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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय डेयरी संघ विश्व डेयरी सम्मेलन 2022 का उद्घाटन किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि पिछले 5-6 सालों में एग्रीकल्चर और डेयरी सेक्टर में 1,000 से अधिक स्टार्टअप बनाए गए हैं.उन्होंने कहा कि भारत के डेयरी सेक्टर में महिलाएं 70 फीसदी वर्कफोर्स का रिप्रेजेंटेशन करती हैं और इनमें से एक तिहाई से अधिक महिलाएं डेयरी सहकारी समितियों की सदस्य हैं. पीएम मोदी ने ये बातें सोमवार को ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में आयोजित अंतरराष्ट्रीय डेयरी संघ विश्व डेयरी सम्मेलन 2022 के उद्घाटन समारोह में कहीं.
पशुओं में लम्पी स्कीन डिजीज (LSD) डेयरी सेक्टर के लिए चिंता का विषय बनकर उभरी है. मोदी ने कहा केंद्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर पशुओं में हो रहे LSD रोग को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है. कई राज्य पशुओं में इस बीमारी से जूझ रहे हैं. वर्ल्ड डेयरी समिट में पीएम मोदी ने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों ने इस रोग के लिए स्वदेशी टीका भी तैयार किया है. हाल के दिनों में भारत के कई राज्यों में इस बीमारी के कारण नुकसान उठाना पड़ा है.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत में हम पशुओं के यूनिवर्सल वैक्सीनेशन पर भी ज़ोर दे रहे हैं. हमने संकल्प लिया है कि 2025 तक हम सौ फीसदी पशुओं को फुट एंड माउथ डिजीज़ और ब्रुसलॉसिस की वैक्सीन लगाएंगे. हम इस दशक के अंत तक इन बीमारियों से पूरी तरह से मुक्ति का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं. प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत डेयरी पशुओं का सबसे बड़ा डेटाबेस बना रहा है और डेयरी सेक्टर से जुड़े हर पशु को चिह्नित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 'एनिमल बेस' योजना के तहत आधुनिक तकनीक की मदद से पशुओं की बायोमेट्रिक पहचान की जा रही है.
कैसे फैलती है लम्पी स्कीन डिजीज
लम्पी स्कीन डिजीज (LSD) एक वायरस के संक्रमण के कारण होने वाली बीमारी है, जो पशुओं को प्रभावित करती है. इस संक्रमण के कारण पशुओं की स्किन पर गांठें बन जती हैं और वे बुखार की चपेट में आ जाते हैं. इस बीमारी के कारण पशुओं की मौत भी हो जाती है. पशुओं में LSD रोग मच्छरों, मक्खियों, जूं और ततैयों के काटने से फैलता है. इसके अलावा दूषित खाने और पानी से भी यह बीमारी पशुओं में फैलती है.