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मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने जिन 10 बड़ी बातों का जिक्र किया, यहां पढ़ सकते हैं. Photograph: (ANI)
PM Modi Mann Ki Baat: नया साल दरवाजे पर दस्तक देने को तैयार है और इस नए साल में हम सब एक ऐतिहासिक पल के गवाह बनने जा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात कार्यक्रम के 117वें एपिसोड में यह बात कही. उनका यह 2024 का आखिरी मन की बात है. अपने मंथली रेडियो प्रोग्राम में उन्होंने कहा कि नए साल में 26 जनवरी के दिन हमारे संविधान को लागू हुए 75 साल पूरे हो जाएंगे. यह हमारे लिए गर्व और उत्साह का अवसर है. इस दौरान उन्होंने इस साल नवंबर में छत्तीसगढ़ में आयोजित बस्तर ओलंपिक से लेकर महाकुंभ तक का जिक्र किया. मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने जिन 10 बड़ी बातों का जिक्र किया यहां पढ़ सकते हैं.
मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कही 10 बड़ी बातें
- प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान, जो हमारे देश के लोकतंत्र की नींव है, समय की हर कसौटी पर खरा उतरा है. हमारे संविधान निर्माताओं ने हमें ऐसा दस्तावेज दिया, जो हर भारतीय का मार्गदर्शक बना हुआ है. यह संविधान ही है जिसने हमें समानता, स्वतंत्रता और न्याय का अधिकार दिया. यह भारत का संविधान ही है, जिसकी वजह से मैं आज यहां हूं और आपसे बात कर पा रहा हूं.
- इस साल 26 नवंबर को संविधान दिवस के अवसर पर एक साल तक चलने वाली गतिविधियों की शुरुआत की गई है. देश के नागरिकों को संविधान की विरासत से जोड़ने के लिए एक खास वेबसाइट constitution75.com बनाई गई है. इस वेबसाइट पर आप संविधान की प्रस्तावना पढ़ सकते हैं, अपना वीडियो अपलोड कर सकते हैं, और अलग-अलग भाषाओं में संविधान के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं. मेरा विशेष आग्रह है कि स्कूल और कॉलेज के छात्र-छात्राएं इस वेबसाइट पर जरूर जाएं और इसका हिस्सा बनें.
- भारत, जो विविधता और एकता का प्रतीक है, अपनी सांस्कृतिक, भाषाई और खेल की धरोहर के माध्यम से दुनिया को प्रेरित कर रहा है. हमारे देश की यही विशिष्टता हमें गौरवान्वित करती है. तो आइए, इस नए साल में एकता, प्रगति, और समृद्धि का संकल्प लें.
- बस्तर ओलंपिक ने खेल के क्षेत्र में क्रांति ला दी है. बस्तर, जो कभी माओवादी हिंसा का केंद्र था, अब खेलों के माध्यम से नई पहचान बना रहा है. इसमें लाखों खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया है और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है. यह सिर्फ खेल नहीं, बल्कि युवाओं के संकल्प और जोश की कहानी है.
- अगले महीनेप्रयागराज में महाकुंभका आयोजन होने जा रहा है. संगम के तट पर जबरदस्त तैयारियां चल रही हैं. कुछ ही दिनों पहले जब मैं प्रयागराज गया था, तो हेलिकॉप्टर से कुंभ क्षेत्र का विहंगम दृश्य देखकर मन प्रसन्न हो गया. इतना विशाल, इतना सुंदर, इतनी भव्यता!महाकुंभकी विशेषता इसकी विविधता में है. करोड़ों लोग एकत्रित होकर इस आयोजन को भव्य बनाते हैं. इसमें लाखों संत, हजारों परंपराएं, और सैकड़ों संप्रदाय हिस्सा लेते हैं. कुंभ में हर व्यक्ति समान होता है, और विविधता में एकता का ऐसा अनुपम उदाहरण दुनिया में कहीं और देखने को नहीं मिलता. महाकुंभ के इस संदेश को लेकर जब हम वापस लौटें, तो समाज में विभाजन और विद्वेष को समाप्त करने का संकल्प भी लें. उन्होंने कहा कि गंगा की अविरल धारा की तरह, हमारा समाज भी अविभाज्य और अखंड होना चाहिए.
- इस बार महाकुंभ में श्रद्धालु डिजिटल महाकुंभ के भी साक्षी बनेंगे. डिजिटल नेविगेशन की मदद से आपको घाटों, मंदिरों और अखाड़ों तक पहुंचने का रास्ता मिलेगा. पहली बार कुंभ में एआई चैटबॉट का प्रयोग होगा, जो 11 भारतीय भाषाओं में जानकारी देगा. एआई-पावर्ड कैमरों से पूरा कुंभ क्षेत्र कवर किया जाएगा, ताकि यदि कोई व्यक्ति बिछड़ जाए, तो उसे तुरंत खोजा जा सके.
- भारत की क्रिएटिव इंडस्ट्री को और ऊंचाई देने के लिए अगले साल WAVES समिट का आयोजन होने जा रहा है. यह दुनिया भर के मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के दिग्गजों को भारत में लाएगा. यह समिट भारत को वैश्विक कंटेंट हब बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है.
- मन की बात में बच्चों की पसंदीदा एनीमेशन सीरीज ‘KTB – भारत हैं हम’ की भी चर्चा करना जरूरी है. यह सीरीज भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अनसुने नायकों की कहानियां बच्चों को रोचक अंदाज में सुनाती है. हाल ही में इसका दूसरा सीजनगोवामें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया में लॉन्च किया गया. यह सीरीज भारत की कई भाषाओं और विदेशी भाषाओं में भी उपलब्ध है.
- हमारी फिल्म और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री भारत की सांस्कृतिक विविधता को दुनिया के सामने ला रही है. इस साल हम फिल्म जगत की कई महान हस्तियों की 100वीं जयंती मना रहे हैं, जिन्होंने भारतीय सिनेमा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया. राज कपूर, रफ़ी साहब, अक्किनेनी नागेश्वर राव, और तपन सिन्हा जैसी हस्तियों का योगदान प्रेरणा का स्रोत है.
- दुनिया में भारतीय संस्कृति का प्रकाश फैल रहा है. मिस्र के विद्यार्थियों ने भारतीय संस्कृति पर आधारित पेंटिंग्स बनाई हैं, जिनमें देवी-देवता, नृत्य कलाएं, और ताजमहल शामिल हैं. दक्षिण अमेरिका के पराग्वे में एक इंजीनियर एरिक ह्युबर भारतीय आयुर्वेद का प्रचार कर रहे हैं. वहीं, फिजी में तमिल भाषा सिखाने का कार्यक्रम शुरू किया गया है. यह हमारे सांस्कृतिक और भाषाई धरोहर की वैश्विक लोकप्रियता का प्रतीक है. सर्दियों के मौसम में देश भर में खेल और फिटनेस को लेकर जागरूकता बढ़ रही है. कश्मीर में स्काइंग से लेकर गुजरात में पतंगबाजी तक हर जगह खेल का उत्साह है.