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PM Modi Amid Agnipath Protests: अग्निपथ का नाम लिए बिना बोले पीएम मोदी, कुछ रिफॉर्म पहले बुरे लगते हैं लेकिन बाद में देश को लाभ होता है

प्रधानमंत्री मोदी के बेंगलुरू में दिए भाषण को अग्निपथ योजना का नाम लिए बिना अपनी सरकार के फैसले को जायज ठहराने की कोशिश माना जा रहा है.

प्रधानमंत्री मोदी के बेंगलुरू में दिए भाषण को अग्निपथ योजना का नाम लिए बिना अपनी सरकार के फैसले को जायज ठहराने की कोशिश माना जा रहा है.

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FE Hindi Desk
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PM Modi Says Some Reforms may be unpleasant temporarily but beneficial over time

पीएम मोदी ने कर्नाटक के बेंगलूरु में कई सरकारी योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद रैली को संबोधित किया. (Video Screenshot : PM Modi's Twitter Handle)

PM Narendra Modi Amid Agnipath Scheme Row: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना में नए भर्ती होने वाले 75 फीसदी जवानों को 4 साल में रिटायर करने की अग्निपथ योजना पर पहली बार मुंह खोला है. हालांकि उन्होंने इस योजना का सीधे तौर पर नाम नहीं लिया, लेकिन देश भर में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में जिस तरह सुधारों की चर्चा की और उनके शुरुआत में बुरे लगने के बावजूद आगे चलकर देश के लिए लाभदायक साबित होने का दावा किया, उसे केंद्र सरकार के ताजा फैसले से जोड़कर देखा जा रहा है.

कर्नाटक के बेंगलूरु में सोमवार को दिए अपने भाषण में मोदी ने कहा, "स्टार्टअप और इन्नोवेशन का रास्ता आसान नहीं है. पिछले आठ वर्षों से देश को इस रास्ते पर आगे ले जाना भी आसान नहीं था. कई फैसले और सुधार अस्थायी रूप से अप्रिय लग सकते हैं, लेकिन समय के साथ देश को उनके लाभों का अनुभव होगा.’’ प्रधानमंत्री ने यह बात कई सरकारी परियोजनाओं की आधारशिला रखने और कुछ का उदघाटन करने के बाद दिए अपने भाषण में कही. पीएम मोदी ने इस भाषण में भले ही सीधे-सीधे अग्निपथ योजना का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके इस बयान को देश में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच अपनी सरकार के फैसले का बचाव करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.

सुधारों का मार्ग ही हमें नए लक्ष्यों की ओर ले जा सकता है : मोदी

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पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा, "सुधारों का मार्ग ही हमें नए लक्ष्यों और नए संकल्प की ओर ले जा सकता है… हमने उस अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र को निजी क्षेत्र के लिए खोलने का काम किया, जो कई दशकों तक सरकारी नियंत्रण में बंधे थे." उन्होंने कहा कि बेंगलुरू ने दिखाया है कि अगर सरकार सुविधाएं दे और नागरिकों के जीवन में कम हस्तक्षेप करे तो भारतीय युवा क्या कुछ हासिल कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि बेंगलुरु भारत के युवाओं के लिए सपनों का शहर है. इन्नोवेशन के साथ ही सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों का सही उपयोग इसके मुख्य कारण हैं.

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कुछ लोग प्राइवेट सेक्टर को नीचा दिखाने का प्रयास करते हैं : मोदी

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, "बेंगलुरु उन लोगों को अपनी मानसिकता बदलना सिखाता है जो आज भी भारत के निजी क्षेत्र और निजी उद्योगों को नीचा दिखाने का प्रयास करते हैं.’’ उन्होंने कहा कि बेंगलुरू 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' का सच्चा प्रतिबिंब है और इस शहर की प्रगति लाखों लोगों के सपनों से जुड़ी है. मोदी ने हमेशा की तरह एक बार फिर से पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि बेंगलुरु के लिए उपनगरीय रेलवे परियोजना पर अमल करने में 40 साल की देर हुई. अगर इसे समय पर पूरा कर लिया जाता, तो शहर के बुनियादी ढांचे पर इतना दबाव नहीं पड़ता. पीएम मोदी ने अपनी सरकार के कामकाज की तारीफ करते हुए कहा, "मैं समय बर्बाद नहीं करना चाहता और इसलिए हर पल काम करता रहूंगा."

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