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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर 1 लाख करोड़ रुपये की ‘विकसित भारत रोजगार योजना’ युवाओं के लिए लॉन्च की. (Image: X/@socialepfo)
PM Modi announces launch of Pradhan Mantri Viksit Bharat Rozgar Yojana : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए विकसित भारत रोजगार योजना लॉन्च की. इस योजना की कुल लागत 1 लाख करोड़ रुपये है और इसके तहत युवाओं को निजी कंपनियों में नौकरी मिलने पर 15,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी. पीएम मोदी ने कहा कि इस योजना से लगभग 3.5 करोड़ युवाओं को रोजगार मिलने की उम्मीद है. सरकार कंपनियों को भी नए कर्मचारियों को रोजगार देने के लिए प्रोत्साहन देगी. यानी पीएम रोजगार योजना के तहत युवाओं को रोजगार के अवसर और कंपनियों को प्रोत्साहन दी जाएगी.
क्या है पीएम विकसित भारत रोजगार योजना?
पीएम विकसित भारत रोजगार योजना (PM-VBRY) भारत सरकार की एक नई पहल है, जो 15 अगस्त 2025 से देश में लागू हो चुकी है और देश में समावेशी व स्थायी रोजगार के अवसर बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की गई है. पहले इसे रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना यानी एम्पलॉयमेंट लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (ELI Scheme) कहा जाता था, लेकिन अब इसका नाम विकसित भारत मिशन के अनुरूप रखा गया है.
यूनियन कैबिनेट द्वारा अप्रूव इस योजना के तहत सरकार अगले दो सालों (अगस्त 2025 से जुलाई 2027) में 3.5 करोड़ से अधिक नए रोजगार सृजित करने का लक्ष्य लेकर चल रही है, जिनमें से करीब 1.92 करोड़ लोग पहली बार नौकरी करने वाले होंगे. लगभग 99,446 करोड़ रुपये की लागत वाली यह योजना खासतौर पर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर ध्यान देते हुए सभी सेक्टर्स में रोजगार बढ़ाने, युवाओं को संगठित क्षेत्र से जोड़ने और कंपनियों को नए रोजगार सृजन के लिए इंसेंटिव देने का काम करेगी.
एम्प्लॉयमेंट लिंक्ड इंसेंटिव (ELI) स्कीम का उद्देश्य
- करीब 99,446 करोड़ रुपये की लागत वाली स्कीम का उद्देश्य देश में 3.5 करोड़ से ज़्यादा नई नौकरियों को बढ़ावा देना
- इसमें से लगभग 1.92 करोड़ युवा पहली बार कार्यबल में शामिल होंगे.
- विशेष तौर पर मैन्युफैक्टरिंग (manufacturing) सेक्टर को सपोर्ट दिया जाएगा, ताकि रोजगार‑आधारित आर्थिक विकास को गति मिल सके.
- पहली बार नौकरी करने वालों को सरकार की तरफ से अधिकतम 15000 रुपये तक आर्थिक मदद.
- नौकरी करने वालों को सामाजिक सुरक्षा का फायदा देना.
- ऐसे नियोक्ताओं (कंपनियों) को भी प्रोत्साहन, जो नए लोगों को नौकरी पर रखेंगे.
- योजना सभी सेक्टर में लागू होगी, लेकिन फैक्टरी और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर खास ध्यान.
- लोगों की रोजगार पाने की क्षमता बढ़ाना.
- कर्मचारियों को पैसों से जुड़ी जरूरी जानकारी (फाइनेंशियल साक्षरता) देना ताकि वे समझदारी से पैसे का इस्तेमाल कर सकें.
- युवाओं को पहली बार संगठित क्षेत्र में रोजगार दिलवाना
सामाजिक सुरक्षा और फाइनेंशियल लिटरेसी को बढ़ावा देना
- कंपनियों को नए लोगों को नौकरी देने के लिए प्रोत्साहन राशि देना
- आर्थिक विकास को रोजगार आधारित बनाना, ताकि हर वर्ग को फायदा हो
- 2047 तक विकसित भारत मिशन के सपने को साकार करना
कर्मचारी और कंपनी, दोनों के लिए इन्सेंटिव की व्यवस्था
योजना का पार्ट ए कर्मचारियों को इन्सेंटिव देने की व्यवस्था करता है.
ईपीएफ में कवर्ड किसी भी संस्था या कंपनी में अगस्त 2025 से जुलाई 2025 के बीच में पहली बार नौकरी में आने वाले कर्मचारियों को उसके एक महीने के वेतन के बराबर इन्सेंटिव दी जाएगी.
यह राशि अधिकतम 15,000 रुपये तक हो सकती है. और दो किस्तों में दी जाएगी.
पहली किस्त लगातार 6 महीने तक उसी कंपनी के साथ काम करने के बाद और दूसरी किस्त 12 महीने की सर्विस पूरी करने के बाद तक दी जाएगी जब कर्मचारी ईपीएफओ के पोर्टल पर फाइनेंशियल लिटरेसी प्रोग्राम पूरी कर लेगा.
फाइनेंशियल लिटरेसी कोर्स कर्मचारियों में बचत, बीमा, साइबर सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा आदि की समझ बढ़ाने के उद्देश्य से बनाया गया है. इन्सेंटिव पाने के लिए अधिकतम एक लाख रुपये तक कर्मचारी एलिजिबल होंगे.
बचत की आदत को प्रोत्साहित करने के लिए दूसरी किस्त अवधि तक सरकार द्वारा निर्धारित बचत योजना में रखी जाएगी जिसे लाभार्थी मेच्योरिटी पर निकाल सकेगा.
इन कर्मचारियों को उमंग ऐप पर फेस ऑथंटिकेशन टेक्नोलॉजी के जरिए अपना UAN जनरेट, एक्टिवेट और ऑथेंटिकेट करना जरूरी होगा.
योजना का पार्ट बी एंप्लायर यानी कंपनी को अतिरिक्त रोजगार सृजन के लिए प्रोत्साहित करता है.
1 लाख रुपये तक वेतन वाले हर एक अतिरिक्त रोजगार पर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के एंप्लायर को 4 साल और बाकी सेक्टर के एंप्लायर को 2 साल तक इंसेंटिव दिया जाएगा. यह इंसेंटिव इस प्रकार है.
10 हजार रुपये तक वेतन पाने वाले हर एक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए उसके ईपीएफ वेतन का 10 फीसदी
10 हजार से अधिक और 20 हजार रुपये तक ईपीएफ वेतन वाले प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए दो हजार रुपये,
20 हजार से अधिक पाने वाले प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए 3 हजार रुपये की इंसेंटिव राशि कंपनी को मंथली दर से छमाही दी जाएगी. यह राशि प्रत्येक 6 महीने के सतत रोजगार पर दी जाएगी.