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अगर स्कूलों ने प्रपोजल नहीं जमा किया तो अकादमिक सत्र 2022-23 में फीस में बढ़ोतरी भी नहीं होगी. (Representative Image)
Delhi Private School Fee Hike: दिल्ली में सरकारी जमीन पर चल रहे निजी स्कूलों में बच्चों को बढ़ाना महंगा हो सकता है. डायरेक्टोरेट ऑफ एजुकेशन (DoE) के मुकाबिक ने स्कूल अकादमिक सत्र 2022-23 के लिए फीस में बढ़ोतरी के लिए प्रस्ताव दाखिल कर सकते हैं. विभाग के मुताबिक बिना पूर्व मंजूरी के स्कूल खुद से फीस में बढ़ोतरी नहीं कर सकते हैं. स्कूल फीस में बढ़ोतरी का प्रपोजल 12 जून (रविवार) से लेकर 27 जून के बीच दाखिल कर सकते हैं.
स्कूलों द्वारा भेजे गए प्रपोजल की छंटनी होगी और डीओई का कोई अधिकारी इसकी जांच करेगा. सभी स्कूलों को सख्त निर्देश दिया गया है कि प्रस्ताव पर जब तक आगे फैसला नहीं दिया जाता है, स्कूल फीस नहीं बढ़ा सकते हैं. अगर स्कूलों ने प्रपोजल नहीं जमा किया तो अकादमिक सत्र 2022-23 में फीस में बढ़ोतरी भी नहीं होगी.
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पुराना प्रपोजल पेंडिंग तो अब नया करना होगा दाखिल
डीओई ने एक सर्कुलर जारी किया है. इसके मुताबिक दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी (DDA) या अन्य जमीन पर मालिकाना हक वाली एजेंसियों द्वारा आवंटित की गई जमीनों पर चल रहे अनएडेड मान्यताप्राप्त स्कूलों ने ने अकादमिक सत्र 2020-21 के लिए फीस में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दाखिल किया था. यह अभी तक पेंडिंग है और अब इनका कोई मतलब नहीं रह गया है. डीओई के सर्कुलर के मुताबिक अब इन स्कूलों को अकादमिक सत्र 2022-23 के लिए फिर से फीस में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दाखिल करना होगा.
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दो साल बाद मंगाया जा रहा प्रपोजल
दिल्ली सरकार ने दो साल के अंतराल के बाद फीस में बढ़ोतरी के लिए प्रस्ताव मंगाया है. करीब दो साल पहले वर्ष 2020 में लॉकडाउन के बाद डीओई ने स्कूलों को निर्देश दिया था कि ट्यूशन फीस के अलावा कोई शुल्क न लिया. इसके अलावा उन्हें फीस बढ़ाने से भी रोक दिया गया था.
(Input: PTI)