी दी है और उन्हें बताया है कि रुरल हाउसिंग स्कीम यानी ग्रामीण आवास योजना के तहत किन राज्यों और प्रदेशों के आवास कोटे को संशोधित (रिवाइज्ड) किए गए.
वक्त पर 1.44 लाख घर नहीं बनाने वाले राज्यों में ये हैं शामिल
पीएम आवास ग्रामीण योजना के तहत 30 जून तक बांटने से चूक गए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के हिस्से का आवास यूपी को दिया गया है. गुजरात, त्रिपुरा, ओडिशा, सिक्किम, मेघालय, महाराष्ट्र, असम, नागालैंड, मिजोरम, तमिलनाडु, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, लद्दाख, राजस्थान, मध्य प्रदेश, केरल, झारखंड , पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के हिस्से के आवास सरकार ने यूपी के खाते में दिया है.
इस आधार पर बनाए जाने थे पीएम ग्रामीण आवास
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने मार्च 2024 तक कुल 2.95 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य रखा था. जिनमें से सोशिओ-इकोनॉमिक कॉस्ट सेंसस (SECC) के आधार पर राज्यों में जरूरतमंदों और गरीबों को 2.04 करोड़ आवास आवंटित किए जाने थे. बाकी 91 लाख घर जून 2018 और मार्च 2019 के बीच देशभर में आयोजित Awas+ सर्वे के आधार पर चिन्हित किए गए लाभार्थियों के लिए बनाए जाने थे. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा कुल मिलाकर 1,44,220 घर वक्त पर सेंक्शन नहीं किए जा सके. जिनमें से सोशिओ इकोनॉमिक कॉस्ट सेंसस डेटा के आधार पर 7,496 और Awas+ सर्वे लिस्ट के आधार पर 1,36,724 घर 30 जून तक नहीं आवंटित किए गए.
(Article: Harikishan Sharma, IE)