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Driverless Metro: भारत भी अब उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा, जहां बिना ड्राइवर के मेट्रो ट्रेनें चलाई जा रही हैं.
PM Modi Inaugurates Driverless Metro In Delhi: भारत भी अब उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जहां बिना ड्राइवर के मेट्रो ट्रेनें चलाई जा रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की पहली ड्राइवरलेस मेट्रो सेवा का दिल्ली मेट्रो की मजेंटा लाइन पर आज यानी सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन किया है. देश में पहली बार मजेंटा लाइन पर बोटेनिकल गार्डन से जनकपुरी पश्चिम के बीच बगैर चालक के मेट्रो रफ्तार भरेगी. इसके साथ ही, पीएम मोदी एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) सेवा का भी शुभारंभ किया.
PMO के मुताबिक इससे आधुनिक प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से भारत में परिवहन और यातायात के एक नए युग का सूत्रपात होगा. दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) का कहना है कि चालक रहित मेट्रो ट्रेनें पूरी तरह स्वचालित होंगी, जिनमें मानवीय हस्तक्षेप की न्यूनतम आवश्यकता होगी. इससे मानवीय गलतियों के कारण परिचालन प्रभावित होने की आशंका समाप्त हो जाएगी.
Delhi: PM Narendra Modi inaugurates India’s first driverless train on Delhi Metro’s Magenta Line & launches National Common Mobility Card on the Airport Express Line, via video conferencing. pic.twitter.com/QpDTPZ8Z3h
— ANI (@ANI) December 28, 2020
पिंक लाइन पर भी शुरू होगी सर्विस
दिल्ली मेट्रो की मजेंटा लाइन (जनकपुरी पश्चिम-बॉटनिकल गार्डेन) पर ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेन सेवा शुरू होने के बाद पिंक लाइन (मजलिस पार्क-शिव विहार) पर 2021 के मध्य में ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेन सेवा शुरू होने की उम्मीद है. मजेंटा लाइन पर जनकपुरी-बॉटेनिकल गॉर्डन कॉरिडोर पर 37 किलोमीटर के दायरे में इस सेवा की शुरुआत के साथ दिल्ली-एनसीआर के यात्री अत्याधुनिक सेवाओं का अपनी सुविधा के लिए उपयोग कर सकेंगे.
यात्रियों का बचेगा समय
ड्राइवरलेस मेट्रो से यात्रियों को भी फायदा होगा और उनका समय बचेगा. मौजूदा समय की बात करें तो इस कारिडोर पर 5 मिनट 12 सेकंड के अंतराल पर मेट्रो का परिचालन होता है. ड्राइवरलेस मेट्रो के परिचालन का फायदा यह है कि यात्रियों का दबाव बढ़ने पर महज 90 सेकंड के अंतराल पर मेट्रो का परिचालन हो सकेगा. चालक रहित मेट्रो के चलने से मेट्रो की फ्रीक्वेंसी बढ़ सकेगी. यात्रियों को कम भीड़ मिलेगी. इसके साथ ही मेट्रो की आय भी बढ़ सकेगी.