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PM Modi on Palestine : पीएम मोदी ने राष्ट्रपति महमूद अब्बास से फोन पर की बात, कहा- इजरायल-फिलिस्तीन के मुद्दे पर अपने पुराने रुख पर कायम है भारत

PM Modi condoles deaths at Gaza hospital : पीएम मोदी ने फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से बातचीत के दौरान गाजा के अस्पताल में हुए धमाके में नागरिकों की मौत पर शोक भी जाहिर किया.

PM Modi condoles deaths at Gaza hospital : पीएम मोदी ने फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से बातचीत के दौरान गाजा के अस्पताल में हुए धमाके में नागरिकों की मौत पर शोक भी जाहिर किया.

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Viplav Rahi
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PM Modi calls Palestinian President: पीएम मोदी ने फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से फोन पर बात करके भरोसा दिलाया है कि भारत फिलिस्तीन के मुद्दे पर अपने लंबे समय से चले आ रहे रुख पर कायम है. (Photo: PTI)

PM Modi calls Palestinian Authority President, condoles deaths at Gaza hospital : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिलिस्तीनी अथॉरिटी के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से बात करके कहा है कि इजरायल-फिलिस्तीन के मुद्दे पर भारत अपने बरसों पुराने सैद्धांतिक रुख पर कायम है. उन्होंने गाजा में अल अहली अस्पताल में हुए धमाके में 500 से ज्यादा फिलिस्तीनी लोगों के मारे जाने की घटना पर शोक जाहिर करते हुए यह भरोसा भी जाहिर किया है कि भारत पहले की तरह फिलिस्तीनी लोगों के अपनी तरफ से मानवीय सहायता भेजना जारी रखेगा. फिलिस्तीन के साथ भारत के दशकों पुराने दोस्ताना रिश्तों के लिहाज से पीएम मोदी का राष्ट्रपति अब्बास से बात करना काफी मायने रखता है. उनके इस कदम से उन आलोचनाओं पर भी लगाम लगेगी, जिनमें पीएम मोदी पर संतुलित रुख अपनाने की बजाय इजरायल का इकतरफा समर्थन करने का आरोप लग रहा था.

भारत अपने लंबे समय से चले आ रहे सैद्धांतिक रुख पर कायम : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिलिस्तीनी अथॉरिटी के राष्ट्रपति से हुई बातचीत की जानकारी देते हुए अपनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (Twitter) पर लिखा, "मैंने फिलिस्तीनी अथॉरिटी के राष्ट्रपति महामहिम महमूद अब्बास से बात करके गाजा के अल अहली अस्पताल में आम नागरिकों की मौत पर अपनी संवेदना व्यक्त की. हम फिलिस्तीनी लोगों के लिए मानवीय सहायता भेजना जारी रखेंगे. बातचीत के दौरान मैंने पूरे क्षेत्र में आतंकवाद, हिंसा और बिगड़ती सुरक्षा की स्थिति पर गहरी चिंता भी साझा की और इजरायल-फिलिस्तीन मुद्दे पर भारत के लंबे समय से चले आ रहे सैद्धांतिक रुख को दोहराया."

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शरद पवार के बयान पर छिड़ा था विवाद

इससे पहले पीएम मोदी ने 7 अक्टूबर को इजरायल में हुए हमास के आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा था कि आतंकवाद के खिलाफ भारत पूरी तरह इजरायल के साथ खड़ा है. पीएम मोदी के इस रुख की आलोचना करते हुए देश के पूर्व रक्षा मंत्री और एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि इससे पहले स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी समेत भारत के सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों ने फिलिस्तीन के मुद्दे पर भारत की पुरानी नीति को कायम रखा था, जिसे पीएम मोदी ने बदल दिया है. पवार के इस बयान की केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल समेत कई बीजेपी नेताओं ने कड़ी निंदा की थी. लेकिन अब पीएम मोदी ने जिस तरह फिलिस्तीनी राष्ट्रपति को फोन करके भारत की लंबे समय से चली आ रही नीति पर कायम रहने का भरोसा दिलाया है, उससे इस मामले में बिलकुल नया मोड़ आ गया है. गाजा के अस्पताल में हुए धमाके में 500 से ज्यादा लोगों के मारे जानेकी निंदा संयुक्त राष्ट्र महासचिव तक कर चुके हैं. ऐसे में पीएम मोदी का फिलिस्तीनी राष्ट्रपति को फोन करके शोक जाहिर करना बिलकुल वाजिब कदम माना जाएगा.

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मानवीयता से जुड़े कानूनों का कड़ाई से पालन हो: भारत

भारत सरकार ने 13 दिन से जारी इजरायल-हमास जंग के दौरान अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों का सख्ती से पालन करने का आग्रह किया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत इस जंग के दौरान आम नागरिकों के मारे जाने, घायल होने और प्रभावित इलाकों में मौजूदा मानवीय संकट को लेकर चिंतित है. बागची ने कहा कि ''हम अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों का कड़ाई से पालन करने का आग्रह करते हैं. हमने इजरायल पर आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है.'' उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आतंकवाद के सभी स्वरूपों का मुकाबला करने के लिए एक साथ खड़ा होना चाहिए. उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन के मुद्दे पर भारत अपने पुराने रुख पर कायम है कि दोनों पक्षों के बीच सीधी बातचीत के जरिए दो देशों के सिद्धांत (two-state solution) के आधार पर समस्या का समाधान निकाला जाए.

गाजा में नरसंहार को रोकने के लिए यूएन आगे आए : फिलिस्तीनी राजदूत

संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन के राजदूत रियाद मंसूर ने कहा है कि गाजा में नरसंहार को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र (United Nations) को आगे आना चाहिए. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानून नरसंहार की इजाजत नहीं देते, फिर भी इजरायल गाजा में हर दिन बड़े पैमाने पर सामूहिक हिंसा कर रहा है. उन्होंने कहा कि इस हिंसा में कई परिवार पूरी तरह खत्म हो गए हैं और धमाकों की वजह से बेघर हुए लोगों के लिए बनाए गए शेल्टर, स्कूलों, अस्पतालों, रिहायशी इमारतों और गाड़ियों के काफिलों समेत तमाम जरूरी बुनियादी ढांचों पर हवाई हमले किए जा रहे हैं. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से नागरिकों के जीवन की सुरक्षा को प्राथमिकता देने की अपील करते हुए कहा कि मौजूदा हालात में फौरन संघर्ष विराम की मांग करने में भी दिखाई जा रही हिचकिचाहट अफसोसनाक है. मंसूर ने जोर देकर कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अगर तेजी से कदम उठाती, तो अनगिनत लोगों की जान बचाई जा सकती थी. उन्होंने इस विनाशकारी संघर्ष को रोकने के लिए एकजुटता के साथ प्रयास करने का आग्रह करते हुए इस बात पर जोर दिया कि इस जंग का बुरा असर फिलिस्तीनी इलाके ही नहीं, उससे बाहर भी पड़ रहा है. उन्होंने आग्रह किया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अपनी निष्क्रियता को छोड़े और इस संघर्ष को फौरन रोकने के लिए पहल करे.

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