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किसानों के लिए खुशखबरी! PM मोदी ने 100वीं किसान रेल को दिखाई हरी झंडी

PM Modi ने यह भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार किसानों और कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए ऐतिहासिक निर्णय ले रही है.

PM Modi ने यह भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार किसानों और कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए ऐतिहासिक निर्णय ले रही है.

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Ashutosh Ojha
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पीएम का कहना है कि इससे किसानों की इनकम बढ़ाने में भी मदद मिलेगी.

PM Modi flags off 100th 'Kisan Rail': प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने सोमवार को 100वीं किसान रेल को संगोला, महाराष्ट्र से शालीमार, पश्चिम बंगाल के लिए रवाना किया. पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हरी झंडी दिखाई. पीएम ने यह भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार किसानों और कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए ऐतिहासिक निर्णय ले रही है. उनका मकसद ऐसी नीतियां लाना है जिसके जरिए कृषि सुधारों का असर दिखाई दे और वो पारदर्शी रहें.

पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार पूरे समर्पण और ताकत से किसानों और कृषि क्षेत्र को मजबूत करने ​की दिशा में काम कर रही है. पीएम मोदी की तरफ से यह बयान ऐसे समय में आया है, जब केंद्र सरकार की तरफ से पारित तीन कृषि कानूनों का किसान संगठन विरोध कर रहे हैं और कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं. पीएम ने कृषि कानूनों का सोमवार को उल्लेख तो नहीं किया लेकिन बताया कि ये सुधार किसानों के हित में हैं और विपक्षी पार्टियां किसानों को भ्रमित कर रही हैं.

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पीएम ने कहा कि किसान रेल उनकी सरकार की तरफ से शुरू की गई एक सुविधा है, जिससे छोटे और सीमांत किसानों को अपनी उपज दूर बाजारों तक पहुंचाने में मदद मिलती है. देश में छोटे और सीमांत किसानों की संख्या 80 फीसदी है. पीएम का कहना है कि इससे किसानों की इनकम बढ़ाने में भी मदद मिलेगी.

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क्या है किसान रेल?

किसान रेल एक तरह की स्पेशल पार्सन ट्रेन है. इसमें अनाज, फल और सब्जियों को लाने ले जाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. बजट 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किसान रेल का एलान किया था. यह पीपीपी मॉडल पर चलाई जाने वाली रेल सेवा है, जो किसानों द्वारा उगाए गए उपज, फल व सब्जियों को सीधे मंडी तक पहुंचाएंगी. इसमें माल भाड़े में किसानों को 50 फीसदी सब्सिडी देने का प्रावधान है. यानी किसानों को अपनी उपज को मंडियों में पहुंचाने की लागत कम होगी. वहीं, समय भी बचेगा. ताजे फल और सब्जियां मंडियों तक कम समय में पहुंच जाएंगे.

पहली किसान रेल 7 अगस्त को महाराष्ट्र के नासिक जिले स्थित देवलाली से बिहार के दानापुर के लिए रवाना हुई थी. किसान रेल एक तरह से रेल लाइन पर दौड़ता हुआ कोल्ड स्टोरेज है. असल में फल सब्जियों का ताजा रखने के लिए किसान रेल को पूरी तरह से वातानुकूलित बनाया गया है. इससे जल्द खराब होने वाले कृषि उत्पादों की सुरक्षित ढुलाई जहां हो सकेगी, वहीं किराया कम होगा. इससे किसान दूध और फल और सब्जी का उत्पादन बढ़ाने को प्रोत्साहित होंगे.