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Budget 2020: फसल बीमा योजना में हो सुधार, एग्री कमोडिटी के वायदा कारोबार पर लगे रोक; कृषि विशेषज्ञों ने दिए ये सुझाव

Union Budget 2020 Pre-Budget Meeting: कृषि विशेषज्ञों ने सरकार से एग्री इनपुट यानी कृषि के कच्चे माल पर जीएसटी हटाने, फसल बीमा योजना में सुधार लाने, एग्री कमोडिटी के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध लगाने जैसे सुझाव दिए.

Union Budget 2020 Pre-Budget Meeting: कृषि विशेषज्ञों ने सरकार से एग्री इनपुट यानी कृषि के कच्चे माल पर जीएसटी हटाने, फसल बीमा योजना में सुधार लाने, एग्री कमोडिटी के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध लगाने जैसे सुझाव दिए.

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Pre Budget Meeting, Pre Budget Consultation Meeting

कृषि विशेषज्ञों ने सरकार से एग्री इनपुट यानी कृषि के कच्चे माल पर जीएसटी हटाने, फसल बीमा योजना में सुधार लाने, एग्री कमोडिटी के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध लगाने जैसे सुझाव दिए.

Pre Budget Meeting, Pre Budget Consultation Meeting कृषि विशेषज्ञों ने सरकार से एग्री इनपुट यानी कृषि के कच्चे माल पर जीएसटी हटाने, फसल बीमा योजना में सुधार लाने, एग्री कमोडिटी के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध लगाने जैसे सुझाव दिए.

Pre-Budget Consultation Meeting: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ प्री-बजट बैठक के दौरान कृषि विशेषज्ञों ने सरकार से एग्री इनपुट यानी कृषि के कच्चे माल पर GST हटाने, फसल बीमा योजना में सुधार लाने, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) निर्धारित करते समय लीज पर ली गई जमीन के किराये को शामिल करने और एग्री कमोडिटी के वायदा कारोबार पर प्रतिबंध लगाने जैसे सुझाव दिए. बता देंं, वित्‍‍‍त मंत्री 1 फरवरी को बजट 2020 (Budget 2020) पेश कर सकती हैं.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ इस बैठक के दौरान, आर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के उपायों, भ्रूण, पशु और सीमेन पर आयात शुल्क को 30 फीसदी से घटाकर शून्य करने, इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार (e-NAM) में सुधार करने और खाद्य सुरक्षा अधिनियम की दोबारा समीक्षा करने जैसी कुछ अन्य सिफारिशें भी की गईं. बैठक में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर और वित्त, कृषि, उपभोक्ता मामले, खाद्य प्रसंस्करण, पशुपालन मंत्रालय के साथ-साथ नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे.  10 लाख रुपये से ज्यादा की आमदनी पर मिलेगी टैक्स छूट? FICCI ने दिये ये सुझाव

कृषि कमोडिटी का वायदा कारोबार बंद हो 

भारतीय किसान संघ (BKS) के दिनेश कुलकर्णी ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘खाद, बीज और कृषि उपकरण जैसे हर कृषि कच्चे माल पर जीएसटी शून्य होना चाहिए.’’ उन्होंने यह भी कहा कि कृषि कमोडिटी का वायदा कारोबार नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे उपभोक्ताओं या किसानों को कोई लाभ नहीं होता है. उन्होंने सरकार से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर विभिन्न फसलों की खरीद बढ़ाने का भी अनुरोध किया.

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डेयरी उत्पादों पर GST 5% करे सरकार

भारत कृषक समाज के अध्यक्ष अजय वीर जाखड़ ने मांग की कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) को नई फसल बीमा और क्षतिपूर्ति योजना से बदल देना चाहिए या किसान आपदा और राहत राहत आयोग का गठन किया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को प्रोसेस्ड फूड और डेयरी उत्पादों पर जीएसटी घटाकर 5 फीसदी करना चाहिए.

NDP-II को रफ्तार तेज की जाए

राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के कार्यकारी निदेशक अरुण रस्ते ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि भ्रूण, पशु और सीमेन पर आयात शुल्क को शून्य किया जाए. सरकार को जल्द से जल्द राष्ट्रीय डेयरी योजना (NDP-II) के कार्यान्वयन की गति को भी तेज करनी चाहिए और इसके लिए बजट में प्रावधान करना चाहिए.’’

NDP-II, का उद्देश्य डेयरी क्षेत्र में उत्पादकता को बढ़ावा देना है, जिसपर एक अरब डॉलर की लागत आने का अनुमान है. इसमें से 50 फीसदी विश्व बैंक द्वारा वहन किया जाएगा और 30 फीसदी केंद्र और शेष 20 फीसदी एनडीडीबी द्वारा खर्च किया जाएगा.

कंसोर्टियम ऑफ इंडियन फार्मर्स एसोसिएशन (CIFA) के महासचिव बी डी रामी रेड्डी ने कहा कि सरकार को फसलों के लिए एमएसपी निर्धारित करते समय लीज पर लिए खेत के किराये पर भी गौर करना चाहिए जैसाकि स्वामीनाथन आयोग ने सिफारिश की थी.

Input: PTI