/financial-express-hindi/media/media_files/2025/10/21/diwali-greeting-by-narendra-modi-2025-10-21-11-58-13.jpg)
प्रधानमंत्री ने पत्र के जरिए कहा - राम मंदिर के निर्माण के बाद यह दूसरी दिवाली है और भगवान राम धर्म का पालन करने और अन्याय के खिलाफ साहस दिखाने की शिक्षा देते हैं, जिसका उदाहरण हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर रहा. (Image: X/@narendramodi)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दिवाली के मौके पर देशवासियों को पत्र लिखते हुए कहा कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान न केवल धर्म और न्याय को बनाए रखा, बल्कि अन्याय का भी प्रतिकार किया. यह ऑपरेशन 7 से 10 मई के बीच पाहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में किया गया था.
मोदी ने लिखा, "यह राम मंदिर के भव्य निर्माण के बाद दूसरी दिवाली है. भगवान श्रीराम हमें धर्म के मार्ग पर चलना और अन्याय के खिलाफ लड़ने का साहस सिखाते हैं. ऑपरेशन सिंदूर इस बात का जीवंत उदाहरण है."
उन्होंने कहा कि इस साल की दिवाली खास है क्योंकि पहली बार देश के कई जिलों, खासकर दूरदराज़ इलाकों में भी दीपक जलाए जाएंगे. ये वही जिले हैं जहाँ नक्सलवाद और माओवादी आतंकवाद को जड़ से खत्म किया गया है.
प्रधानमंत्री ने बताया कि हाल के समय में कई लोगों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर विकास की मुख्यधारा में कदम रखा और देश के संविधान में विश्वास जताया. उन्होंने इसे देश के लिए बड़ी उपलब्धि बताया.
मोदी ने माओवादी आतंकवादियों पर भी टिप्पणी की, कुछ दिन पहले ही उन्होंने एनडीटीवी वर्ल्ड समिट 2025 में कहा था कि पिछले हफ्ते सिर्फ 24 घंटे में 300 से अधिक माओवादी विद्रोहियों ने आत्मसमर्पण किया. उन्होंने घरेलू आतंकवादियों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई और लड़ाई में हुई हिंसा व रक्तस्राव पर अपनी चिंता जताई.
पत्र में उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने वैश्विक संकटों के बीच स्थिरता और संवेदनशीलता का प्रतीक बनकर उभरा है. "हम जल्द ही विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर हैं. इस 'विकसित' और 'आत्मनिर्भर भारत' की यात्रा में नागरिकों के रूप में हमारी मुख्य जिम्मेदारी है कि हम देश के प्रति अपने कर्तव्य निभाएँ."
प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि हाल के दिनों में देश ने नई पीढ़ी के सुधार भी शुरू किए हैं. नवरात्रि के पहले दिन जीएसटी दरें कम की गईं, और इस 'जीएसटी बचत उत्सव' के दौरान नागरिकों ने हज़ारों करोड़ रुपये बचाए.
उन्होंने नागरिकों से स्वदेशी उत्पाद अपनाने की अपील की और कहा, "आइए हम 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' की भावना को बढ़ावा दें. सभी भाषाओं का सम्मान करें, स्वच्छता बनाए रखें, स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें, भोजन में तेल का इस्तेमाल 10% कम करें और योग अपनाएँ. ये सभी प्रयास हमें तेजी से 'विकसित भारत' की ओर ले जाएँगे."
मोदी ने दिवाली की सीख भी याद दिलाई: "जब एक दीपक दूसरे को जलाता है, तो उसकी रोशनी कम नहीं होती बल्कि बढ़ती है. इसी भावना के साथ, इस दिवाली समाज और आसपास में समानता, सहयोग और सकारात्मकता के दीप जलाएँ."
प्रिय देशवासियों,
दिवाली के इस पावन अवसर पर मैं आप सभी को दिल से शुभकामनाएँ देता हूँ. यह त्योहार ऊर्जा और उत्साह से भरा होता है. यह राम मंदिर के भव्य निर्माण के बाद दूसरी दिवाली है. भगवान श्रीराम हमें धर्म के मार्ग पर चलना सिखाते हैं और अन्याय के खिलाफ लड़ने का साहस भी देते हैं. कुछ महीने पहले ऑपरेशन सिंदूर में हमने इसका जीवंत उदाहरण देखा. इस ऑपरेशन में भारत ने न केवल धर्म की रक्षा की, बल्कि अन्याय का प्रतिकार भी किया.
इस दिवाली का महत्व इसलिए भी खास है क्योंकि पहली बार देश के कई जिलों, यहां तक कि दूर-दराज़ क्षेत्रों में भी दीपक जलाए जाएंगे. ये वे जिले हैं जहाँ नक्सलवाद और माओवादी आतंकवाद को जड़ से खत्म किया जा चुका है. हाल के समय में हमने देखा कि कई लोग हिंसा का रास्ता छोड़कर विकास की मुख्यधारा में शामिल हुए हैं और देश के संविधान में भरोसा जताया है. यह देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है.
इतिहासिक उपलब्धियों के बीच, हाल के दिनों में देश ने नई पीढ़ी के सुधारों की दिशा में भी कदम बढ़ाया है. नवरात्रि के पहले दिन जीएसटी दरों में कमी लागू की गई, जिससे नागरिकों ने “जीएसटी बचत उत्सव” के दौरान हज़ारों करोड़ रुपये बचाए.
विश्व में कई संकटों के बावजूद, भारत स्थिरता और संवेदनशीलता का प्रतीक बनकर उभरा है. हम जल्द ही विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर हैं. इस ‘विकसित’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की यात्रा में नागरिकों के रूप में हमारी मुख्य जिम्मेदारी है कि हम अपने कर्तव्य निभाएं.
आइए हम स्वदेशी उत्पाद अपनाएँ, गर्व से कहें – “यह है स्वदेशी!” आइए हम ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को बढ़ावा दें. सभी भाषाओं का सम्मान करें, स्वच्छता बनाए रखें, स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें, भोजन में तेल का इस्तेमाल 10% कम करें और योग अपनाएँ. ये सभी प्रयास हमें तेजी से विकसित भारत की ओर ले जाएँगे.
दिवाली हमें यह भी सिखाती है कि जब एक दीपक दूसरे को जलाता है, तो उसकी रोशनी कम नहीं होती बल्कि बढ़ती है. इसी भावना के साथ इस दिवाली समाज और आसपास में समानता, सहयोग और सकारात्मकता के दीप जलाएँ.
एक बार फिर आप सभी को हार्दिक शुभ दिवाली.