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Biggest Vaccination Programme in India: पीएम मोदी ने कहा कि भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण का प्रोग्राम शुरू होने जा रहा है.
Vaccination in India: पीएम मोदी ने कोरोना वायरस पर बड़ा एलान करते हुए कहा कि भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण का प्रोग्राम शुरू होने जा रहा है. इसके लिए देश के हर नागरिक को अपने वैज्ञानिको और टेक्निशियनों के योगदान पर गर्व है. भारत के वैज्ञानिकों ने एक नहीं बल्कि दो-दो 'मेड इन इंडिया' कोरोना वैक्सीन तैयार कर ली है. बता दें कि ड्रग रेगुलेटर ने देश में 2 कंपनियों के वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है. एक ही साथ 2 कंपनियों के वैक्सीन को मंजूरी देने वाला भारत पहला देश है.
पीएम मोदी ने आज नेशनल मेट्रोलॉजी कॉन्क्लेव में हिस्सा लिया. जहां उन्होंने इस सबसे बड़े वैक्सीनेशन प्रोग्राम के शुरू होने की बात कही है. पीएम मोदी ने कहा कि नया साल देश के लिए बड़ी उपलब्धि लेकर आया है. नए दशक में यह देश का गौरव बढ़ाने वाला है. पीएम मोदी ने कहा कि 'मेड इन इंडिया' सिर्फ देश के लिए ही नहीं बल्कि दुनियाभर के लिए अहम है. और दुनिया के कई देशों ने इसे स्वीकार किया है. उन्होंने कहा कि हमें ब्रांड इंडिया को आगे बढ़ाना है.
2 वैक्सीन भारत में मंजूर
भारत के ड्रग रेगुलेटर DCGI ने देश में सीरम इंस्टीट्यूट की कोविड वैक्सीन कोविशील्ड (Covishield) और भारत बायोटेक की स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) को सशर्त इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी है. पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के कोविशील्ड
को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा डेवलप किया गया है. वहीं कोवैक्सीन को भारत बायोटेक और ICMR ने मिलकर विकसित किया है.
एक साथ 2 वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी देने वाला भारत पहला देश बन गया है. ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) द्वारा दोनों वैक्सीन को इमरजेंसी में इस्तेमाल की मंजूरी दिए जाने को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने निर्णायक टर्निंग प्वॉइंट बताया है, जिससे कोरोना के खिलाफ जंग और मजबूत होगी. उन्होंने देशवासियों, वैज्ञानिकों और इनोवेटर्स को बधाई देते हुए कहा कि इससे अधिक स्वस्थ और कोविड फ्री भारत की मुहिम को बल मिलेगा.
क्वालिटी पर रहेगा जोर
पीएम मोदी ने कहा कि क्वालिटी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी क्वांटिटी. हमारे स्टैंडर्ड आत्मनिर्भर भारत की खोज में और उंचे होने चाहिए. उन्होंने कहा कि पहले हमें क्वॉलिटी माप के लिए विदेशी स्टैंडर्ड पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन नए दशक में क्वॉलिटी स्टैंडर्ड के लिए विदेशी निर्भरता कम करनी होगी. नए मानकों से एक्सपोर्ट और इम्पोर्ट क्वॉलिटी सुनिश्चित होगी. हमारे क्वॉलिटी स्टैंडर्ड यह तय करेंगे कि दुनिया में भारत और भारत के प्रोडक्ट्स की ताकत कितनी बढ़ेगी.