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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारत के अगले 25 वर्षों के लिए विकास की रणनीति रखी.
PM Modi’s Development Strategy: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को 76वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भारत के अगले 25 वर्षों के लिए विकास की रणनीति रखी. इस अवसर पर उन्होंने देश को संबोधित करते हुए पांच प्रण का जिक्र किया. इस दौरान, पीएम मोदी ने देश के लोगों को एकता और एकजुटता का संदेश दिया. पीएम मोदी ने कहा कि हमें विकसित भारत के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ना होगा. पीएम मोदी ने कहा कि भारत को आने वाले वर्षों में पांच प्रण लेने होंगे. आइए जानते हैं कि पांच प्रण में कौन-कौन से प्रण शामिल हैं.
पीएम मोदी ने दिलाए 5 प्रण
एक विकसित भारत
प्रधानमंत्री ने विकसित भारत के लिए बड़े संकल्पों के साथ आगे बढ़ने की जरूरत पर बल दिया. उन्होंने कहा कि इसे प्राप्त करने के लिए स्वच्छता अभियान, टीकाकरण अभियान, 2.5 करोड़ लोगों को बिजली कनेक्शन, खुले में शौच को रोकना और अक्षय ऊर्जा स्रोतों पर ध्यान केंद्रित करने जैसी पहल की जा रही है.
गुलामी से मुक्ति
पीएम मोदी ने कहा, “किसी भी कोने में हमारे मन के भीतर गुलामी का एक भी अंश अगर अभी भी है तो उसको किसी भी हालत में बचने नहीं देना है. अब शत प्रतिशत सैंकड़ों साल की गुलामी में जो हमें जकड़कर रखा है, हमें उससे मुक्ति पानी ही होगी. पीएम मोदी ने लोगों की मानसिकता को बदलने के लिए दासता के सभी विचारों को मिटाने पर भी जोर दिया. मोदी के अनुसार, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) दासता की मानसिकता से छुटकारा पाने का तरीका है. उन्होंने कहा, "हमें देश की हर भाषा पर गर्व होना चाहिए." उन्होंने डिजिटल इंडिया के उदय की प्रशंसा की. उन्होंने यह भी कहा कि स्टार्ट-अप देश की उभरती शक्ति का परिणाम हैं.
विरासत पर गर्व
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया में समस्याओं का समाधान देने के लिए अपनी विरासत पर गर्व करना जरूरी है. उन्होंने आगे कहा, "जब हम अपनी धरती से जुड़ेंगे, तभी हम ऊंची उड़ान भर पाएंगे. पर्यावरण की सुरक्षा हमारी विरासत में छिपी है." उन्होंने कहा कि हमें हमारी विरासत पर गर्व होना चाहिए. यही विरासत जिसने कभी भारत का स्वर्णिम काल दिया था.
एकता और एकजुटता
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विविधता का जश्न मनाकर एकता और एकजुटता हासिल की जा सकती है. महिलाओं का सम्मान, लैंगिक समानता और श्रमिकों का सम्मान विविधता का जश्न मनाने का हिस्सा हैं. उन्होंने महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव को भी खत्म करने का संदेश दिया और कहा कि नागरिकों को इससे बाहर निकलने का प्रयास करना चाहिए.
नागरिकों का कर्तव्य
विकास रणनीति के तहत पीएम मोदी ने देश के प्रति नागरिकों के कर्तव्य पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा, "नागरिकों का कर्तव्य प्रगति का मार्ग प्रशस्त करता है. यह बुनियादी जीवन शक्ति है." उन्होंने कहा कि इस कर्तव्य को केवल आम आदमी को ही नहीं बल्कि खुद प्रधानमंत्री सहित केंद्रीय मंत्रियों को भी पूरा करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इससे पीएम भी बाहर नहीं होता, सीएम भी बाहर नहीं होता है. वो भी नागरिक हैं. आने वाले 25 साल के सपनों को पूरा करने के लिए एक बहुत बड़ी प्राणशक्ति है. जब सपने बड़े होते हैं. जब संकल्प बड़े होते हैं तो पुरुषार्थ भी बहुत बड़ा होता है.