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New Parliament Inauguration: पीएम मोदी ने नए संसद भवन का किया उद्घाटन, क्या है खासियत?

पीएम मोदी ने तमिलनाडु से संबंध रखने वाले चांदी से निर्मित और सोने की परत वाले ऐतिहासिक राजदंड (सेंगोल) को लोकसभा अध्यक्ष के आसन के नजदीक दाईं ओर स्थापित किया.

पीएम मोदी ने तमिलनाडु से संबंध रखने वाले चांदी से निर्मित और सोने की परत वाले ऐतिहासिक राजदंड (सेंगोल) को लोकसभा अध्यक्ष के आसन के नजदीक दाईं ओर स्थापित किया.

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FE Hindi Desk
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करीब 971 करोड़ की लागत से बने नए संसद भवन का पीएम मोदी ने किया उद्घाटन. (ANI)

New Parliament Building Inauguration By PM Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार सुबह नए संसद भवन का उद्घाटन किया. पारंपरिक परिधान में प्रधानमंत्री मोदी द्वार संख्या-एक से संसद परिसर के भीतर आए और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उनका स्वागत किया. पीएम मोदी ने नए संसद भवन के उद्घाटन के मौके पर ईश्वर का आशीर्वाद लेने के लिए कर्नाटक के श्रृंगेरी मठ के पुजारियों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच ‘गणपति होमम्’ अनुष्ठान किया.

लोकसभा स्पीकर की सीट के पास सेंगोल आएगा नजर

PM Modi installs Sengol near LokSabha Speakers chair
नए संसद भवन में लोकसभा स्पीकर चेयर के नजदीक दाईं ओर सेंगोल को पीएम मोदी ने मौजूदा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला की मौजूदगी में स्थापित किया. (PTI Photo)
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प्रधानमंत्री ने ‘सेंगोल’ (राजदंड) को दंडवत प्रणाम किया और हाथ में पवित्र राजदंड लेकर तमिलनाडु के विभिन्न अधीनमों के पुजारियों का आशीर्वाद लिया. इसके बाद ‘नादस्वरम्’ की धुनों के बीच प्रधानमंत्री मोदी सेंगोल को नए संसद भवन लेकर गए और इसे लोकसभा कक्ष में अध्यक्ष के आसन के दाईं ओर एक विशेष स्थान में स्थापित किया. नए संसद भवन के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कुछ कर्मचारियों को भी पीएम मोदी ने सम्मानित किया. इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह, एस. जयशंकर और जितेंद्र सिंह, कई राज्यों के मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे. पी. नड्डा मौजूद रहे.

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संसद के नए भवन की ये है खूबियां

कई विपक्षी दलों के बहिष्कार के बीच पीएम मोदी ने अत्याधुनिक तकनीक से लैस नए संसद भवन को देश को समर्पित किया. नए संसद भवन में उत्तर प्रदेश के भदोही की कालीन, त्रिपुरा के बांस से बने फर्श और राजस्थान के पत्थर की नक्काशी भारत की संस्कृतिक विविधता को दर्शाती है. पीएम मोदी ने तमिलनाडु से संबंध रखने वाले चांदी से निर्मित और सोने की परत वाले ऐतिहासिक राजदंड (सेंगोल) को लोकसभा अध्यक्ष चेयर के नजदीक दाईं ओर स्थापित किया. त्रिभुजाकार वाला चार मंजिला संसद का नया भवन 64,500 वर्ग मीटर में फैला है. टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा निर्मित नए संसद भवन में भारत की लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक भव्य संविधान हॉल, संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग स्थल मौजूद है. भवन के तीन मुख्य द्वार हैं- ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार. इसमें वीआईपी (अति विशिष्ट व्यक्तियों), सांसदों और आगंतुकों के लिए अलग-अलग प्रवेश द्वार हैं.

नए संसद भवन के निर्माण में उपयोग की गई सामग्री देश के विभिन्न हिस्सों से लाई गई है. इसमें प्रयुक्त सागौन की लकड़ी महाराष्ट्र के नागपुर से लाई गई है, जबकि लाल और सफेद बलुआ पत्थर राजस्थान के सरमथुरा से लाया गया है. राष्ट्रीय राजधानी में लाल किले और हुमायूं के मकबरे के लिए बलुआ पत्थर भी सरमथुरा से लाया गया था. हरा पत्थर उदयपुर से, तो अजमेर के पास लाखा से लाल ग्रेनाइट और सफेद संगमरमर अंबाजी राजस्थान से मंगवाया गया है.

लोकसभा और राज्यसभा कक्षों में ‘फाल्स सीलिंग’ के लिए स्टील की संरचना केंद्र शासित प्रदेश दमन और दीव से मंगाई गई है, जबकि नये भवन के लिए फर्नीचर मुंबई में तैयार किया गया था. इमारत पर लगी पत्थर की ‘जाली’ राजस्थान के राजनगर और उत्तर प्रदेश के नोएडा से मंगवाई गई थी. अशोक चिह्न के लिए सामग्री महाराष्ट्र के औरंगाबाद और राजस्थान के जयपुर से लाई गई थी, जबकि संसद भवन के बाहरी हिस्सों में लगी सामग्री को मध्य प्रदेश के इंदौर से मंगाया गया था. पत्थर की नक्काशी का काम आबू रोड और उदयपुर के मूर्तिकारों द्वारा किया गया था. 

वहीं, पत्थरों को कोटपूतली, राजस्थान से लाया गया था. नए संसद भवन में निर्माण गतिविधियों के लिए ठोस मिश्रण बनाने के वास्ते हरियाणा के चरखी दादरी में निर्मित रेत या ‘एम-रेत’ का इस्तेमाल किया गया. ‘एम रेत’ एक प्रकार की कृत्रिम रेत है, जिसे बड़े सख्त पत्थरों या ग्रेनाइट को बारीक कणों में तोड़कर बनाया जाता है और जो नदी की रेत से अलग होती है. निर्माण में इस्तेमाल की गई ‘फ्लाई ऐश’ की ईंटें हरियाणा और उत्तर प्रदेश से मंगवाई गई थीं, जबकि पीतल के काम के लिए सामग्री और ‘पहले से तैयार सांचे’ गुजरात के अहमदाबाद से लाए गए थे. नए संसद भवन में दोनों सदनों यानी लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक में 1,280 सदस्य शामिल हो सकेंगे. 

75 रुपये का सिक्का हुआ जारी

संसद के नए भवन के उद्घाटन के अवसर पर 75 रुपये का सिक्का भी जारी किया गया है. सिक्के का वजन 35 ग्राम है और यह चार धातुओं से बना हुआ है. सिक्के के एक तरफ अशोक स्तंभ का शेर अंकित है, जिसके नीचे ‘सत्यमेव जयते’ लिखा है. इसके बाईं ओर देवनागरी में ‘भारत’ और दाईं ओर अंग्रेजी में ‘इंडिया’ लिखा होने के साथ ही रुपये का प्रतीक चिन्ह भी अंकित है. वहीं, सिक्के के दूसरी तरफ नए संसद भवन की तस्वीर है. इसके ऊपर देवनागरी में ‘संसद संकुल’ और नीचे अंग्रेजी में ‘पार्लियामेंट कॉम्प्लेक्स’ लिखा है. नीचे 2023 भी लिखा हुआ है. 

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